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वाराणसी की गलियों में रहने वाले पंडित अमित भट्टाचार्य ने अमेरिका को नेशन फर्स्ट का संदेश दिया है. पंडित अमित को अमेरिका से डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता मिला था जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया है. देश और दुनिया में सरोद वादन के लिए ख्याति प्राप्त कर चुके अमित भट्टाचार्य ने न्योता अस्वीकार करने का कारण अपने सोशल मीडिया हैंडल र शेयर किया है.
वाराणसी स्थित कबीर नगर के रहने वाले पं. अमित भट्टाचार्य को संगीत में महारत हासिल है. अपने सरोद वादन के लिए भारत के साथ-साथ दुनिया के कई देशों में अमित भट्टाचार्य ख्याति प्राप्त कर चुके हैं. 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए दूसरी बार शपथ लेने वाले हैं. इसको लेकर दुनिया की जानी-मानी हस्तियों को निमंत्रण भेजा गया है. इसमें वाराणसी के अमित भट्टाचार्य को भी सादर आमंत्रित किया गया था.
अमेरिका से मिला था न्योता
अमित भट्टाचार्य को शपथ समारोह के लिए डॉ. जे मार्क बर्न की तरफ से निमंत्रण पत्र मिला है. उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके सांसद हैं और संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. उनका नैतिक कर्तव्य है कि वह अपने देश और देश के नेता के साथ खड़े रहें. इसलिए नेशन फर्स्ट की नीति के तहत वे यह निर्णय ले रहे हैं.
पीएम मोदी पर है गर्व
उन्होंने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि वह प्रधानमंत्री मोदी के कार्यों की सराहना करते हैं और उन्हें उनपर गर्व है. उन्हें इस बात पर भी गर्व है कि वह प्रधानमंत्री मोदी के साथ खड़े हैं. पंडित अमित भट्टाचार्य जाने माने सरोद वादक हैं और स्वर्गीय पंडित ज्योतिन भट्टाचार्य के पुत्र हैं जिन्होंने उस्ताद अल्लाउद्दीन खान से सरोद की शिक्षा ली थी.
पंडित अमित भट्टाचार्य के इस फैसले से संगीत घराने से भी प्रतिक्रिया आ रही है. बनारस संगीत घराने के पंडित देवव्रत मिश्र ने कहा कि ये उनका अपना फ़ैसला है लेकिन उनको जाना चाहिए था. बनारस संगीत को वो वहां रिप्रेजेंट करते. पद्मश्री सोमा घोष ने कहा कि ये पंडित अमित भट्टाचार्य का अपना फ़ैसला है मुझे कुछ नही कहना.
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