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आठ साल पहले मलेशिया एयरलाइंस के विमान MH17 को मार गिराने के मामले की जांच कर रही अंतरराष्ट्रीय जांच दल की टीम ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ही इस षडयंत्र के कर्ताधर्ता थे। टीम ने बुधवार को कहा कि उसे इस बात के “मजबूत संकेत” मिले हैं कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेनी अलगाववादियों को भारी विमान-विरोधी हथियारों की आपूर्ति को मंजूरी दी थी, जिन्होंने 2014 में मलेशिया एयरलाइंस की उड़ान MH17 को रूसी मिसाइल से मार गिराया था।
हालांकि, अंतरराष्ट्रीय संयुक्त जांच दल के सदस्यों ने कहा कि उनके पास पुतिन या किसी अन्य संदिग्धों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। जांच दल ने ये भी कहा कि मामले की साढ़े 8 साल से चल रही जांच को निलंबित किया जाता है। मलेशिया एयरलाइंस की बोइंग 777 विमान पर तब 298 लोग सवार थे, जो एम्स्टर्डम से कुआलालंपुर जा रहे थे। मिसाइल हमले में सभी की मौत हो गई थी।
बता दें कि 17 जुलाई, 2014 को पूर्वी यूक्रेन की हवाई सीमा में यात्री विमान को मार गिराने में किसी भी तरह की संलिप्तता से रूस हमेशा से इनकार करता रहा है, और अंतरराष्ट्रीय जांच में सहयोग करने से भी इनकार करता रहा है।
डच अभियोजकों ने कहा कि “इस बात के पुख्ता संकेत हैं कि रूसी राष्ट्रपति ने यूक्रेनी अलगाववादियों को एमएच 17 को गिराने वाले बक मिसाइल सिस्टम – हथियार की आपूर्ति करने का फैसला किया था।”
डच अभियोजक डिग्ना वैन बोएट्ज़ेलेर ने कहा, “हालांकि, हम मजबूत संकेतों की ही बात कर रहे हैं, हम पूर्ण और निर्णायक सबूत के उच्च स्तर तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। जांच अब अपनी अंतिम सीमा तक पहुंच गई है और सभी सुराग समाप्त हो चुके हैं। आगे की जांच रूसी सहयोग के बिना संभव नहीं है।”
इस संयुक्त जांच दल में नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, बेल्जियम और यूक्रेन के विशेषज्ञ शामिल थे। इस विमान हादसे में ज्यादातर डच पीड़ित थे। जांच दल का काम मिसाइल प्रणाली की जांच करना और उसकी जांच करना था कि किसने यूक्रेन में इसकी तैनाती के आदेश दिए थे।
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