
अरविंद केजरीवाल, संदीप दीक्षित
दिल्ली के चुनावी घमासान में आप के खिलाफ हमलावर कांग्रेस नेताओं ने अब अपने अन्य सहयोगी दलों पर भी निशाना साधने लगा है. नई दिल्ली से कांग्रेस के उम्मीदवार संदीप दीक्षित ने तृणमूल और सपा पर बड़ी टिप्पणी की है. दीक्षित ने कहा है कि दिल्ली की सियासत में आप और तृणमूल कांग्रेस का कोई जनाधार नहीं है. अब उन्हें जिसे समर्थन देना है, उसे दें.
दीक्षित के इस बयान को चुनाव के बीच बड़बोलेपन के रूप में देखा जा रहा है. इसी तरह कांग्रेस के नेता कमलनाथ ने मध्य प्रदेश चुनाव के बीच अखिलेश यादव पर विवादित टिप्पणी की थी. कमलनाथ ने उस वक्त कहा था कि अखिलेश का मध्य प्रदेश में कोई जनाधार नहीं है. हालांकि, विधानसभा चुनाव में हार के बाद लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस ने सपा को मध्य प्रदेश में समझौते के तहत एक सीट दी थी.
हरियाणा में भी भारी पड़ा था बड़बोलापन
हरियाणा के चुनाव में सपा और आप कांग्रेस के साथ समझौते के तहत लड़ना चाह रही थी. हाईकमान ने इसके लिए स्थानीय नेताओं से संपर्क भी किया, लेकिन कांग्रेस के कद्दावर नेता भूपिंदर हुड्डा ने जनाधार का हवाला देकर अखिलेश और अरविंद केजरीवाल को सीट देने से इनकार कर दिया.
आप मैदान में जहां अकेले उतर गई, वहीं सपा ने आखिरी वक्त में कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा कर दी. हालांकि, कांग्रेस हरियाणा चुनाव में जीत नहीं पाई. हरियाणा का पूरा चुनाव जाट वर्सेज गैर-जाट का हो गया.
इस हार के बाद कहा गया कि हुड्डा अगर सहयोगी दलों को तवज्जों देते तो हरियाणा में कांग्रेस चुनाव जीत भी सकती थी.
अब दिल्ली में दीक्षित ने फोड़ा सियासी बम
सपा और तृणमूल कांग्रेस के समर्थन के बाद जहां आप को लेकर गुणा-गणित निकाला जा रहा है. वहीं दीक्षित ने इन पार्टियों के वजूद को ही खारिज कर दिया है. दीक्षित का बयान ऐसे वक्त में आया है, जब इंडिया गठबंधन भी नाजुक मोड़ पर है.
दिल्ली में सपा चुनाव तो नहीं लड़ रही है, लेकिन उसके समर्थन देने से यादव और मुस्लिम मतदाता आप की तरफ एकतरफा जा सकते हैं. इसी तरह ममता के समर्थन मिलने से बंगाली वोटरों में आप की स्वीकार्यता फिर से बढ़ सकती है.
राजधानी दिल्ली में बंगाली वोटरों की संख्या करीब 3 लाख के आसपास है.
– India Samachar
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