मेरठ का केएमसी अस्पताल.
उत्तर प्रदेश के मेरठ से चौंकाने वाला मामला सामने आया है. एक महिला ने यहां के केएमसी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर पर बड़ा आरोप लगाया है. बुलंदशहर की रहने वाली कविता का आरोप है कि 2017 में उसके इलाज के दौरान केएमसी अस्पताल में उनकी एक किडनी निकाल ली गई. पांच साल बाद 2022 में जब उसने जांच कराई तो यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ. मामले में पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर हॉस्पिटल के 6 डॉक्टरों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
पीड़ित कविता बुलंदशहर के बुगरासी की रहने वाली है. उसका कहना है कि 2017 में बीमार होने पर केएमसी हॉस्पिटल गई थी. वहां उसे डॉ. सुनील गुप्ता ने ऑपरेशन की सलाह दी. 20 मई 2017 को उसका ऑपरेशन किया गया और 24 मई को उन्हें छुट्टी दे दी गई. डॉक्टरों ने आश्वासन दिया कि उनका इलाज सफल रहा. लेकिन 28 अक्टूबर 2022 को जब उन्होंने दूसरी जगह जांच कराई, तो पता चला कि उनकी बाईं किडनी गायब है.
किडनी निकालकर बेचने का आरोप
कविता का आरोप है कि डॉ. सुनील गुप्ता ने अन्य डॉक्टरों और कर्मचारियों के साथ मिलकर उनकी किडनी निकालकर किसी को बेच दिया. इसके बावजूद उन्हें गलत रिपोर्ट देकर दवाएं दी जाती रहीं. आरोप है कि जब भी उनकी तबीयत बिगड़ी, डॉक्टरों ने उससे सच्चाई छुपाई. कविता ने न्यायालय का सहारा लिया. जिसके बाद एसीजेएम-तृतीय बुलंदशहर के आदेश पर नरसैना थाने में सर्जन डॉ. सुनील गुप्ता, उनकी पत्नी डॉ. प्रतिभा गुप्ता, डॉ. अजय एन वत्स, डॉ. निकिता जग्गी, डॉ. सतीश अरोड़ा और डॉ. सीमा वार्ष्णेय सहित अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की गई.
पीड़िता को दी मारपीट और जान से मारने की धमकी
आरोपियों पर मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. कविता का आरोप है कि जब उन्होंने 2022 में अस्पताल जाकर शिकायत की, तो डॉक्टरों और कर्मचारियों ने उनके साथ मारपीट की और दस्तावेज छीन लिए. जुलाई 2023 में डॉ. सुनील गुप्ता ने कथित रूप से बदमाशों को कविता के घर भेजा, जिन्होंने मुकदमा वापस न लेने पर जान से मारने की धमकी दी.जब इस मामले में केएमसी के डॉक्टर सुनील गुप्ता से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया.
– India Samachar
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