दिल्ली में BJP ने कई सीटों पर दी थी कड़ी चुनौती
दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही चुनावी अभियान जोर पकड़ चुका है. वैसे सभी प्रमुख दल तारीखों के ऐलान से पहले ही अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गए थे. पिछले 2 चुनावों से आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली में अपने शानदार प्रदर्शन के साथ सत्ता पर पकड़ बनाए रखी है. उसके आगे अन्य दलों का प्रदर्शन कहीं कमतर ही रहा है.
हालांकि बीजेपी ने 2015 की तुलना में 2020 के विधानसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन में मामूली तौर पर सुधार किया था. पार्टी की कोशिश अपने प्रदर्शन में व्यापक स्तर पर सुधार करते हुए सत्ता पर ढाई दशक से भी लंबे इंतजार के बाद लौटने की है.
AAP का 2020 में 6 जिलों में क्लीन स्वीप
अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली पार्टी भी अपने ताबड़तोड़ चुनावी अभियान के जरिए दिल्ली के वोटर्स को लुभाने में लगी है. 5 साल पहले दिल्ली में हुए सातवें विधानसभा चुनाव में AAP को 2015 की तुलना में 2020 में थोड़ा झटका लगा था. 2015 में पार्टी को 67 सीटों पर जीत मिली थी जबकि 2020 में उसके खाते में 62 सीटें ही आईं.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कुल 11 जिले आते हैं जिसमें 6 जिलों में आम आदमी पार्टी ने 2020 में क्लीन स्वीप किया था. जबकि 2015 के चुनाव में पार्टी ने कुल 8 जिलों में सूपड़ा साफ किया था. ऐसे में उसके प्रदर्शन में जाहिरातौर पर गिरावट आई थी.
ईस्ट दिल्ली में BJP का बेस्ट प्रदर्शन
बीजेपी ने अपने पिछले खराब प्रदर्शन को पीछे छोड़ते हुए नॉर्थ दिल्ली जिले से अपनी एक सीट (रोहिणी सीट) बचाए रखी. जबकि शाहदरा और नॉर्थ ईस्ट दिल्ली जिले में एक-एक सीट जीतने वाली बीजेपी ने 2-2 सीटों पर कब्जा जमा लिया. 2020 के चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन ईस्ट दिल्ली जिले में सबसे अच्छा रहा क्योंकि वह 0 से आगे बढ़ते हुए 2 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही थी.
शाहदरा जिले की चर्चित विश्वास नगर विधानसभा सीट पर बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को जोर का झटका दिया. आम आदमी पार्टी के लिए यह वह सीट रही जहां पार्टी अब तक अपना झाड़ू नहीं लगा सकी है. उसे 2013 के अपने पहले ही चुनाव से लगातार हार मिल रही है.
AAP की आंधी में BJP की हैट्रिक
अरविंद केजरीवाल और AAP की आंधी के बीच भी पूर्वी दिल्ली क्षेत्र में आने वाली विश्वास नगर विधानसभा सीट बीजेपी के कब्जे में बनी रही. बीजेपी के प्रत्याशी ओम प्रकाश शर्मा यहां 2013 से ही लगातार 3 जीत के साथ अपनी हैट्रिक लगा चुके हैं. वह 2008 में भी यहां पर पहली बार मैदान में उतरे थे, लेकिन तब उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
2013 में ओम प्रकाश ने कांग्रेस के प्रत्याशी और निवर्तमान विधायक नसीब सिंह को हराया था. फिर 2015 के चुनाव में ओम प्रकाश शर्मा ने AAP के डॉक्टर अतुल गुप्ता को शिकस्त दी. अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए AAP ने 2020 में अपना उम्मीदवार बदला लेकिन वह भी ओम प्रकाश शर्मा को नहीं हरा सके. AAP के दीपक सिंगला को 16,457 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा.
2025 के चुनाव में त्रिकोणीय जंग के आसार
हालांकि 2025 के चुनाव में भी इन दोनों प्रत्याशियों के बीच ही मुकाबला हो रहा है. अब देखना है कि AAP का 2025 के चुनाव में कैसा प्रदर्शन रहेगा. पार्टी की कोशिश विश्वासनगर विधानसभा सीट पर जीत हासिल करने के साथ ही उन सीटों पर भी जीत दर्ज कराने की होगी जहां उसे हार मिली थी. साथ ही वह अपनी 62 सीटों पर भी कब्जा बरकरार रखना चाहेगी.
दिल्ली में साल 2025 का मुकाबला आसान नहीं दिख रहा है. AAP सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही है तो कांग्रेस 10 साल के अपने सूखे को खत्म करने को बेताब है जबकि बीजेपी भी सत्ता पर अपनी पकड़ चाहती है. वह 1998 में मिली हार के बाद से ही अब तक कोई विधानसभा चुनाव नहीं जीत सकी है. मुकाबला त्रिकोणीय दिख रहा है. परिणाम के लिए अभी इंतजार करना होगा.
– India Samachar
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