उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में एक किसान ने मजदूरी छोड़कर सब्जी की खेती शुरू कर कमाई का अनोखा रिकॉर्ड बनाया है. किसान ने यूट्यूब देखकर सब्जी की खेती की शुरुआत की थी. एक बार वैज्ञानिक विधि से रोपी गई बैंगन की फसल 1 साल तक बंपर मुनाफा दे रही है. अब इस किसान की मेहनत और बैंगन की खेती से हो रही पैसों की बरसात देखकर आसपास के किसान भी सब्जियों की खेती में रूचि ले रहे हैं.
हरदोई के रहने वाले मजदूर से किस बने रमेश बताते हैं कि वह रोजाना सुबह उठकर मजदूरी के लिए शहर जाया करते थे. शाम को उन्हें ₹400 दिहाड़ी के रूप में मिलता था, जिससे वह अपने परिवार का पालन पोषण करते थे. दैवीय आपदा और बीमारी के समय परिवार का भरण पोषण मुश्किल हो जाया करता था. उनके पास कम खेती होने की वजह से पेट पालना भी मुश्किल हो रहा था.
रमेश ने बताया- एक दिन मैंने अपने रिश्तेदार के फोन पर बैंगन की खेती के संबंध में एक वीडियो देखा, जिसमें वैज्ञानिक विधि से बैंगन की खेती की जानकारी दी गई थी. बस इस वीडियो को देखने के बाद हमने बैंगन की खेती करने का मन बनाया. थोड़ी जानकारी कम होने की वजह से हमने इस संबंध में उद्यान विभाग से जानकारी ली. जहां से विभाग के अधिकारियों ने उत्तम तरीके से खेती के नायाब तरीकों के विषय में बेहतरीन जानकारी दी.
साल भर होती बंपर कमाई
किसान रमेश ने बताया कि एक हेक्टर खेती में बैंगन की फसल लेने के लिए करीब तीन से 400 ग्राम हाइब्रिड बीजों की आवश्यकता होती है. सही तरीके से खेत की मिट्टी को जोतने के बाद खरपतवार नियंत्रित कर लिए जाते हैं. गहरी जुताई करके सड़ी हुई गोबर की खाद डालकर खेत को तैयार किया जाता है. पाटा लगाकर मेढ़ पर बीजों को बोने से खरपतवार और कीट नियंत्रित रहती हैं समय से ड्रिप इरीगेशन पद्धति से पानी और लिक्विड खाद का प्रयोग करने से पौध बेहतरीन तरीके से तैयार होती हैय पानी के साथ खाद ड्रिप इरीगेशन विधि से पौधों तक पहुंचाने से बेहतरीन पौध तैयार होती है.
रमेश ने बताया कि वह कीटों के उपचार के लिए गोमूत्र के छिड़काव का इस्तेमाल करते हैं. खेत में पौधों की देखभाल अपने बच्चों की तरह ही करते हैं जिससे अच्छी फसल देने वाले बैंगन के पौधे तैयार होते हैं. समय से रोपाई देखभाल करने से 1 साल तक बैंगन के पौधे रिकॉर्ड तोड़ सब्जी उत्पादन करते हैं.
किसान पर पैसों की बरसात
किसान रमेश ने बताया कि एक हेक्टेयर में बैगन की फसल की पहली टूट में 400 कुंतल बैंगन की सब्जी प्राप्त होती है. यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है. 1 हेक्टेयर में बैंगन की खेती में लगभग दो लाख तक का खर्च आता है, लेकिन औसत पैदावार में लागत से 10 गुना से भी ज्यादा होती है. बैंगन की खेती एटीएम क्रॉप है, जिसे दो-तीन दिन रोक कर भी सही बाजार भाव देखकर तोड़कर बेचा जा सकता है.
हरदोई में पैदा होने वाला बैंगन कई महानगरों में बिक्री के लिए जाता है इसे सर्दियों के दिनों में कई प्रदेशों में बिकने के लिए भेजा जाता है. यहां के बैंगन की मांग बिहार, मध्य प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान तक में है. शादी बारात के सीजन में इसकी मांग और कीमत दोनों बढ़ती है जिससे अच्छी आमदनी होती है.
हरदोई में पैदा हो रहा बैंगन साफ सुथरा
हरदोई के जिला उद्यान अधिकारी सुभाष चंद्र ने बताया कि हरदोई में मिट्टी चिकनी, दोमट,रेतीली हल्के भूरे रंग की होती है यहां की मिट्टी में क्षारीय होने के साथ-साथ ज्यादा जल धारण करने की क्षमता है. यह सब्जियों के लिए अच्छा मानक है. यहां के उन्नतशील किसान सब्जियों की खेती में अच्छी कमाई कर रहे हैं. यहां पैदा होने वाला बैंगन साफ सुथरा और चमकदार होता है.
सरकार की तरफ से समय-समय पर अभियान चला कर सब्जियों की खेती के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है. हरदोई के शाहाबाद, सवायजपुर, बिलग्राम तहसील क्षेत्र में किसान बैंगन, टमाटर, गोभी, मिर्च, मूली, गाजर इत्यादि सब्जियों की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. समय-समय पर विभाग की तरफ से चौपाल लगाकर किसानों को अच्छे बीज और खेती की तकनीक मुहैया कराई जाती है किसानों को सब्जियों की खेती के लिए सब्सिडी भी दी जाती है.
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