‘मैं अपने बच्चे के लिए दूध नहीं खरीद सकती, इसलिए इसे छोड़ रही हूं…’ ये लाइनें एक पत्र की हैं, जिसे एक टीटीई को ट्रेन से मिला . साथ में एक तीन साल का बच्चा भी मिला. बताया जा रहा है कि एक महिला ने अपने बच्चे को इसलिए ट्रेन में छोड़ दिया, क्योंकि वह कथित तौर पर उसका पालन-पोषण करने में असमर्थ थी. महिला ने पत्र के जरिए अपनी मजबूरी का जिक्र किया है. पूरा मामला ग्वालियर-रतलाम एक्सप्रेस का है. रेल पुलिस महिला का पता लगा रही रही है.
बताया जा रहा है कि ग्वालियर-रतलाम एक्सप्रेस में यात्रियों को एक बच्चा दिखाई दिया. हालांकि, यात्रियों को बच्चे के परिजन नहीं दिखाई दिए. फिर यात्रियों ने ये बात टीटीई को बताई. इसके बाद टीटीई ने ट्रेन की दूसरी बोगियों में जाकर बच्चे के परिजनों की खाजबीन की. लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया. ट्रेन जैसे ही ग्वालियर स्टेशन पर पहुंची, इसकी सूचना टीटीई ने रेल पुलिस को दी . रेल पुलिस ने तत्काल चाइल्ड लाइन की टीम को बुलाया और बच्चा उन्हें सौंप दिया गया.
गुना से ट्रेन में चढ़ी थी महिला
यात्रियों के मुताबिक, महिला गुना से ट्रेन में बच्चे के साथ चढ़ी थी. वह कुछ देर तक ट्रेन में ही रही, लेकिन अचानक ही कही गायब हो गई. इसके बाद यात्रियों ने देखा कि बच्चा अकेला है तो उन्होंने टीटीई को इसकी सूचना दी. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि महिला का पता लगाया जा रहा है. वहीं, ये भी पता चला है कि बच्चा बोल और सून नहीं सकता है.
पत्र में महिला ने बताई अपनी मजबूरी
महिला ने अपने पत्र में लिखा है कि उसके घर की हालत अत्यंत ही दयनीय है. उसके चार बच्चे हैं. पति की पहले ही मौत हो चुकी है. इस बच्चे के पालन-पोषण में परेशानियां उठानी पड़ रही है. उसके पास इतने भी पैसे नहीं है कि इसके लिए पीने के लिए दूध खरीद सके. उसने लिखा है कि बहुत मजबूरी में बच्चे को छोड़ना पड़ रहा है. इसे कोई अनाथालय में पहुंचा दें. महिला ने पत्र में लिखा है कि उसने खुद किसी अनाथालय में बच्चे को सौंपने की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने उसे रखने से मना कर दिया था.
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