पाकिस्तान इस वक्त आर्थिक बदहाली (pakistan economy crisis) का रोना रो रहा है। आका और हमदर्द का दिखावा करने वाले चीन ने खुद को पाकिस्तान से दूर कर दिया है। खुद को डिफॉल्टर होने से बचाने और आईएमएफ से आर्थिक मदद पाने के लिए शहबाज सरकार अपनी जनता पर टैक्स बम फोड़ने जा रही है। इस बीच पाक के पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने यह कहकर शहबाज सरकार की हवा निकाल दी है कि सिर्फ आईएमएफ लोन से काम नहीं बनेगा। डॉन के मुताबिक, उन्होंने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट के कारण पाकिस्तान को जून में कई लोन लेने जरूरत होगी। आईएमएफ ही नहीं विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंकों के आगे भी गिड़गिड़ाना होगा। तभी कुछ बात बनेगी वरना देश के बदतर हालात होना तय है।
पाकिस्तानी न्यूज डॉन के मुताबिक, पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने कहा, “जब यह कार्यक्रम (आईएमएफ) जून में समाप्त होगा, तो हमारे पास विदेशी मुद्रा भंडार में $10 बिलियन से अधिक नहीं होगा, यदि ऐसा है तो हमे लगभग डेढ़ महीने का आयात कवर होगा। नतीजतन, देश को नए ऋणों के लिए विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक से संपर्क करना होगा, जिसके लिए उसे एक और आईएमएफ कार्यक्रम में प्रवेश करने की आवश्यकता होगी।”
उन्होंने आगे कहा कि निकट भविष्य में हमे ऋण अदायगी के लिए हमें ऐसा करना ही होगा। मुझे पूरा यकीन है कि हमें आईएमएफ कार्यक्रमों की बैक-टू-बैक जरूरत होगी।
आईएमएफ को अंतिम उपाय कहते हुए, इस्माइल ने कहा कि यह ऐसा क्षण है मानो हमे आईसीयू में जाने से बचना है। “ अगर आप आईसीयू में जाने से बचना चाहते हैं, आपको स्वस्थ जीवन जीना शुरू करना होगा। एक बार जब हम अपने साधनों से रहना शुरू कर देंगे और खुद के संसाधनों का उपयोग करना शुरू कर देंगे तो हम IMF में जाने से बच सकते हैं।”
गौरतलब है कि आर्थिक बदहाली से जूझ रहा पाकिस्तान आईएमएफ की हर शर्त मानने को तैयार है। इसके बावजूद उसे लोन मिलने की कोई गारंटी नहीं मिली है। पाकिस्तान के वित्तमंत्री इशाक डार ने तो शुक्रवार को आईएमएफ से लोन पाने के लिए अपने लोगों पर टैक्स बम फोड़ने तक का ऐलान किया। पाकिस्तानी हुकूमत ने आसमान छूती महंगाई झेल रही जनता पर 170 अरब रुपये का भारी-भरकम टैक्स डाल दिया है। शहबाज सरकार 4 महीने के अंदर इस टैक्स को वसूलेगी।
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