मध्य प्रदेश सरकार पर कर्ज बढ़ता ही जा रहा है. साल 2024 में सरकार अब तक कुल 45.5 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है. वहीं, एक बार फिर से सरकार बाजार से पांच हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है. राज्य की मोहन यादव सरकार की ओर से 26 दिसंबर को 5 हजार करोड़ का नया कर्ज लिया जाएगा. सरकार का कहना है कि यह कर्ज विकास परियोजनाओं के लिए खर्च होंगे जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी.
हालांकि सरकार यह रकम 2500 करोड़ रुपए की दो किस्तों में लेगी. यह कर्ज सरकार सरकारी स्टॉक बेचकर लेगी. वहीं पहली किस्त राज्य सरकार 21 साल और दूसरी किस्त 17 साल में चुकाएगी. मध्य प्रदेश सरकार पर पहले से ही काफी कर्ज है. वहीं अगर इस वित्तीय वर्ष में लिए गए कर्ज को जोड़ दिया जाए तो मध्य प्रदेश 4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के कर्ज के दलदल में पहुंच चुका है. पिछले महीने मोहन यादव सरकार ने पांच हजार करोड़ का कर्ज लिया था.
सरकार ने कब-कब और कितना लिया कर्ज?
राज्य की मोहन यादव सरकार ने इस साल 23 जनवरी को 2500 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था. यह मोहन यादव सरकार की ओर से लिया गया पहला कर्ज था. वहीं, इसके अगले महीने ही सरकार ने तीन अलग-अगल तारीखों को कुल 13 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया. 6 फरवरी को 3 हजार करोड़, 20 फरवरी को 5 हजार करोड़ और 27 फरवरी को सरकार ने फिर से 5 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था.
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वहीं, अगले महीने 26 मार्च को फिर से 5 हजार करोड़ का लोन लिया गया. इसके बाद अगस्त में सरकार ने 10 हजार करोड़ का कर्ज लिया था. 6 अगस्त को पांच हजार करोड़ वहीं, 27 अगस्त को भी सरकार ने 5 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था. यह कर्ज दो बार में ढाई-ढाई हजार करोड़ रुपए के रूप में लिया गया. जिसकी भरपाई सरकार 14-14 साल की अवधि में करेगी. वहीं, 24 सितंबर को 5 हजार करोड़, 8 अक्टूबर को 5 हजार करोड़ और फिर 26 नवंबर को 5 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया.
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