कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो के पीएम पद से इस्तीफा देने के बाद से ही राजनीतिक हलचल तेज है. नए पीएम को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. इस रेस में कई नाम सामने आ रहे हैं. इसी बीच लिबरल पार्टी के मंत्री फ्रेंकोइस-फिलिप शैम्पेन ने इस रेस से खुद को बाहर कर लिया है.
उन्होंने कहा कि इस फैसले को लेना मेरे लिए बहुत कठिन है. उन्होंने देश भर के कनाडाई लोगों, साथ काम करने वालों और आयोजकों के प्रति आभार व्यक्त किया है.
Je ne serai pas candidat à la chefferie du Parti libéral du Canada.
C’est une décision difficile, mais que je prends avec le Canada à cœur. Merci aux Canadiens, collègues et organisateurs de partout au pays qui partagent la vision dun Canada fier, ambitieux et prospère. pic.twitter.com/HY90BhShZU
— François-Philippe Champagne (FPC) (@FP_Champagne) January 14, 2025
पीएम पद की रेस में फ्रेंकोइस-फिलिप शैम्पेन भी नाम था. ऐसा माना जा रहा था कि पार्टी ट्रूडो के बाद शैम्पेन को पीएम बना सकती है. उनके रेस से पीछे हटने से कई तरह की अटकलें हैं. इससे पहले भी 2 और दावेदार इस रेस से बाहर हो चुके हैं. धीरे-धीरे इन दावेदारों की लिस्ट छोटी होती जा रही है.
विदेश मंत्री मेलानी जोली पहले ही कर चुंकी ऐलान
इसके पहले कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने लिबरल पार्टी के नेतृत्व के लिए चुनाव न लड़ने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि वर्तमान अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों, खासकर अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ और आर्थिक दबावों से निपटने पर ध्यान देना जरूरी है.
अनीता आनंद ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि, अब जब प्रधानमंत्री ने अपने अगले अध्याय की शुरुआत का निर्णय लिया है, तो मैंने भी तय किया है कि मेरे लिए भी यह सही समय है. मैं अब अपने पुराने पेशेवर जीवन में, जो शिक्षण, अनुसंधान और सार्वजनिक नीति विश्लेषण से जुड़ा था, लौटना चाहती हूं.
फ्रेंकोइस-फिलिप शैम्पेन ने कई पदों पर रहकर किया काम
फ्रेंकोइस-फिलिप शैम्पेन वर्तमान में इनोवेशन, साइंस और इंडस्ट्रियल मंत्री के रूप में काम कर रहे हैं, शैम्पेन ने 2015 में राजनीति में प्रवेश किया था. इसके बाद से कैबिनेट में कई भूमिकाएं निभाईं हैं. ट्रूडो की प्रमुख आर्थिक टीम का हिस्सा रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में विदेशी कार्यों में भी उनका अहम रोल रहा है.
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
Source link