Greater Noida News :
मकर संक्रांति का पर्व जहां देशभर में कई तरीकों से मनाया जाता है। वहीं, गौतमबुद्ध नगर जिले में इसे एक अनोखी परंपरा के साथ मनाने का प्रचलन है। इस त्योहार पर घर-परिवार के रूठे सदस्यों को मनाने की विशेष परंपरा निभाई जाती है। जो न केवल आपसी प्रेम बढ़ाने का माध्यम है, बल्कि रिश्तों में मिठास घोलने का भी एक अनूठा तरीका है।
गीत, गजक और उपहारों से रूठों को मनाने की परंपरा
मकर संक्रांति के दिन यहां की महिलाएं अपने घर के किसी भी रूठे सदस्य को मनाने का अभिनय करती हैं। चाहे वह वास्तव में रूठा हो या नहीं। परिवार की महिलाएं ढोल और गीतों के साथ सास, ननद, जेठानी या अन्य रिश्तेदारों को मनाने निकलती हैं। रूठे हुए सदस्यों को परिवार के किसी अन्य घर में बैठाया जाता है, जहां वे प्रतीकात्मक रूप से नाराज होते हैं।
ऐसे लौटते है घर वापस
इसके बाद मनाने वाली महिला अपनी सहेलियों और पड़ोस की महिलाओं के साथ ढोल-नगाड़ों की धुन पर पारंपरिक गीत गाती हुई उनके पास पहुंचती है। फिर उन्हें कपड़े, गजक, मिठाई और पैसे जैसे उपहार देकर मनाती है। इस प्रक्रिया के दौरान महिलाएं खुशी और उल्लास के साथ गीत गाते हुए अपने घर वापस लौटती हैं।
नवविवाहित बहुओं की विशेष भूमिका
इस परंपरा में नवविवाहित बहुओं की भूमिका भी बेहद खास होती है। जिस परिवार में हाल ही में शादी हुई होती है। वहां नई बहू को अपने ससुराल के सभी बड़ों को उपहार देकर मनाना होता है। यह प्रक्रिया न केवल बहू और परिवार के बीच संबंधों को मजबूत करती है। बल्कि नई बहू के लिए परिवार में अपनी जगह बनाने का भी प्रतीक होती है।
दुख के समय भी निभाई जाती है परंपरा
गौतमबुद्ध नगर में यह परंपरा इतनी महत्वपूर्ण मानी जाती है कि किसी परिवार में यदि किसी की मृत्यु हो चुकी हो तब भी यह त्योहार अवश्य मनाया जाता है। इसे न मनाने से परंपरा टूटने का डर रहता है। इसलिए इस पर्व को हर हाल में मनाया जाता है।
बुजुर्गों के लिए सम्मान का पर्व
ग्रेटर नोएडा के सुत्याना गांव की 60 वर्षीय निवासी कमलेश देवी का कहना है, “मकर संक्रांति पर मेरी बहू मुझे कपड़े और उपहार देकर मनाती है। यह परंपरा मेरे जमाने से चली आ रही है। मैं भी अपनी सास को इसी तरह मनाती थी। इससे न केवल आपसी प्रेम बढ़ता है। बल्कि बुजुर्गों के प्रति सम्मान भी बना रहता है।” मकर संक्रांति पर रिश्तों को मनाने की यह अनूठी परंपरा गौतमबुद्ध नगर में वर्षों से चली आ रही है। यह त्योहार न केवल आपसी स्नेह को बढ़ावा देता है।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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