रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास के बीच महायुद्ध में हम दुनिया को जलते हुए देख रहे हैं। लाखों लोगों के कत्लेआम और अमूल्य संपदा के खास होने के बावजूद तीसरे महायुद्ध का खतरा बढ़ गया है। मुस्लिम देश ईरान ने धमकी दी है कि अगर उसे अपने अस्तित्व पर खतरा महसूस हुआ तो वह परमाणु हमले से नहीं चूकेगा। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के सलाहकार ने कहा है कि इजरायल अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। अगर उसे इजरायल से खतरा महसूस हुआ तो वह परमाणु युद्ध नीति को लेकर खाई अपनी कसम भूल जाएगा।
पिछले कुछ महीनों से इजरायली हुकूमत हमास आतंकियों को जड़ से खत्म करने के चक्कर में पूरी दुनिया से पंगा लेने पर लगी है। पहले उसने गाजा शहर में कत्लेआम मचाया और अब हमास को खत्म करने के लिए राफा में नरसंहार के लिए कदम बढ़ा दिए हैं। हमास को चोट पहुंचाने के लिए इजरायल उसके कथित दोस्तों को भी निशाना बना रही है। ईरान के कमांडरों को हवाई हमले में मौत के घाट उतारकर इजरायल इस मुस्लिम देश से पंगा ले चुका है। जवाब में ईरान ने भी काउंटर अटैक कर दुश्मनी को और हवा दे दी। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के सलाहकार ने कहा है कि इजरायल से तेज होती दुश्मनी ने उसे अपनी परमाणु नीति को बदलने पर मजबूर कर दिया है। ईरान ने जोर देकर कहा है कि अगर इजरायल उसके लिए खतरा महसूस हुआ तो वह परमाणु हमले से भी पीछे नहीं हटेगा।
ईरान का इजरायल को परमाणु हमले की धमकी देना मामूली बात नहीं है, खासकर तब जब दुनिया पहले ही दो महायुद्ध को अपनी आंखों के सामने देख रही है। फरवरी 2022 से रूस और यूक्रेन के बीच कत्लेआम जारी है। उधर, इजरायल हमास के नामो-निशान को मिटा देने की कसम खा चुका है। पहले गाजा को श्मशान बनाया और अब राफा शहर में नरसंहार का खतरा मंडरा रहा है। इजरायली सेना राफा पर कभी भी हमला कर सकती है। अनुमान है कि राफा में कम से कम 16 लाख फिलिस्तीनी रह रहे हैं, इनमें लाखों गाजा से भागे वे लोग हैं, जिन्होंने इजरायली रक्षा बलों के हमलों में अपना सबकुछ गंवा दिया है।
खामेनेई के सलाहकार कमल खर्राज़ी ने बड़ा बयान देकर तीसरे महायुद्ध की संभावना को बढ़ा दिया है। खर्राजी ने ईरान के परमाणु सिद्धांत में बदलाव का संकेत दिया है। कहा कि ईरान ऐसा नहीं करना चाहता लेकिन, अगर उसे अपने अस्तित्व पर खतरा महसूस हुआ तो वह परमाणु हमले से भी नहीं चूकेगा। खर्राजी ने कहा, “परमाणु बम बनाने का हमारा कोई निर्णय नहीं है, लेकिन अगर ईरान को इजरायल से खतरा महसूस होता है तो हमारे पास इसके अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा।”
अचानक यूं नहीं भड़का है ईरान
दरअसल, इस साल अप्रैल की शुरुआत में सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरान के दूतावास पर बमबारी के जवाब में ईरान और इज़रायल के बीच तनाव को चरम को पहुंचा दिया है। हालात ये हो गई कि ईरान ने सीधे इजरायली क्षेत्र को निशाना बनाते हुए विस्फोटक ड्रोन और मिसाइलों की बौछार की। परमाणु हथियारों के खिलाफ बोलने वाले खामेनेई ने अब न्यूक्लियर बमों के इस्तेमाल की पैरवीं करनी शुरू कर दी है। ईरान के पूर्व खुफिया मंत्री ने भी संकेत दिया कि बाहरी दबाव, विशेष रूप से पश्चिमी देशों के कारण ईरान परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की तरफ बढ़ सकता है।
ईरान के पास यूरेनियम का भंडार
हाल ही में ऐसी रिपोर्ट भी सामने आई है कि ईरान को कुछ अघोषित स्थलों पर यूरेनियम का भंडार मिला है। यूरेनियम का इस्तेमाल परमाणु बमों को विकसित और बनाने में किया जाता है। हालांकि ईरान ने यूरेनियम मिलने की बात कबूली जरूर थी लेकिन, कहा था कि वह परमाणु बमों को बनाने के बजाय इसका इस्तेमाल अपने हथियारों को विकसित करने में कर रहा है।
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