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कहा जाता हैं जमीन जायदाद के लिए लोग किसी भी हद तक चले जाते हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में 5 एकड़ जमीन के लिए जो कुछ हुआ वो हैरान कर देने वाला है. जहां जमीन के छोटे से हिस्से के लिए लड़ाई-झगडे हो जाते हैं. वहीं, बैतूल में जमीन के लिए एक बेटी ने अपने जिन्दा पिता को ही रिकॉर्ड में मृत घोषित कर दिया. हालांकि, ये सब चीजें अब तक फिल्मों में दिखाई जाती थी. मगर, अब ये असल जिंदगी में भी हकीकत होने लगी हैं. दरअसल जब गुरुवार को प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री और बैतूल जिले के प्रभारी मंत्री इंदर सिंह परमार विकास यात्रा को लेकर बैठक लेने आए थे.
ऐसे में बैठक के बाद जब मंत्री विश्राम गृह पहुंचे तो राजस्व रिकॉर्ड में मृत व्यक्ति ने अपनी पीड़ा उनसे बयां कर दी. फिलहाल, प्रभारी मंत्री ने पूरे मामले पर जांच का आश्वासन दिया है. हालांकि, ये मामला बैतूल जिले के तहत आने वाले घोड़ाडोंगरी तहसील के चोपना गांव का है. जहां 36 साल पहले रतिकांत मंडल की बेटी ने राजस्व रिकॉर्ड में उनको मृत बताकर उनके हिस्से की 5 एकड़ जमीन अपने नाम करा ली थी.
क्या है मामला?
वहीं, इस मामले का खुलासा 1 साल पहले हुआ. जब केसीसी पर लिए गए लोन की वसूली के लिए बैंक के कर्मचारी गांव पहुंचे. इसके साथ ही बेटी के बेटों ने जमीन पर कब्जा कर लिया, जिसके बाद पीड़ित और उसके परिजनों को डराया धमकाया. दरअसल, 74 साल की उम्र के रतिकांत मंडल की मां फूलमती मंडल के नाम से 5 एकड़ जमीन थी. उनकी मौत हो जाने के बाद रतिकांत की बेटी ममता राय ने अपने पति के साथ मिलकर एकमात्र वारिश रतिकांत को जमीन के नामांतरण में मृत बताकर राजस्व रिकॉर्ड में जमीन अपने नाम करवा ली.
सरकार की ओर से मिली थी 5 एकड़ जमीन
बता दें कि, रतिकांत के 7 बच्चे है, जिनमें 4 लड़के और 3 लड़की है. ऐसे में सिर्फ एक लड़की ने उनकी जमीन अपने नाम करा ली है. बताया जा रहा है कि, रतिकांत और उनके पिता मानिक मंडल बांग्लादेश से रिफ्यूजी कैंप चोपना आए थे. जहां दोनों के कार्ड अलग-अलग थे और दोनों को सरकार से पांच-पांच एकड़ जमीन मिली थी.
वहीं, पिता के बाद जमीन मां फूलमती के नाम से हो गई थी और फूलमती की मौत के बाद 5 एकड़ जमीन जो रतिकांत को मिली थी. उसमें फर्जीवाड़ा कर उनकी बेटी ने अपने नाम करा ली. हालांकि, अब इस जमीन को पाने के लिए रतिकांत मंडल अपने परिजनों के साथ सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं.
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