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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने शुक्रवार को सरकार से तत्काल बातचीत की अपील की। पाकिस्तान स्थित ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार ने बताया कि इमरान ने यह अपील तब की है जब पिछले कई दिनों से शहबाज सरकार और आर्मी इमरान व उनके समर्थकों के पीछे हमलावर है। कई दर्जनों पीटीआई के वरिष्ठ नेताओं ने सरकार के दबाव के बीच इमरान खान का साथ छोड़ दिया है, जबकि नौ मई को हुई हिंसक घटना के लिए बड़ी संख्या में पीटीआई समर्थकों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पिछले कई दिनों से इमरान खान पाकिस्तान सरकार पर जमकर निशाना साध रहे थे, लेकिन अब तुरंत बातचीत की मांग करने से सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या उन्होंने शहबाज सरकार और आर्मी के खिलाफ घुटने टेक दिए हैं?
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, इमरान ने यूट्यूब पर लाइव टॉक में कहा, “मैं बातचीत के लिए अपील करना चाहता हूं क्योंकि वर्तमान में जो हो रहा है वह समाधान नहीं है।” पाकिस्तान के दशकों में अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना करने के कारण राजनीतिक अशांति और बिगड़ गई। मुद्रास्फीति रिकॉर्ड ऊंचाई पर थी, आर्थिक विकास कमजोर था और आईएमएफ पाकिस्तान को कर्ज देने में आनाकानी कर रहा था। इस बीच, इमरान खान और पाकिस्तान सरकार के बीच विवाद बढ़ गया और कोर्ट से उनकी गिरफ्तारी कर ली गई। इसके बाद कई सैन्य प्रतिष्ठानों पर पीटीआई के समर्थकों ने हमला बोल दिया था।
इस बीच, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के तीन नेताओं ने इमरान खान के नेतृत्व वाली पार्टी छोड़ने की घोषणा की। मलीका बुखारी ने इस्लामाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा: “मैं 9 मई को हुई घटनाओं की निंदा करती हूं। हर पाकिस्तानी के लिए, 9 मई को हुई घटनाएं बहुत दर्दनाक हैं।” पार्टी से अलग होने की घोषणा करते हुए बुखारी ने कहा कि वह किसी दबाव में नहीं थीं और कहा कि किसी ने मुझे यह निर्णय लेने के लिए बाध्य नहीं किया। चीमा ने एक अलग संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पीटीआई प्रमुख की गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसा के कारण वह और उनकी पत्नी खान के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ नहीं रह सकते। उन्होंने कहा, “मैं खुद कॉर्प्स कमांडर हाउस में था। वहां जो हो रहा था उसे देखकर मुझे दुख हुआ। जो लोग इसमें शामिल थे, उन्हें दंडित किया जाना चाहिए।”
पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री असद उमर ने भी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। पाकिस्तान स्थित द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने बताया कि उमर ने अदियाला जेल से रिहा होने के तुरंत बाद यह घोषणा की। उमर ने बुधवार को इस्लामाबाद में नेशनल प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपने फैसले की घोषणा की। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, “इन परिस्थितियों में मेरे लिए पार्टी का नेतृत्व करना संभव नहीं है। मैं पीटीआई के महासचिव और कोर कमेटी के सदस्य के रूप में इस्तीफा दे रहा हूं।” वहीं, पिछले दिनों इमरान खान के करीबी नेताओं में गिने जाने वाले फवाद चौधरी भी पीटीआई का साथ छोड़ चुके हैं, जिसे इमरान के लिए बड़े झटके की तरह देखा जा रहा है।
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