संगम नगरी प्रयागराज में जब से महाकुंभ की शुरुआत हुई है, तभी से न जाने कितने साधु और साध्वी वायरल होने लगे हैं. इन्हीं में से एक हैं IIT बॉम्बे के इंजीनियर अभय सिंह ग्रेवाल. उनका एक वीडियो खूब वायरल हुआ है, जिसमें इंजीनियर से बाबा बन गए अभय सिंह ने अपनी जिंदगी के बारे में कई बातें बताई हैं. लोग उनकी पुरानी जिंदगी के बारे में जानने के लिए काफी उत्सुक हैं. तो चलिए आज आपको बाबा अभय की पुरानी जिंदगी की अनदेखी तस्वीरें दिखाएंगे.
अभय सिंह की पुरानी तस्वीरें देखें तो कोई भी यह नहीं मान सकता है कि ये अभय ही हैं. कॉलेज लाइफ को उन्होंने बिल्कुल वैसा ही जिया जैसा कि आम कॉलेज स्टूडेंट जीता है. उनकी दोस्तों के साथ मस्ती, हॉस्टल और कॉलेज ट्रिप की कई तस्वीरें हैं. इन्हें अभय ने अपने फेसबुक अकाउंट पर शेयर किया था. लेकिन जब से वो बाबा बने हैं, उन्होंने शायद ही अपना फेसबुक अकाउंट उसके बाद कभी चलाया भी होगा.
अभय सिंह ग्रेवाल ने अपना फेसबुक इंट्रो लिख रखा है- फाउंडर, फोटोग्राफर एट ग्रेवॉल, रिसर्च असोसिएट एट आईडीसी आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी पवई में काम कर चुके हैं. आईआईटी मुंबई में एरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. इन सबकी पुष्टि के लिए कई तस्वीरें हैं जो अभय की मोहमाया वाली जिंदगी से वैराग्य तक की कहानी कह रही हैं.
संपन्न परिवार से हैं अभय
अभय मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले में स्थित छोटे से गांव सासरोली के रहने वाल हैं. उनके पिताजी वकील हैं. अभय काफी संपन्न परिवार है और यह अपने मां-बाप के इकलौते बेटे हैं. अभय के पड़ोसी की मानें तो, अभय के मां-बाप उनके बारे में किसी को नहीं बताते थे लेकिन कुंभ से वीडियो आने के बाद गांव में चर्चा है.
सत्य की खोज में निकले अभय
पड़ोसी ने बताया- अभय ने वैराग्य लिया है और वह सत्य की खोज में घर से निकल गए. उनमें यह बदलाव अचानक नहीं बल्कि धीरे-धीरे आया था. पहले उन्होंने सद्गुरु को फॉलो किया. फिर कोर्स भी किया और अपना अलग रास्ता चुन लिया. अभय शॉर्ट फिल्म भी बना चुके हैं. उनका यूट्यूब चैनल है जिस पर कुछ वीडियोज हैं.
कनाडा में जॉब भी की अभय ने
उधर, अभय के पिता कर्ण सिंह ने एक न्यूज चैनल को बताया, अभय बचपन से ही काफी होनहार छात्र रहा है. हमेशा उसकी अच्छी रैंक आई. आईआईटी परीक्षा भी पास की और वह मुंबई चला गया. पिता ने बताया, बेटा नौकरी करने के लिए कनाड भी चला गया था. कोरोना काल में उसने कनाडा में ही जॉब की और अपनी बहन के पास रहा.
बचपन से कम बात करता था
अभय के पिता कर्ण सिंह का कहना है कि उनका बेटा बचपन से ही काफी कम बात किया करता था. मगर उनके बेटे ने उन्हें या अपनी मां को कभी भी अध्यात्म के बारे में बात नहीं की. उन्हें कभी पता नहीं चला कि कि उनका बेटा अध्यात्म के रास्ते पर चल पड़ा है.
पिछले 6 महीने से ढूंढ रहे बेटे को
अभय के पिता का कहना है कि वह और उनका परिवार पिछले 6 महीने से बेटे को खोज रहा है. उसकी लोकेशन ट्रेस कर रहा है. सोशल मीडिया के माध्मय से बेटे के बारे में पता चला है. पिता कर्ण सिंह बेटे के बारे में बात करते हुए भावुक भी हो जाते हैं. वह कहते हैं, अभय ने पिछले 6 महीनों से पूरे परिवार ने फोन नंबर ब्लॉक कर दिए हैं. इससे पहले भी वह सिर्फ यही कहता था कि उसे फोन पर मैसेज ही कर दिया करो. मगर पिछले 6 महीने से जब से नंबर ब्लॉक किया है, तब से उसके बारे में कुछ पता नहीं चल रहा था.
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