हजारों की संख्या में ब्रिटेन के नागरिकों ने भारत की ट्रिप कैंसिल की है। इसके पीछे वीजा नियमों में कथित बदलाव बताया जा रहा है। द टाइम्स यूके की रिपोर्ट के अनुसार, अंतिम समय में पर्यटक वीजा नियम में बदलाव के कारण हजारों ब्रिटिश नागरिकों ने भारत की यात्राएं रद्द कर दीं। नियम में अचानक बदलाव के कारण ब्रिटेन के लोगों को ब्रिटेन में वीजा केंद्रों पर खुद को पेश करना और पर्यटक वीजा के लिए आवेदन करना पड़ रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस प्रक्रिया में एक और बाधा तब पैदा हुई जब अगले दो महीनों तक ब्रिटेन के लोगों के लिए कोई अपॉइंटमेंट ही उपलब्ध नहीं है। इसके परिणामस्वरूप भारत आने वाले हजारों ब्रिटिश यात्रियों ने अपनी छुट्टियों की योजना रद्द कर दी। लंदन में भारतीय उच्चायोग ने हालांकि कहा कि वीजा नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटिश पासपोर्ट धारकों को एक ऑटोमैटिक मैसेज के जरिए नियमों में बदलाव के बारे में सूचित किया गया था। इसके अलावा, बेलफास्ट, बर्मिंघम, ब्रैडफोर्ड, कार्डिफ, एडिनबर्ग, सेंट्रल लंदन, हाउंस्लो, लीसेस्टर और मैनचेस्टर में नौ वीजा प्रोसेसिंग सेंटर (वीएफएस) में सभी अपॉइंटमेंट कम से कम 18 नवंबर तक बुक दिखा रहा है। यही नहीं, 18 नवंबर के बाद की तारीख में भी कोई अपॉइंटमेंट डेट खाली नहीं दिख रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वीजा अपॉइंटमेंट की शुरुआती तारीख दिसंबर के मध्य के करीब हो सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, वीएफएस ग्लोबल ने कहा कि यह निर्णय इस बात पर जोर देने के लिए लिया गया था कि यात्रियों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना चाहिए क्योंकि थर्ड-पार्टी वीजा कंपनियों द्वारा बड़ी संख्या में प्रशासनिक गलतियां की गई थीं।
भारतीय उच्चायोग अवैध वीजा दिलाने के प्रकरण की जांच कर रहा
इस बीच भारतीय उच्चायोग ने यहां कहा कि वह भारत की यात्रा के लिए वीजा दिलाने के वास्ते अनधिकृत एजेंट द्वारा अवैध शुल्क वसूले जाने की खबरों की जांच कर रहा है। खबरों में कहा गया है कि भारत के लिए पर्यटन वीजा हासिल करने में ब्रिटेन के लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। ब्रिटिश यात्री समय पर वीजा की प्रक्रिया नहीं पूरी होने की शिकायत कर रहे हैं। इस बीच, भारतीय उच्चायोग ने यात्रियों को शुक्रवार को इस गड़बड़ी के प्रति आगाह किया और कहा कि वह प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए काम कर रहा है।
इसने ब्रिटिश मीडिया के एक वर्ग में किए गए उन दावों को भी खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि अचानक वीजा नियमों में बदलाव कर दिया गया है जिससे ब्रिटिश पर्यटक प्रभावित हुए हैं। साथ ही, कहा कि वीजा के आवेदकों से सदा ही उच्चायोग के लंदन स्थित आउटसोर्स वीएफएस ग्लोबल केंद्रों में खुद अर्जी देने की उम्मीद की जाती है।
उच्चायोग ने बयान में कहा, ‘‘हमारे संज्ञान में यह आया है कि अनधिकृत एजेंट और व्यक्ति अवैध रूप से शुल्क वसूल रहे हैं वीएफएस केंद्रों में जमा करने के लिए वीजा आवेदन एकत्र कर रहे हैं। ऐसा कर वे आवेदकों को गुमराह कर रहे हैं।’’ बयान में कहा गया है, ‘‘इस विषय की जांच की जा रही है।’’ उच्चायोग ने जोर देते हुए कहा कि ब्रिटेन में भारतीय पासपोर्ट/वीजा और राजनयिक सहायता के लिए वीएफएस ग्लोबल सर्विसेज एकमात्र अधिकृत आउटसोर्सिंग सेवा प्रदाता है।
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