देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन दौरे पर रहेंगे. यहां पीएम 856 करोड़ रुपए की महाकालेश्वर मंदिर कॉरिडोर विकास परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे. इस परियोजना से मध्य प्रदेश की इस तीर्थ नगरी में पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. पीएम के दौरे को लेकर उज्जैन को संवारा गया है. उज्जैन स्मार्ट सिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशीष कुमार पाठक ने कहा कि हर साल करीब 1.5 करोड़ लोग मंदिर में दर्शन करने पहुंचते हैं. उन्होंने कहा कि और, महाकाल लोक के उद्घाटन के बाद इस सालाना संख्या के दोगुना होकर करीब तीन करोड़ होने की उम्मीद है.
महाकाल लोक के उद्घाटन कार्यक्रम महाकाल की विशेष पूजा अर्चना के साथ शुरू होगा. जारी शेड्यूल के मुताबिक, प्रधानमंत्री को लेकर भारतीय वायुसेना की फ्लाइट मंगलवार दोपहर 3:35 बजे अहमदाबाद हवाई अड्डे से रवाना होगी. शाम साढ़े चार बजे इंदौर हवाईअड्डे पर उतरेगी. इंदौर से वह हेलीकॉप्टर से उड़ान भरेंगे, जो शाम 5 बजे उज्जैन के हेलीपैड पर उतरेगा. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मोदी शाम पांच बजकर 25 मिनट पर महाकाल मंदिर पहुंचेंगे और शाम छह बजकर 25 मिनट से शाम सात बजकर पांच मिनट के बीच राष्ट्र को महाकाल लोक समर्पित करने से पहले पूजा करेंगे. इस दौरान कार्तिक मेला ग्राउंड में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल होंगे और एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. इस जनसभा में साधु संतों के साथ उज्जैन के स्थानीय लोग भी शामिल होंगे. पीएम मोदी की जनसभा विशाल होगी. ऐसे में हम आपको हम महाकाल लोक से जुड़े 9 बड़ी बातें बता रहे हैं.
9 पॉइंट्स में जानें बड़ी बातें…
- देश में सबसे बड़े ऐसे कॉरिडोरों में से एक के रूप में निर्मित 900 मीटर से अधिक लंबा ‘महाकाल लोक’ कॉरिडोर, पुरानी रुद्रसागर झील के चारों ओर फैला हुआ है. इसे प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के आसपास पुनर्विकास परियोजना के हिस्से के रूप में भी पुनर्जीवित किया गया है.
- दो राजसी प्रवेश द्वार – नंदी द्वार और पिनाकी द्वार – थोड़ी दूरी से अलग, कॉरिडोर के शुरुआती बिंदु के पास बनाए गए हैं, जो मंदिर के प्रवेश द्वार तक जाते हैं और रास्ते में एक सौंदर्य दृश्य पेश करते हैं.
- जटिल नक्काशीदार बलुआ पत्थरों से बने 108 अलंकृत स्तंभों का एक राजसी स्तंभ, भव्य फव्वारे और ‘शिव पुराण’ की कहानियों को दर्शाने वाले 50 से ज्यादा भित्ति चित्रों का एक पैनल महाकाल लोक की प्रमुख विशेषताओं में से एक है.
- राज्य सरकार भव्य आयोजन के लिए व्यापक तैयारी कर रही है, जो 856 करोड़ रुपए के महाकालेश्वर मंदिर कॉरिडोर विकास परियोजना का हिस्सा है. ‘महाकाल लोक’ के पहले चरण को 316 करोड़ रुपए में विकसित किया गया है.
- देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. कार्तिक मेला मैदान में प्रख्यात गायक कैलाश खेर भगवान शिव को समर्पित एक शिव स्तुति, एक विशेष गीत जय श्री महाकाल गाएंगे.
- पूरे देश की संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी. लोकार्पण समारोह में असम, मणिपुर, गुजरात, महाराष्ट्र, उड़ीसा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश के आदिवासी अंचलों के करीब 700 कलाकार प्रधानमंत्री के सामने अपनी प्रस्तुति देंगे.
- पारंपरिक तरीके से डमरू, घंटा-घड़ियाल और संगीत में रूद्र घोष के साथ पीएम मोदी का स्वागत होगा. पीएम महाकाल के दर्शन के बाद नंदी द्वार पर अनावरण कार्यक्रम में शामिल होंगे. इस विशाल जनसभा में साधु-संतों के साथ उज्जैन के स्थानीय लोग भी शामिल होंगे.
- झारखंड के ट्राइबल इलाके से आए 12 कलाकार पीएम मोदी के सामने अपनी सांस्कृतिक परंपरा भस्मासुर की प्रस्तुति देंगे. इसमें परमानंद, मछावा, सोनू लोहार, सुखराम, सोनिया, सुमि नमक कलाकार शामिल हैं.
- ‘महाकाल लोक’ में लगी मूर्तियां सनातन धर्म की झलक देंगी तो पत्थरों की दीवारों पर बनी नक्काशी में शिव विवाह को अंकित किया गया है.
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