क्या ट्रंप यूक्रेन-रूस के बीच युद्धविराम करा सकेंगे? रूस से जो संकेत मिले हैं, उससे ये मुश्किल लग रहा है, क्योंकि ट्रंप के दो आइडिया रूस ने रिजेक्ट कर दिए हैं. रूस ने साफ कर दिया है कि अमेरिका से युद्ध पर न तो किसी तरह की डील की जाएगी और न ही यूक्रेन में बाहरी देशों की सेना का आना मंजूर किया जाएगा. रूस के रुख से साफ है कि किसी भी कीमत पर यूक्रेन की स्थिति पहले जैसी नहीं रहने दी जाएगी. यूक्रेन भौगोलिक तौर पर भी बदला जाएगा और उसका अस्तित्व भी पहले जैसा नहीं रहेगा.
यही वजह है कि यूक्रेन पर कब्जे की जंग को और तेज कर दिया गया है. ताबड़तोड़ प्रहार से यूक्रेन दहल रहा है. यूक्रेन की जमीन पर बर्फ है और आसमान से लगातार आग बरस रही है. रूस की इस्कंदर मिसाइल तबाही मचा रही है. कामिकाजे ड्रोन से धमाके हो रहे हैं. यूक्रेन के सैनिक किसी तरह फ्रंटलाइन पर डटे हैं लेकिन बारूद की कमी के चलते आर्टिलरी खामोश है.
सीमा पर चेकिंग खत्म, चेकपोस्ट से भागी सेना
यूक्रेन के सैनिक सीमा पर मौजूद चौकियों को छोड़ चुके हैं. यूक्रेन के भीतर कई किलोमीटर तक अब यूक्रेनी फौज नजर नहीं आ रही है. यूक्रेन की तय होती हार का इससे बड़ा सबूत और क्या हो सकता है. यही वजह है कि यूक्रेन में गिरते तापमान के साथ ही हार की दहशत बढ़ती जा रही है.
अंतर सिर्फ हमलों की संख्या का नहीं बल्कि एक बहुत बड़ा फर्क ताकत और हथियारों का भी है. यूक्रेन के लिए अब युद्ध में बने रहना आसान नहीं है. यूक्रेन के पास सिर्फ 50 ATACMS मिसाइल बची हैं तो दूसरी तरफ रूस के पास 1400 मिसाइलें हैं. अब जरा सोचिए यूक्रेन रूस के सामने कब तक टिक सकेगा.
50 मिसाइलों से क्या यूक्रेन अपनी हार टाल सकेगा?
एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन ने अपनी ATACMS का बहुत बड़ा स्टॉक डोनेस्क में खत्म कर लिया. इसके बाद बाइडेन ने यूक्रेन को रूस में इस मिसाइल से हमले की छूट दी. आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका से यूक्रेन को 500 ATACMS मिसाइल मिली थी लेकिन रूस में यूक्रेन ने सिर्फ 31 मिसाइलों से हमला किया.
रूस की सीमा के भीतर सिर्फ 14 स्टॉर्म शैडो मिसाइलें दागी गईं. अब बाकी की 50 मिसाइलों से क्या यूक्रेन अपनी हार टाल सकेगा? ये सवाल इसलिए क्योंकि बाइडेन ने बाइडेन ने अगला रक्षा बजट पास कर दिया है. इसमें प्रशांत क्षेत्र, पूर्वी एशिया और ताइवान के लिए भारी रकम का ऐलान है लेकिन यूक्रेन को अहमियत नहीं दी गई है.
रूस के पास 50 हाइपरसोनिक किंझल मिसाइलें
दूसरी तरफ यूक्रेन की खुफिया एजेंसी की जानकारी के मुताबिक, रूस के पास मिसाइलों बहुत बड़ा स्टॉक मौजूद है. यूक्रेन के पास जितनी ATACMS हैं, उतनी यानी रूस के पास 50 हाइपरसोनिक किंझल मिसाइलें हैं. 500 अनिक्स और 350 कैलिबर मिसाइलों का स्टॉक है. रूस के पास 130 इस्कंदर मिसाइलें हैं.
रूस के पास मिसाइलों का जितना बड़ा स्टॉक है, उससे यूक्रेन का संपूर्ण दहन हो सकता है. दूसरी तरफ इन मिसाइलों का प्रोडक्शन भी तेज है. रूस एक महीने में ही 40 से 50 इस्कंदर मिसाइलें बना लेता है. हर महीने रूस में ऐसी 50 कैलिबर मिसाइलें तैयार होती हैं.
कुर्स्क में यूक्रेनी फौज पर 400 गोले दागे गए
यानी एक तरफ यूक्रेन के लिए हथियारों का रास्ता बंद हो रहा है तो दूसरी तरफ रूस बेहद तेजी से हथियार बना रहा है. अगले 30 दिनों में यूक्रेन की क्या हालत होगी, इसका अंदाजा आप पिछले 24 घंटे और 7 दिनों में हुए हमलों से लगा सकते हैं. रूस के ताबड़तोड़ प्रहार से यूक्रेन लाचार होता जा रहा है.
बीते 24 घंटे में यूक्रेन पर 158 बार हमले हुए हैं. सबसे भीषण जंग पोक्रोवस्क और कुर्स्क में चल रही है. पोक्रोवस्क में रूसी सेना ने 54 बार हमला किया तो वहीं कुर्स्क में यूक्रेनी फौज पर 400 गोले दागे गए हैं. बीते सात दिनों से यूक्रेन पर लगातार प्रहार हो रहा है. रूस ने 280 गाइडेड बम से हमला किया.
यूक्रेन के 3 टैंक और 3 बख्तरबंद वाहन भी तबाह
7 दिनों में 370 ड्रोन हमलों से यूक्रेन में कई धमाके हुए हैं. एक हफ्ते में ही रूस ने अपनी मिसाइल शक्ति दिखाते हुए 80 मिसाइलों से हमला किया और यूक्रेन में भारी तबाही हुई है. कुर्स्क में भीषण जंग के बीच 24 घंटे में यूक्रेन को बड़ा नुकसान हुआ है. कुर्स्क में यूक्रेन के 400 सैनिकों की मौत हो गई है. यूक्रेन के 3 टैंक और 3 बख्तरबंद वाहन भी नष्ट हो गए.
अब पूरी दुनिया जानती है कि रूस ने यूक्रेन पर हमला इसलिए क्योंकि यूक्रेन के नाटो सेना रूस की सीमा तक पहुंचने वाली थी. काला सागर में भी अमेरिका अपना वर्चस्व बढ़ाने वाला था. यही वजह है कि रूस को लग रहा है कि ट्रंप भी अमेरिका के हितों को ध्यान में रखते हुए यूक्रेन के पक्ष को कमजोर नहीं पड़ने देंगे और रूस के पास संपूर्ण यूक्रेन पर कब्जे के अलावा कोई विकल्प नहीं है.
ब्यूरो रिपोर्ट, टीवी9 भारतवर्ष.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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