russia ukraine war updates: यूक्रेन के शहरों में सोमवार की सुबह एकाएक 84 मिसाइलें गिराकर कोहराम मचा देने के बाद दुनिया की नजरें एक बार फिर यूक्रेन और रूस की जंग पर टिक गई हैं। रिपोर्ट है कि पुतिन ने यूक्रेन में मिल रही लगातार असफलताओं के बाद नए कमांडर के रूप में सर्गेई सुरोविकिन की नियुक्ति की थी। सर्गेई को बेहद क्रूर सेनाध्यक्ष माना जाता है। अपने एक सैनिक के बदले दुश्मन के तीन सिर काटने के हुक्म के अलावा सर्गेई 90 के दशक में अपने ही देश के प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाने का आदेश दे चुका है। दो बार जेल जा चुके सर्गेई के बारे में कई ऐसी बातें हैं, जो सुनने वाले को डरा दे।
यूक्रेन और रूस की जंग में सोमवार को नया और भयावह मोड़ तब आया जब सुबह-सुबह यूक्रेन के कई शहरों पर रूसी सेना ने 84 मिसाइलें दागी। हालांकि यूक्रेन के लड़ाकों ने 43 मिसाइलों को नष्ट जरूर कर दिया लेकिन, बाकी मिसाइलों ने राजधानी कीव समेत कई शहरों को काफी नुकसान पहुंचाया है। इस हमले में कम से कम 14 लोगों की मारे जाने की सूचना है। जबकि कई लोग घायल हैं। यूक्रेन की धरती पर युद्ध शुरू होने के बाद यह सबसे बड़ा रूसी हमला बताया जा रहा है। इस हमले के पीछे जो शख्स है- उसका नाम है- सर्गेई सुरोविकिन।
बेहद क्रूर जनरल है सर्गेई
रूस के इतिहास में कई खूंखार और क्रूर जनरल रहे हैं। उन्हीं में से एक सर्गेई सुरोविकिन भी है। इस जनरल की छवि बेहद खराब है। हालांकि पुतिन की नजर में यह सफल सेनाध्यक्षों में से एक है। यही वजह है कि सर्गेई को शनिवार की रोज यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई के सेनाध्यक्ष के रूप में चुना गया। रूस का यह सैन्य दिग्गज 80 के दशक में अफगानिस्तान के साथ सोवियत संघ के युद्ध में भाग ले चुका है। इतना ही नहीं अपने ही नागरिकों पर गोलियां चलाने का आदेश भी चुका है। बात 1991 की है जब मास्को में लोकतंत्र के समर्थन में प्रदर्शन किया जा रहा था।
सीरिया युद्ध में रासायनिक हथियारों से हमला
साल 2017 में सीरियाई युद्ध के दौरान रूसी सेना ने जब हस्तक्षेप किया तो उस वक्त भी सर्गेई के पास कमान थी। इस दौरान सर्गेई पर दुश्मन के लड़ाकों पर बमबारी और रासायनिक हथियारों से हमला करने का आरोप लगा था।
एक सिर पर दुश्मन के तीन सिर
सर्गेई अपने सैनिकों को अक्सर यह कहता है कि अगर अपने सैनिकों का एक सिर भी गिरा तो दुश्मन के तीन सिर काट डालो। टिंक टैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि वह हमलों के दौरान दुश्मन इलाकों में क्रूरता की सभी हदों को लांघ जाता है।
दो बार जेल भी गया
1991 में प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाने के आदेश में सर्गेई को जेल की सजा हुई थी। सर्गेई को रूस में देशभक्त के रूप में देखा जाता है जो शासक के फरमान का हर कीमत पर पालन करता है। इसके अलावा 1995 में अवैध हथियारों की तस्करी के आरोप में भी सर्गेई को जेल की सजा हुई है।
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