मध्यप्रदेश के उज्जैन में नवनिर्मित महाकाल लोक का आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भव्य समारोह के बीच लोकार्पण करेंगे. इस कार्यक्रम से आम जनमानस को जोड़ने के लिए प्रदेश के सभी मंदिरों से इसका सीधा प्रसारण किया जाएगा. इसी के साथ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों समेत सभी अधिकारियों ने सोशल मीडिया प्रोफाइल में महाकाल लोक की डीपी लगाई है. इससे पहले रविवार को खुद महाकाल महाराज की अध्यक्षता में शिवराज कैबिनेट की बैठक हुई. इसमें लोकार्पण समारोह के अवसर पर दिवाली जैसा जश्न मनाने का निर्णय लिया गया.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम साढ़े पांच बजे उज्जैन पहुंचेंगे और विधिवत महाकाल भगवान की पूजा करने के बाद 6.25 बजे लोकार्पण करेंगे. इस मौके पर प्रधानमंत्री का डमरु, मृदंग, घंटा, घड़ियाल, शंख, नगाड़ा आदि के साथ मांगलिक गीतों की प्रस्तुति से स्वागत किया जाएगा. इस कार्यक्रम में देश की तमाम क्षेत्रीय संस्कृतियों को समेटने का प्रयास किया गया है. इसके लिए यक्षगान से लेकर कथकली, तैय्यम, पुरुलिया छाऊ नृत्य की प्रस्तुति होगी. इसके अलावा भरतनट्यम, मोहिनी अट्टम, कुचिपुड़ी की नृत्यांगनाएं भी प्रस्तुति देंगी. इसके लिए सभी राज्यों को स्थानीय कलाकारों को आमंत्रित किया गया है.
महाकाल लोक की विशेषताएं
श्री महाकाल लोक में 26 फुट ऊंचा नंदी द्वार आकर्षण का मुख्य केंद्र है. इसके अलावा महाकाल संकुल में कमलकुंड, सप्तऋृषि मंडल, शिव स्तंभ, मुक्ताकाश रंगमंच आदि दर्शनीय हैं. इसी प्रकार रुद्रसागर तट पर शिव विवाह का भित्ति चित्र लोगों को खूब आकर्षित करेगा. इस 111 फीट लंबे भित्तिचित्र में संपूर्ण शिव विवाह के वृतांत को प्रदर्शित करते हुए पेंटिंग की गई है. वहीं शिव अवतार वाटिका में भगवान शिव से जुड़ी कथाएं और विशाल प्रतिमाएं देखने को मिलेंगी.
माला के मनकों की तरह बने हैं 108 स्तंभ
महाकाल प्रांगण में 108 स्तंभ बनाए गए हैं. माला के मनकों की तरह बने इन स्तंभों पर शिव परिवार के चित्र उकेरे गए हैं. इसी प्रकार 900 मीटर का भव्य महाकाल पथ है. इस परिसर पर सुरक्षा की दृष्टि से निगरानी के लिए वॉच टॉवर लगाए गए हैं. जहां से चप्पे चप्पे पर नजर रखी जाएगी. करीब 20.25 हेक्टेयर में बने इस महाकाल प्रांगण की एक मुख्य विशेषता यह भी है कि यहां किसी गाइड की आवश्यकता नहीं है. कोई भी व्यक्ति प्रत्येक मूर्ति के सामने लगे शिलापट्ट पर बने बार कोड को स्कैन कर सकता है. इससे संबंधित मूर्ति की पूरी जानकारी उसके मोबाइल फोन पर आ जाएगी. इसी के साथ महाकाल लोक में देश का पहला नाइट गार्डन भी बनाया गया है.
महकाल मंदिर से महाकाल लोक की यात्रा
भगवान महाकाल का यह मंदिर देश के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है. इसका समय समय से विकास होता रहा है. पूर्व में यह मंदिर कुल 2.82 हेक्टेयर में था, लेकिन महाकाल लोक बनने के बाद इसका पूरा क्षेत्रफल अब 20.23 हेक्टेयर का हो गया है. इस महाकाल लोक की परिकल्पना 2016 में सिंहस्थ महाकुंभ के समय हुई थी. 2017 में इसका डीपीआर बना और 2018 में टेंडर की प्रक्रिया शुरू हुई. उसी समय मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर काम रोक भी दिया गया, लेकिन दोबारा भाजपा की सरकार बनने पर फिर काम शुरू हुआ और इसका लोकार्पण किया जा रहा है.
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