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पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के वरिष्ठ नेता शाह महमूद कुरैशी को पंजाब पुलिस ने रावलपिंडी की अदियाला जेल के बाहर से फिर गिरफ्तार कर लिया। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) द्वारा मंगलवार को उनकी रिहाई का आदेश दिए जाने के कुछ मिनट बाद उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया। अल-कादिर ट्रस्ट मामले में 9 मई को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पीटीआई कार्यकर्ताओं के हिंसक विरोध के बाद कुरैशी को गिरफ्तार किया गया था।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री रह चुके हैं कुरैशी
66 वर्षीय पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी ने खान के शासन में 2018 से 2022 तक पाकिस्तान के विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया। ‘जियो टीवी’ के अनुसार, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कुरैशी की रिहाई का आदेश दिया। कुरैशी ने हलफनामा दिया जिसमें आश्वस्त किया गया कि वह आंदोलन करने और कार्यकर्ताओं को उकसाने से दूर रहेंगे।
रिपोर्ट में कहा गया है, हालांकि रावलपिंडी की अदियाला जेल से रिहा होने के कुछ समय बाद पंजाब पुलिस ने पूर्व मंत्री को फिर से गिरफ्तार कर लिया। नौ मई को खान की गिरफ्तारी के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद गिरफ्तार किए गए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के शीर्ष नेताओं में कुरैशी भी शामिल थे।
पार्टी ने ट्विटर पर उनकी फिर से गिरफ्तारी का वीडियो भी साझा किया है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पीटीआई द्वारा जारी एक बयान में उन्होंने कहा, “मैं पार्टी नहीं छोड़ रहा हूँ। मैं पार्टी के साथ हूं, मैं पार्टी के साथ रहूंगा।” पार्टी नेता मुसर्रत जमशेद चीमा को भी उनकी रिहाई के तुरंत बाद फिर से गिरफ्तार कर लिया गया थआ। 18 मई को, IHC ने कुरैशी की गिरफ्तारी को “अवैध” घोषित कर दिया था।
पाकिस्तान में जंगल का कानून- इमरान
अपनी पार्टी के कार्यकर्ता को फिर से गिरफ्तार किए जाने के बाद, इमरान खान ने सत्तारूढ़ दल को यह कहते हुए फटकार लगाई कि “पाकिस्तान में अब जंगल का कानून है”। इमरान ने ट्वीट किया, “पीटीआई उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी को पीटीआई कार्यकर्ताओं और समर्थकों की तरह जमानत मिलने के बाद फिर से गिरफ्तार किया गया। हम अब हमारे यहां जंगल का कानून है। इसके रास्ते में एक ही चीज खड़ी है, वह है हमारी न्यायपालिका। संविधान का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है।” पीटीआई प्रमुख ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “पीटीआई को कुचलने के लिए पुलिस का इस्तेमाल किया जा रहा है, हमारे नेताओं को पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है।”
इमरान के समर्थकों ने सेना पर बोला था धाबा
खान के समर्थकों ने लाहौर कोर कमांडर हाउस, मियांवाली एयरबेस, फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की और संवेदनशील रक्षा प्रतिष्ठानों में आग भी लगा दी। रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर भी पहली बार भीड़ ने हमला किया था। कुरैशी की तरह खान की करीबी सहयोगी और पूर्व मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी को भी सोमवार को फिर से गिरफ्तार कर लिया गया था। मजारी ने मंगलवार को पार्टी छोड़ने और सक्रिय राजनीति से संन्यास की घोषणा की।
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