पाकिस्तान में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थकों के बीच यह अटकलें तेज हो गई हैं कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इमरान खान की रिहाई में हस्तक्षेप कर सकते हैं. 20 जनवरी, 2025 को ट्रंप के सत्ता में आने के साथ ही उनके इमरान खान के मामले में सक्रिय भूमिका निभाने की संभावनाओं की चर्चाएं तेज हैं. ट्रंप और खान के बीच पिछले कार्यकाल के दौरान दोस्ताना रिश्ते थे. इसलिए इमरान खान के समर्थकों को उम्मीद हैं कि ट्रंप इस मामले में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं.
इमरान खान साल 2023 में सरकारी तोहफे अवैध रूप से बेचने के आरोप में तीन साल की सजा सुनाई गई थी. इसके साथ ही मई 2023 में उनकी गिरफ्तारी के बाद हुए हिंसा के लिए आतंकवाद संबंधी आरोपों का सामना कर रहे हैं. पाकिस्तान में खान की रिहाई को लेकर यह अटकलें हैं कि ट्रंप अपने विशेष दूत रिचर्ड ग्रेनेल के माध्यम से इस मुद्दे को उठा सकते हैं. ग्रेनेल ने नवंबर 2023 में ट्वीट कर इमरान खान की रिहाई का समर्थन किया था, जो पाकिस्तान के PTI कार्यकर्ताओं के इस्लामाबाद में मार्च के दौरान गिरफ्तारी के विरोध में था.
अमेरिका में लॉबिंग करेंगे इमरान के नेता
अमेरिका में कई पाकिस्तानी रहते हैं लेकिन उनमें पीटीआई समर्थकों की तादाद ज्यादा है. ऐसे में कहा जा रहा है कि वे अमेरिकी सरकार से दबाव बनाने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं ताकि पाकिस्तान पर इमरान खान की रिहाई के लिए दबाव डाला जा सके. विदेशों में बसे PTI नेताओं का मानना है कि ट्रंप और खान के बीच मजबूत व्यक्तिगत संबंध हैं, जिससे यह संभव हो सकता है कि ट्रंप पाकिस्तान सरकार पर इमरान खान की रिहाई के लिए प्रभाव डालें.
ट्रंप के साथ इमरान के बेहतर रिश्ते
इस मामले में रिचर्ड ग्रेनेल का बयान भी काफी अहम है. ग्रेनेल ने यह दावा किया था कि ट्रंप प्रशासन के दौरान अमेरिकी-पाकिस्तानी रिश्ते बेहतर थे, और यह खासकर उस समय था जब इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे. ग्रेनेल के बयान को एक संकेत के रूप में देखा जा रहा है कि ट्रंप अपनी टीम का उपयोग करके पाकिस्तान से इमरान खान की रिहाई की मांग कर सकते हैं.
पाकिस्तान में सियासत तेज
इसके साथ ही पाकिस्तान में सेना से जुड़े कुछ आंकड़े भी राजनीतिक हलचलों को बढ़ा रहे हैं. पाकिस्तान के प्रमुख सियासी नेता सेनटर फैसल वाडा ने दावा किया कि 22 जनवरी को शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ एक बड़ा स्कैंडल सामने आएगा, जिससे सरकारी अधिकारियों को जेल भी हो सकती है. यह घटनाक्रम पाकिस्तानी राजनीति में उथल-पुथल का कारण बन सकता है, जिससे इमरान खान के समर्थकों को यह उम्मीद मिल रही है कि उनका मामला भी इसी राजनीति के हिस्से के रूप में सामने आ सकता है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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