इजराइल के साथ चली लंबी लड़ाई के बाद लेबनान में हालात सामान्य हो रहे हैं. 9 जनवरी को राष्ट्रपति जोसेफ औन के शपथ लेने के बाद देश को नया प्रधानमंत्री भी मिल गया है. हेग की अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के अध्यक्ष नवाफ सलाम को लेबनान का नया प्रधानमंत्री बनाया गया है.
संसद के 128 सदस्यों में से दो तिहाई ने 71 साल के न्यायाधीश के पक्ष में वोट किया. लेबनान में प्रधानमंत्री का पद सांप्रदायिक सत्ता बंटवारे प्रणाली के तहत सुन्नी मुस्लिम के लिए रिजर्व है. उनके सामने लेबनान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नजीब मिकाती थे, जिन्हें महज से 9 वोट मिलें. इस पद के लिए हिजबुल्लाह ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था और उसका समर्थन मिकाती के लिए था.
Following the election of General Joseph Aoun as Lebanons new President, Judge Nawaf Salam has been chosen as the new Prime Minister today. We hope this marks the beginning of a promising new era for #Lebanon, Congratulations #WeAreLebanon pic.twitter.com/AsuitCQ2ee
— We Are Lebanon (@WeAreLebanon) January 13, 2025
सलाम अभी अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के प्रमुख के रूप में कार्यरत हैं और उन्हें सऊदी के साथ-साथ पश्चिमी देशों का भी समर्थन प्राप्त है.
लेबनान के लिए उम्मीद की किरण
नवाफ सलाम को 14 महीने तक चले इजराइल-हिजबुल्लाह युद्ध के बाद उम्मीद की एक किरण के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें 4,000 लोग मारे गए और 16,000 से अधिक घायल हुए हैं. जानकारों को मानना है कि नवाफ बेहतर तरीके से लेबनान को युद्ध से उभार सकते हैं, क्योंकि वह सऊदी अरब और पश्चिमी देशों की पसंद हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान रखते हैं.
हिजबुल्लाह की पसंद नहीं सलाम
इजराइल युद्ध में बुरी तरह नुकसान झेलने वाले हिजबुल्लाह के लिए पश्चिमी और सऊदी की पसंद का प्रधानमंत्री अच्छी खबर नहीं है. हिजबुल्लाह समर्थित सांसदों के समूह के प्रमुख मोहम्मद राद ने नये राष्ट्रपति जनरल जोसेफ औन से मुलाकात के बाद कहा, “जब बात कब्जाधारियों को हमारे देश छोड़ने के लिए मजबूर करने, कैदियों को वापस लाने, पुनर्निर्माण और इजराइल-हिजबुल्ला युद्ध को समाप्त करने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को लागू करने की होगी, तो हम उनके कार्यों को देखेंगे.”
करीब 3 साल बाद मिला नेतृत्व
इजराइल से युद्ध ही नहीं लेबनान लंबे समय से आर्थिक और राजनीतिक संकट झेल रहा है. लेबनान अक्टूबर 2022 से राष्ट्रपति के बिना था, हिजबुल्लाह और इजराइल के बीच चौतरफा युद्ध और बढ़े आर्थिक संकट के बीच एक कार्यवाहक सरकार ही देश संचालित कर रही है. राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मिलने के बाद अब देश को संसद के नए अध्यक्ष का इंतजार है, जोकि शिया मुस्लिम समुदाय से आता है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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