मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन के तहत स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा में पेपर लीक का मामला इस वक़्त गरमाया हुआ है . ये परीक्षा वैसे ही तीन सालों के बाद हुई थी, जिसकी वजह से अभ्यर्थी काफी खुश थे. वह सोच रहे थे कि उनको जल्द ही नौकरी मिलेगी. लेकिन उनके अरमानों पर परीक्षा देते वक़्त ही पानी फिर गया. आखिर कैसे ये पर्चा लीक हुआ ये आपको बताते हैं. 7 फरवरी को ग्वालियर पुलिस ने स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा में पेपर लीक कराने वाले बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया था. जिसके बाद पेपर लीक कराने वाले गैंग के 8 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था.
गैंग के सदस्यों में ग्वालियर , उत्तर प्रदेश, हरियाणा और बिहार के लोग शामिल हैं.इस गैंग ने नर्सिंग भर्ती परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों से 2 से 3 लाख रुपए में पेपर उपलब्ध कराने का सौदा किया था.ग्वालियर के परीक्षा केंद्रों में शाम में बैठने वाले 80 अभ्यर्थियों से गैंग का सौदा हुआ था.इन अभ्यर्थियों से गैंग के सदस्य एक होटल में पेपर सॉल्व कराने की प्रैक्टिस करवा रहे थे.
39 मोबाइल, 1 लैपटॉप, प्रिंटर मशीन जब्त
गुप्त सूचना के बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने होटल में छापा मारा और आरोपियों को दबोच लिया.पुलिस ने इनके कब्जे से 39 मोबाइल, 1 लैपटॉप, प्रिंटर मशीन और नर्स परीक्षा का प्रश्नपत्र बरामद किए गए.पकड़े गए आरोपियों के तार ग्वालियर के अलावा भोपाल, इंदौर, जबलपुर और सागर से जुड़े हैं. गैंग का मास्टरमाइंड उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का रहने वाला है. वह फिलहाल पुलिस की पकड़ से बाहर है.
कई महीने से कर रहे थे तैयारी
परीक्षा रद्द होने के बाद अभ्यर्थियों का बुरा हाल है . हर कोई परेशान है.अभ्यर्थियों का कहना है की हम निजी कंपनी में जॉब करते है. कई महीने से वह इस परीक्षा की तैयारी कर रहे थे. पेपर लीक होने से वह बहुत परेशान हैं.वह 1500 किलोमीटर दूर से परीक्षा देने आये थे.
NSUI ने किया सरकार के लिए सद्बुद्धि यज्ञ
अब प्रदेश में इस मामले को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है. भोपाल में कांग्रेस कार्यलय के बाहर आज NSUI कार्यकर्ताओं ने सरकार की सद्बुद्धि के लिए यज्ञ किया.साथ ही ये भी कहा की अगर सरकार ने जल्द ही परीक्षा नहीं करवाई तो बड़ा आंदोलन भी किया जायेगा .
व्यापम से कोई लेना देना नहीं
अब ये सवाल उठ रहा है कि कही ये मामले व्यापम से तो नहीं जुड़ा है ? तो ये बात भी आपको स्पष्ट कर देते है की व्यापमं यानि कर्मचारी चयन मंडल ( नया नाम ) से इसका कोई लेना देना नहीं है. दरअसल ये परीक्षा करवाने का ज़िम्मा सरकार ने निजी कंपनी स्ट्रेटेजिक अलायंस मैनेजमेंट सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड (SAMS) को दिया था, जो कि उत्तर प्रदेश,गुजरात समेत अन्य राज्यों में परीक्षा आयोजित करवाती है. कंपनी का कहना है की पेपर लीक नहीं हुआ .
जानबूझकर परीक्षा रद्द की-कांग्रेस
इस मामले पर कांग्रेस सरकार को जमकर घेर रही है. कांग्रेस का कहना है कि हमेशा ही मध्य प्रदेश में पेपर लीक होते रहे है.योजना बद्ध तरीके से ये सरकार ने किया है. गुजरात में 17 बार पेपर लीक हुआ. दोषियों पर जल्द कार्रवाई होनी चाहिए, वही चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है की अभी यह कन्फर्म नहीं कह सकते कि पेपर लीक हुआ या नहीं. हमें सूचना मिली कि पेपर लीक हुआ , जिसके बाद हमने परीक्षा रद्द कर दी.
जल्द होगी जांच और फिर से होगी परीक्षा
उन्होंने कहा कि परीक्षा करवाने वाली कंपनी की भी जांच होगी.किसी को भी बख्शा नहीं जायेगा. उन्होंने कहा कि जल्द ही परीक्षा पूरी पारदर्शिता के साथ होगी. बता दें कि मध्य प्रदेश में ये पहली बार नहीं है जब किसी परीक्षा में गड़बड़ी पाई गई हो. इससे पहले भी कई परीक्षाओं में गड़बड़ी पाई गई थी, जिसके बाद परीक्षा रद्द करना पड़ी थी. फ़िलहाल देखना होगा जांच कब तक पूरी होती है और परीक्षा फिर से कब होती है. अभ्यर्थी लगातार आस लगाए परीक्षा फिर से होने का इंतजार कर रहे हैं.
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