Ghaziabad News :
एनसीआरटीसी अपनी प्रोजेक्ट साइट पर पर्यावरण और खासकर वाटर रिचार्ज को लेकर गंभीर है। दिल्ली- गाजियाबाद- मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर जगह- जगह पिट्स बनाकर वाटर रिचार्ज बढ़ाने का प्रयास किया गया है वहीं सोलर पैनल स्थापित कर सौर ऊर्जा पर भी विशेष जोर दिया गया है। कॉरिडोर के दुहाई डिपो में वर्षा जल संचयन के लिए बनाए गए 20 वर्षा जल संचयन पिट्स के अलावा डिपो में दो बड़े तालाब भी बनाए गए हैं। इससे पिट्स से बचने वाला अतिरिक्त वर्षा जल इन तालाबों में जाकर एकत्रित होगा और उसके बाद भू-गर्भ में समा जाएगा।
जानिए दोनों तालाबों के बारे में
दुहाई डिपो में वर्षा जल संचयन के लिए बनाए गए दोनों तालाबों में 66 लाख लीटर से अधिक वर्षा जल जमा हो सकेगा। इन तालाबों का आकार क्रमश: 1160 स्क्वायर मीटर और 663 स्क्वायर मीटर है। इन तालाबों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि डिपो में फैलने वाला वर्षा जल यहां बनाए गए ड्रेनेज सिस्टम के जरिए सीधा तालाबों तक पहुँच जाएगा। इन तालाबों की गहराई 4 से 5 मीटर है और इनके तलों में वर्षा जल संचयन पिट्स बनाए गए हैं, ताकि इनमें एकत्रित होने वाला वर्षा जल भू-गर्भ तक पहुँच सके।
तालाबों में गए हैं वाटर रिचार्ज पिट्स
एक तालाब में 4 और दूसरे में 3 वृत्ताकार वर्षा जल संचयन पिट्स बनाए गए हैं, जिनकी गहराई 1.2 मीटर और व्यास 2.5 मीटर है। इन पिट्स में वर्षा जल को साफ करने के लिए तीन परत वाले फिल्टर्स लगाए गए हैं, ताकि भूगर्भ में गंदगी मुक्त जल ही पहुँचे। इसके साथ ही इन तालाबों में एकत्रित होने वाले वर्षा जल से डिपो के पौधों को भी सींचा जा सकेगा। डिपो में इससे पहले 20 वर्षा जल संचयन पिट्स बनाए गए हैं, जो डिपो के तैयार होने से पहले ही सक्रिय हो चुके हैं। अब डिपो में वर्षा जय संचयन के लिए दो बड़े तालाब बनने से वर्षा जल को और बेहतर ढंग से भू-गर्भ तक पहुंचाया जा सकेगा।
पूरे कॉरिडोर पर 950 से अधिक पिट्स बनाए
एनसीआरटी पूरे नमो भारत कॉरिडोर पर प्रभावी वर्षा जल संचयन तंत्र विकसित कर रही है। दुहाई स्थित डिपो भी इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ के मोदीपुरम तक 82 किमी लंबे नमो भारत कॉरिडोर पर 950 से अधिक वर्षा जल संचयन पिट्स बनाए जा रहे हैं, जिनका कार्य अंतिम चरण में है। इन पिट्स के जरिए लाखों क्यूबिक मीटर ग्राउंड वॉटर रिचार्ज होने की उम्मीद है।
एलीवेटेड सेक्शन पर सेंट्रल वर्ज के नीचे बने पिट्स
कॉरिडोर पर दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ में 70 किमी का सेक्शन एलिवेटेड है और बाकी हिस्सा भूमिगत है। कॉरिडोर पर कुल 25 स्टेशन होंगे, जिसमें से एलिवेटेड सेक्शन में 21 और भूमिगत सेक्शन में 4 स्टेशन होंगे। वर्षा जल संचयन पिट्स सिर्फ एलिवेटेड वायडक्ट, एलिवेटेड स्टेशनों और डिपो में बनाए जा रहे हैं। कॉरिडोर के एलिवेटेड हिस्से में ये वर्षा जल संचयन पिट्स वायाडक्ट स्पैन के नीचे सड़क डिवाइडर वाले भाग में बनाए जा रहे हैं। वहीं स्टेशनों के प्रत्येक प्रवेश-निकास द्वारों पर 2-2 वर्षा जल संचयन पिट्स बनाए जा रहे हैं।
मोदीपुरम में तैयार हो रहा दूसरा डिपो
नमो भारत कॉरिडोर पर ट्रेनों के रखरखाव और संचालन के लिए दो डिपो होंगे। एक डिपो दुहाई गाजियाबाद में बनकर तैयार हो चुका है, जहां आवश्यकतानुसार वर्षा जल संचयन पिट्स बनाए जा चुके हैं। जबकि दूसरा डिपो मोदीपुरम, मेरठ मे तैयार किया जा रहा है। नमो भारत कॉरिडोर पर वर्तमान में न्यू अशोक नगर दिल्ली से मेरठ साउथ तक 11 स्टेशनों के साथ 55 किमी के खंड में नमो भारत ट्रेनों का संचालन जारी है।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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