[ad_1]
अपने देश को कंगाली से बचाने के लिए जूझ रहे पाकिस्तान की एक नई चाल सामने आई है। एक तरफ वह अपनी डूबती इकॉनमी को बचाने के लिए रूस से सस्ते तेल खरीदने की जुगत लगा रहा है। वहीं, यूक्रेन को अपने देश के रास्ते हथियार सप्लाई करवा रहा है, जो रूसी नागरिकों और सैनिकों की मौत की वजह बन रहे हैं। यह दावा जियो पॉलिटिक की रिपोर्ट में किया गया है। बता दें कि 20 जनवरी को पाकिस्तान और रूस के बीच आर्थिक, वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग को लेकर मीटिंग हुई है। इसके मार्च के अंत तक रूस से सस्ता तेल खरीदने की डील को लेकर भी बात हुई है।
बना रहा है पैसे
जियो पॉलिटिक ने अपनी खबर में दावा किया है कि पाकिस्तान यूक्रेन समेत विभिन्न देशों को हथियार सप्लाई करके पैसे बना रहा है। इस खबर के मुताबिक हथियारों की यह सप्लाई केस्ट्रल नाम की कंपनी के जरिए की जा रही है। बताया गया है कि केस्ट्रल के सीईओ लियाकत अली बेग ने मई और जून 2022 में पोलैंड, रोमानिया और स्लोवाकिया की यात्रा की थी। माना जा रहा है कि यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई इस्लामाबाद के रास्ते की जा रही है। इसके बदले में में पाकिस्तान यूक्रेन से टीवी3-117वीएम इंजन की सर्विसिंग और रिपेयरिंग में मदद ले रहा है। इन इंजनों को एमआई-17 हेलीकॉप्टर में इस्तेमाल किया जाता है।
रूस से चल रही है डील
गौरतलब है कि आर्थिक तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान अपनी इकॉनमी को बचाने के लिए हर जरूरी कदम उठा रहा है। इसके तहत ही रूस से सस्ता तेल खरीदने की उसकी डील चल रही है। इसको लेकर पाकिस्तान के आर्थिक मामलों के मंत्री सरदार अयाज सादिग और रूस के ऊर्जा मंत्री निकोल शुग्लिनोव के बीच बातचीत हुई है। इस दौरान रूसी बिजनेस समुदाय का 80 सदस्यीय डेलीगेशन भी मौजूद था। इसके बाद दोनों देशों की तरफ से संयुक्त बयान भी जारी किया गया था, जिसमें इस साल सुरक्षा सहयोग की डील फाइनल करने की बात हुई थी।
पहले भी दे चुका है धोखा
वैसे यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने रूस के खिलाफ ऐसा रुख अख्तियार किया है। रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले साल 1980 के दशक में अफगानिस्तान चल रहे युद्ध में पाकिस्तान ने अमेरिका की मदद की थी। पाकिस्तान में ट्रेनिंग पाकर हथियारों से लैस यह लड़ाके रूसी सेना के लिए काल साबित हुए थे। इसमें करीब 15000 रूसी सैनिकों की मौत हुई थी।
[ad_2]
Source link