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सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच कर्नाटक हिजाब केस की अब सुनवाई करेगी. इस बीच, उत्तर प्रदेश की संभल लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान का एक विवादित बयान सामने आया है. उनका कहना है कि लड़कियों को पर्दे के अंदर रहना जरूरी है. अगर वह बेपर्दा घूमेंगी तो आवारगी बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि हिजाब पर अगर प्रतिबंध लगता है तो इससे मुस्लिम समुदाय को परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं. हालांकि, उनका मानना है कि पूरे मसले पर सुप्रीम कोर्ट न्याय संगत फैसला करेगा. उन्होंने भाजपा सरकार पर माहौल खराब करने का आरोप लगाया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर लगा प्रतिबंध हटाने से इनकार करने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को अलग-अलग फैसला सुनाया. न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाएं खारिज कर दीं, जबकि न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया ने उन्हें स्वीकार किया.
फैसले में जजों की अलग-अलग राय
न्यायमूर्ति गुप्ता ने फैसला सुनाते हुए कहा, इस मामले में मतभेद हैं. पीठ ने इस फैसले के मद्देनजर निर्देश दिया कि उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली इन याचिकाओं को एक उचित वृहद पीठ के गठन के लिए प्रधान न्यायाधीश के समक्ष रखा जाए. अपना फैसला पढ़ते हुए जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि मत अलग-अलग हैं. मैंने अपने आदेश में 11 सवाल तैयार किए हैं. इसमें पहला यह है कि क्या अपील को संविधान पीठ के पास भेजा जाना चाहिए? जस्टिस हेमंत गुप्ता ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर लगा प्रतिबंध हटाने से इनकार करने वाले हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाएं खारिज कर दी.
पीएफआई पर एनआईए की कार्रवाई का जताया था विरोध
इससे पहले भी सांसद शफीकुर्रहमान बर्क अपने एक अजीबोगरीब बयान को लेकर चर्चा में रहे थे. उन्होंने विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर कहा था कि बच्चादा करने का ताल्लुक इंसान से नहीं कुदरत और अल्लाह से है. उन्होंने कहा था कि अल्लाह जब किसी बच्चे को पैदा करता है तो उसे उसके खाने का इंतजाम भी करता है. सांसद बर्क ने योगी सरकार को नसीहत देते हुए कहा था कि प्रदेश की सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने से पहले मुस्लिमों की तालीम का बंदोबस्त करें, जब मुस्लिमों को तालीम मिलेगी और हमारी कौम शिक्षित होगी तो बढ़ती आबादी की समस्या अपने आप हल हो जाएगी. वहीं, शफीकुर्रहमान ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर छापेमारी को लेकर कहा था कि इस संस्था पर राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) अत्याचार कर रही है.
(भाषा के इनपुट के साथ)
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