ईरान में मानवाधिकार उल्लंघन की चिंता बढ़ती ही जा रही है, इस्लामिक गणराज्य ने नए साल के पहले ही दिन 15 कैदियों को फांसी के फंदे पर लटका दिया है. अमेरिका स्थित मानवाधिकार कार्यकर्ता समाचार एजेंसी (HRANA) ने बुधवार को बताया कि 2025 की शुरुआत से ईरान ने विभिन्न जेलों में कम से कम 15 कैदियों को फांसी दी है.
HRANA ने पिछले हफ्ते ही जानकारी दी थी कि 2024 में ईरान ने 883 लोगों को फांसी दी है, जो एक साल के आंकड़े के हिसाब से एक दशक में सबसे अधिक संख्या है. हालांकि सऊदी अरब में भी बीते साल एक दशक में सबसे ज्यादा 330 कैदियों को फांसी की सज़ा दी गई, लेकिन यह ईरान के मुकाबले आधे से भी कम है.
गेजेल हेसर जेल में फांसी के मामले अधिक
ईरान में नए साल के पहले दिन दी गई फांसी की सज़ा के मामलों में नशीली दवाओं से संबंधित अपराध और हत्या के आरोप शामिल थे. 10 कैदियों को कराज के गेज़ेल हेसर जेल में फांसी दी गई. दिसंबर में अमेरिका ने इस जेल का खास तौर पर जिक्र किया, जिसमें पिछले कुछ वर्षों में सैकड़ों असंतुष्टों को यातना देने और फांसी देने का हवाला दिया गया. ईरान में दी गई इन फांसी के मामलों ने मुल्क में मौत की सज़ाओं की बढ़ती संख्या के बारे में चिंताओं को बढ़ा दिया है.
पहले दिन 3 अफगान नागरिकों को दी मौत
वहीं खास बात ये है कि अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान की वापसी के साथ ही ईरान में अफगानी नागरिकों को सजा-ए-मौत के मामले बढ़े हैं. नए साल के मौके पर दी गई फांसी के 15 मामलों में से 3 अफगानी नागरिक थे.
अफगान नागरिकों को सज़ा-ए-मौत के बढ़े मामले
ईरान के मानवाधिकार संगठन की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, ईरान ने 2024 में 70 से अधिक अफ़गान नागरिकों को मृत्युदंड दिया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 300 प्रतिशत की वृद्धि है. अधिकांश मृत्युदंड नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों के लिए दिए गए थे, जिनमें से अधिकांश कज़ेल हेसर सेंट्रल जेल में हुए थे.
पिछले तीन वर्षों में ईरान में मारे गए अफ़गान नागरिकों की वार्षिक संख्या में लगातार वृद्धि हुई है. 2022 में 16 अफगान नागरिकों को फांसी दी गई थी, जबकि 2023 में 25 और 2024 के पहले 11 महीनों में 72 लोगों को मौत की सज़ा दी गई थी.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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