तुर्की (तुर्किये) और सीरिया को हिला देने वाले विनाशकारी भूकंप के बाद, भारत ने बिना किसी देरी के मदद के हाथ आगे बढ़ाए हैं। भारत सरकार ने मंगलवार को राहत प्रयास शुरू किए और खोज व बचाव कर्मियों, डॉग स्क्वॉड, दवाओं और अन्य राहत सामग्री के साथ एक सी-17 विमान तुर्की भेजा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि वायुसेना का दूसरा विमान और राहत सामग्री लेकर रवाना होने के लिए तैयार है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) का एक दल तुर्की की राहत एवं बचाव कार्यों में मदद करने के लिए मंगलवार को रवाना हुआ जो अब पहुंच भी गया है। तुर्की में आए 7.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप से हजारों लोगों की मौत हुई है।
एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली के पास स्थित गाजियाबाद और कोलकाता से दो दलों के कुल 101 कर्मियों को उपकरणों के साथ भारतीय वायु सेना के जी-17 विमान में तुर्की के लिए रवाना किया गया। उन्होंने कहा कि ये दल मलबे में फंसे लोगों को बचाने में मदद करेंगे और स्थानीय अधिकारियों को हर संभव सहायता मुहैया कराएंगे। अधिकारी के मुताबिक, दल में महिला कर्मी भी शामिल हैं।
‘पूरा अस्पताल’ लेकर पहंची भारती सेना
केवल एनडीआरएफ ही नहीं, भारतीय सेना का एक दल पूरा अस्पताल स्थापित करने के उद्देश्य से तुर्की गया है। भारत सरकार द्वारा भूकंप प्रभावित तुर्किये की मदद करने के फैसले के तहत तुर्की के लोगों को चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के लिए भारतीय सेना ने मंगलवार को चिकित्सकों की टीम भेजी। अधिकारियों ने कहा कि आगरा-स्थित आर्मी फील्ड हॉस्पिटल ने 89 सदस्यीय मेडिकल टीम को भेजा गया है।
मेडिकल टीम में अन्य के अलावा गहन चिकित्सा देखभाल विशेषज्ञ भी हैं। इस टुकड़ी में ऑर्थोपेडिक (हड्डी रोग) सर्जरी टीम, सामान्य सर्जरी की विशेष टीम और मेडिकल विशेषज्ञ टीमें शामिल हैं। यह टीम एक्स-रे मशीन, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट, हृदय गति मापने के लिए कार्डियक मॉनिटर और संबंधित उपकरणों से लैस है, जो 30 बेड वाले मेडिकल अस्पताल में उपयोगी वस्तुओं के बराबर हैं।
बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब भारत की बेहद प्रशिक्षित एनडीआरएफ की टीम किसी दूसरे देश में मदद के लिए गई है। इससे पहले एनडीआरएफ के दल 2011 में जापान तिहरी आपदा (भूकंप, सूनामी और परमाणु हादसे) और 2015 में नेपाल भूकंप के बाद भी मदद मुहैया करा चुके हैं।
सोमवार को रवाना हुआ था पहला विमान
तुर्की की हर संभव मदद की पेशकश को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के बाद भारत ने सोमवार को तत्काल राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की खोज एवं बचाव टीम, मेडिकल टीम एवं राहत बचाव टीम को देश भेजने का फैसला किया। राहत सामग्री के साथ पहला विमान सोमवार रात को भेजा गया। तुर्की एवं पड़ोसी सीरिया में सोमवार को आए भूकंप में 5,000 से अधिक लोग मारे गए हैं। भूकंप का केंद्र दक्षिण पूर्वी प्रांत कहरामनमारस में था और यह काहिरा तक महसूस किया गया था।
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