महाकाल मंदिर के पुजारी पं. आशीष शर्मा ने बताया कि मंदिर की प्राचीन परंपराओं के अनुसार यहां शाम 5 बजे के बाद ज्योतिर्लिंग का जलाभिषेक नहीं किया जाता है. शाम 5:30 बजे से मंदिर मे संध्या आरती की तैयारी शुरू हो जाती है. शाम को बाबा महाकाल का सूखे मेवों और भांग से श्रृंगार किया जाता है. पंडित आशीष शर्मा ने बताया कि इस प्राचीन परंपरा के कारण ही पीएम मोदी मंदिर में पहुंचने के बाद भी बाबा महाकाल का जलाभिषेक करने से वंचित रह जाएंगे. और वह केवल भगवान की सूखी पूजा ही करेंगे. पं. आशीष शर्मा ने यह भी बताया कि प्राचीन मान्यताओं के अनुसार उज्जैन के राजा बाबा महाकाल है. ऐसा कहा जाता है कि किसी उच्च पद पर बैठा व्यक्ति या नगर सेठ अगर उज्जैन में रात्रि विश्राम करता है, तो वह अपने उच्च पद से हाथ धो बैठता है. अगर वजह है कि प्रदेश के सीएम से लेकर केंद्रीय मंत्री सिंधिया तक उज्जैन में रात गुजारने से कतराते हैं. प्रधानमंत्री मोदी इस वक्त देश के सबसे उच्च पद पर आसीन हैं, लिहाजा वह भी उज्जैन में रात्रि विश्राम नहीं करेंगे और लोकार्पण के बाद उज्जैन से इंदौर होते हुए रात में दिल्ली के रवाना हो जाएंगे.
बाबा महाकाल के दर्शन करने वाले 5वें प्रधानमंत्री होंगे मोदी
महाकाल की नगरी उज्जैन में महाकाल लोक का आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्घाटन करने जा रहे हैं. प्रधानमंत्री अपने कार्यक्रम के दौरान क्षिप्रा नदी किनारे स्थित कार्तिक मेला गाउंड में लोगों को संबोधित भी करेंगे. मोदी इसके पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में महाकाल मंदिर आए थे. उज्जैन पहुंचने वाले नरेंद्र मोदी 5वें प्रधानमंत्री हो गए हैं. पीएम मोदी के पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री, मोरारजी देसाई और राजीव गांधी भी आ चुके हैं.
यह पूर्व प्रधानमंत्री आ चुके है उज्जैन
महाकाल दर्शन के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री, मोरारजी देसाई और राजीव गांधी भी उज्जैन आ चुके हैं. मोरारजी देसाई ने प्रधानमंत्री रहते भगवान महाकाल के दर्शन 1977 में किए थे. लेकिन उस दौरान वे जनता पार्टी के नेता के रूप में उज्जैन आए थे और भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के बाद ही उन्होंने चुनाव प्रचार की शुरूआत की थी. गांधी परिवार का महाकाल मंदिर से बड़ा लगाव रहा है, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी भी प्रधानमंत्री रहते महाकाल मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना कर चुके हैं.
इंदिरा गांधी 29 दिसंबर 1979 को महाकाल मंदिर आई थी, जब वे मंदिर पहुंचे तो यहां भस्म आरती चल रही थी, इसलिए उन्होंने मंदिर के बाहर से ही दर्शन किए थे. वे गर्भगृह में प्रवेश नहीं किया था, भस्म आरती के दौरान वे करीब 20 मिनिट तक गलियारे में खड़ी रहीं. आरती होने के बाद उन्होंने करीब 35 मिनिट तक पूजा अर्चना की थी, हालांकि इस दौरान वे प्रधानमंत्री नहीं थी. इसके कुछ दिन बाद ही वे देश की प्रधानमंत्री बनी, इंदिर गांधी के बाद राजीव गांधी भी प्रधानमंत्री रहते महाकाल मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना कर चुके हैं. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उज्जैन से खास लगाव था, वे करीबन 10 बार उज्जैन गए. इस दौरान उन्होंने बाबा महाकाल के दर्शन भी किए, हालांकि प्रधानमंत्री रहते वे उज्जैन नहीं गए.
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