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आतंकवाद को पनाह देने वाले पाकिस्तान के लिए लोगों की सुरक्षा बड़ी समस्या हो गई है। गले तक कर्ज में डूबे पाकिस्कान के सामने आर्थिक स्तर पर कई समस्याएं हैं और अब पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी संकट और गहरा गया है।
पीओके में आतंकी खतरे की आशंका कई गुना बढ़ गई है। यहां विभिन्न बिजली परियोजनाओं पर काम करने वाले चीनी इंजीनियर और अन्य कर्मचारी भी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), इस्लामिक स्टेट – खुरासान प्रांत (आईएसकेपी), इस्लामिक स्टेट या दाएश, तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) और अन्य कट्टर आतंकवादी संगठनों के निशाने पर हैं। पिछले कई दिनों से चीनी नागरिकों की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की जा रही है।
पीओके के सभी प्रवेश बिंदुओं को पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की अतिरिक्त टुकड़ियों के साथ किलेबंद कर दिया गया है और पीओके में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के वाहनों और लोगों की मैन्युअल रूप से और तकनीकी माध्यमों से कड़ी जांच की जा रही है।
पीओके पुलिस नीलम-झेलम जलविद्युत परियोजना स्थल और मुजफ्फराबाद के पास छतर कलास कॉलोनी सहित उनकी आवासीय कॉलोनियों पर तैनात चीनी इंजीनियरों और श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
साथ ही, मुजफ्फराबाद जिले को एबटाबाद और मनशेरा सहित खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्रों से जोड़ने वाले 9 पुलों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस की तैनाती के जरिए कोहाला-बारारकोट के मुख्य प्रवेश बिंदु पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा विभाग ने विदेशी राजनयिकों और डिप्लोमैटिक एन्क्लेव पर भी आतंकवादी हमलों की आशंका के बारे में चेतावनी दी है। ऐसी खबरें थीं कि पाकिस्तानी सेना ने भी अपने अधिकारियों और सैनिकों को वर्दी में नहीं घूमने की सलाह दी है।
पाकिस्तान दशकों में अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है। आतंकवाद की नई लहर ने देश के सामने आर्थिक संकट को बढ़ा दिया है।
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