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पांच लाख भारतीयों को वर्ष 2026 तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में दक्ष बनाने के लिए सरकारी कंपनी इंडियाएआई ने माइक्रोसॉफ्ट से साझेदारी की है। इसके तहत छात्रों, शिक्षकों, सॉफ्टवेयर डेवलपर, सरकारी अधिकारियों और महिला उद्यमियों को एआई का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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माइक्रोसॉफ्ट के भारत एवं दक्षिण एशिया के अध्यक्ष पुनीत चंडोक ने बुधवार को बताया, कंपनी के चेयरमैन और सीईओ सत्य नडेला की ओर से घोषित तीन अरब डॉलर के निवेश का इस्तेमाल प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचे, एआई क्षमता के निर्माण और भारत में मानव पूंजी के सृजन पर होगा। चंडोक ने कहा, हमने पिछले साल 20 लाख लोगों को प्रशिक्षण देने की घोषणा की थी। हम पहले ही 24 लाख लोगों को प्रशिक्षित कर चुके हैं। अगले पांच वर्षों में एक करोड़ लोगों को प्रशिक्षण देने की घोषणा की गई है। हमने इंडियाएआई मिशन के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत पांच लाख लोगों को एआई का प्रशिक्षण दिया जाएगा। सरकार ने भी मार्च, 2024 में देश में पांच वर्षों के भीतर एआई तंत्र के विकास के लिए 10,372 करोड़ रुपये मंजूर किए थे।
खोले जाएंगे 20 राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान
साझेदारी के तहत 10 राज्यों में 20,000 शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए 20 राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) और एनआईईएलआईटी केंद्रों में एआई उत्पादकता प्रयोगशालाएं बनाई जाएंगी। साथ ही, 200 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में बुनियादी एआई पाठ्यक्रमों के साथ एक लाख छात्रों को सशक्त बनाया जाएगा।
छोटे शहरों में भी एआई नवाचार बढ़ाने पर जोर
चंडोक ने कहा, माइक्रोसॉफ्ट सरकार के इंडियाएआई मिशन को बढ़ावा देने पर भी काम करेगी। इंडियाएआई के साथ साझेदारी के तहत देश के टियर-2 और टियर-3 श्रेणी के शहरों में ग्रामीण एआई नवाचार को बढ़ावा देने व एक लाख नवोन्मेषी एवं डेवलपर को सक्षम बनाने के लिए उत्कृष्टता केंद्र ‘एआई कैटलिस्ट्स’ की स्थापना की जाएगी।
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