प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी 25 दिसंबर को अटल बिहारी जयंती के मौके पर मध्य प्रदेश के खजुराहो में केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना का शिलान्यास करेंगे. राष्ट्रीय नदी जोड़ो नीति के तहत यह इस तरह का पहला प्रयास होगा. जिसका शिलान्यास पीएम मोदी आज करने जा रहे हैं. इस परियोजना के तहत मध्य प्रदेश के 10 जिलों के लगभग 44 लाख और उत्तर प्रदेश के 21 लाख लोगों को पीने का पानी मिलेगा. जिसकी अनुमानित लागत 44605 करोड़ रुपये है. पीएम पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहार वाजपेयी की स्मृति में स्टॉम्प और सिक्का भी जारी करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को दोपहर 12:10 बजे खजुराहो पहुंचेंगे.
केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना, देश में भूमिगत दाब युक्त पाइप सिंचाई प्रणाली अपनाने वाली सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना है. इस परियोजना से मध्यप्रदेश के 10 जिलों को फायदा मिलेगा. जिसमें छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, शिवपुरी, दतिया, रायसेन, विदिशा और सागर में 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई की सुविधा मिलेगी. इस योजना से 44 लाख किसानों को फायदा मिलेगा.
इस परियोजना से उत्तर प्रदेश में 59 हजार हेक्टेयर वार्षिक सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी. इसके अलावा 1.92 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मौजूदा सिंचाई का स्थिरीकरण किया जायेगा. जिससे उत्तर प्रदेश के महोबा, झांसी, ललितपुर एवं बांदा जिलों में सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी. परियोजना से मध्यप्रदेश की 44 लाख और उत्तर प्रदेश की 21 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा उपलब्ध होगी.
2030 में पूरा होगा प्रोजेक्ट
इस परियोजना से क्षेत्र के लोगों को पेयजल की सुविधा भी मिलेगी. इसके साथ ही, जलविद्युत परियोजनाएं हरित ऊर्जा में 100 मेगावाट से अधिक का योगदान देंगी. इस परियोजना से लोगों को रोजगार के मौके भी मिलेंगे. पीएम मोदी की इस महत्वाकांक्षी परियोजना को मार्च 2030 तक पूरा करने का टारगेट रखा गया है. इसके लिए जमीन का अधिग्रहण, प्रभावित लोगों को मुआवजा देने, पर्यावरण से मंजूरी लेने का काम चल रहा है.
अटल ग्राम सुशासन भवनों का भूमि-पूजन
प्रधानमंत्री मोदी मध्यप्रदेश में 1153 अटल ग्राम सुशासन भवनों का भूमि-पूजन कर प्रथम किश्त का जारी करेंगे. प्रदेश की 23 हजार ग्राम पंचायतों में से भवन विहीन, जीर्ण-शीर्ण भवन और अनुपयोगी 2500 ग्राम पंचायतों को नवीन भवन की स्वीकृति के लिये चिन्हित किया गया है. शुरुआती चरण में 1153 नवीन पंचायत भवनों के लिये 437.62 करोड़ रूपये के कार्य स्वीकृत किये गये हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री स्व. वाजपेयी का मत था कि पंचायत भवन, ग्राम पंचायत की सर्वाधिक मूल एवं महत्वपूर्ण अधोसरंचना है. इन भवनों की ग्राम पंचायतों के व्यवहारिक रूप से कार्य एवं दायित्वों के संवहन और कार्य संपादन में महत्वपूर्ण भूमिका है. मध्यप्रदेश सरकार ने पंचायतों को सशक्त करने के लिये समस्त ग्राम पंचायतों में नवीन पंचायत भवन एवं क्लस्टर स्तर पर क्लस्टर पंचायत भवन स्वीकृत करने का निर्णय लिया है.
ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना
प्रधानमंत्री मोदी मध्यप्रदेश के खण्डवा जिले के ओंकारेश्वर में स्थापित फ्लोटिंग सौर परियोजना का लोकार्पण करेंगे. परियोजना के प्रथम चरण में इस साल अक्टूबर माह से पूर्ण क्षमता से विद्युत उत्पादन प्रारंभ हो गया है. परियोजना के द्वितीय चरण की 240 मेगावॉट क्षमता के लिये एमपीपीएसीए से आवश्यक सहमति उपरांत चयनित विकासक “सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड” से अनुबंध हस्ताक्षरित किया जाना प्रस्तावित है. पुण्य सलिला मां नर्मदा के ऊपर ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना को प्रदेश की जनता को समर्पित करना प्रदेश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता और ग्रीन ऊर्जा के प्रति सरकार के सतत प्रयासों को प्रदर्शित करता है.
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