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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बुधवार को बड़ा झटका लगा है। पीटीआई के वरिष्ठ नेता फवाद चौधरी ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने 9 मई को इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसा की भी निंदा की है। फवाद चौधरी ने ट्वीट करके बताया है कि वे राजनीति से ब्रेक ले रहे हैं।
पीटीआई के पूर्व वाइस प्रेसिडेंट फवाद चौधरी ने कहा कि मैंने पूर्व के बयानों में 9 मई की घटनाओं की स्पष्ट रूप से निंदा की थी। अब मैंने राजनीति से ब्रेक लेने का फैसला किया है, इसलिए मैंने पार्टी के पद से इस्तीफा दे दिया है और इमरान खान से अलग हो रहा हूं।”
बीते नौ मई को हुई पाकिस्तान में कई जगह पर हिंसा के बाद पीटीआई नेताओं, कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की जा रही है। एक के बाद एक कई वरिष्ठ नेताओं को निशाना बनाया गया है। ऐसे में कुछ ही दिनों में पीटीआई के दो दर्जन से अधिक नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। पूर्व मानवाधिकार मंत्री को कई बार हिरासत में लेने के बाद शिरीन मजारी ने भी मंगलवार को पीटीआई छोड़ दी थी। मंगलवार शाम को अपने इस्लामाबाद आवास पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, 57 वर्षीय नेता ने हिंसा की निंदा की थी और कहा कि वह राजनीति में नहीं रहेंगी।
उन्होंने कहा था, “‘लगातार रिहाई और गिरफ्तारी के चलते मेरी बेटी इमान को जिस मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा, उसका असर मेरे स्वास्थ्य पर भी पड़ा। इन्हीं कारणों से मैंने फैसला किया है कि मैं सक्रिय राजनीति छोड़ रही हूं। मैं यह जोड़ना चाहती हूं कि आज से मैं पीटीआई या किसी अन्य राजनीतिक दल का हिस्सा नहीं हूं।” पीटीआई प्रमुख खान ने ट्वीट किया कि हम सभी ने पाकिस्तान में जबरन विवाह के बारे में सुना था, लेकिन पीटीआई के लिए एक नई घटना सामने आई है और वह है जबरन तलाक।
इमरान की पार्टी के खिलाफ पाबंदी लगाने पर विचार
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को कहा कि सरकार इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के खिलाफ पाबंदी लगाने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी के बाद सैन्य प्रतिष्ठानों पर खान के समर्थकों द्वारा हमले किये जाने के बाद यह कदम उठाने पर विचार किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि अर्द्धसैनिक बल के कर्मियों द्वारा खान (70) को गिरफ्तार किए जाने के बाद, नौ मई को देश भर में हिंसक प्रदर्शन भड़क उठे थे। उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लाहौर कोर कमांडर आवास, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई (इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस) भवन सहित एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की थी।
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