चीन में इस वक्त ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (HMPV) ने आतंक फैला रखा है. सैकड़ों लोग इस वायरस की वजह से जान गंवा चुके हैं और हजारों इसकी चपेट में आ चुके हैं. हालात ऐसे हैं कि चीन की जनता त्राहिमाम कर रही है. कुछ ऐसे ही हालात चीन में 2019 में भी बने थे. जब कोरोना वायरस ने वहां के लोगों की सांसों पर पहरा लगा दिया था. ऐसा पहरा कि जिसने भी खुली हवा में सांस ली, वो अपनी जान से हाथ धो बैठा. वो कोरोना वायरस कहां से पैदा हुआ, कैसे फैला इस पर आज तक बहस चल रही है. कई सारी थ्योरी हैं जिनके समर्थन में अलग-अलग तर्क दिए जाते रहे हैं. इस बीच अब एक दूसरे HMPV वायरस की एंट्री हो गई है. दावा किया जा रहा है कि चीन में कुछ दवाओं की बिक्री में भी अचानक उछाल देखने को मिला है.
चर्चा है कि 2024 के आखिरी महीने में वहां एंटी इन्फ्लूएंजा दवाओं की बिक्री में 164 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखी गई. जबकि बुखार की दवाओं की बिक्री भी पहले के मुकाबले 182 प्रतिशत तक बढ़ गई. इसके अलावा सलाइन सॉल्यूशन और नेजल स्प्रे जैसे उत्पादों की मांग भी पूरे चीन के अंदर पिछले एक महीने में तेजी से बढ़ी है.
चीन पर कहर बनकर टूट रहा यह वायरस
इस वक्त चीन के तमाम शहरों में नए वायरस से हाहाकार मचा हुआ है. अस्पतालों में मरीजों के इलाज के लिए जगह नहीं बची है और अंतिम संस्कार के लिए श्मशान और कब्रिस्तान में लाइनें लगी हैं. इमरजेंसी जैसे हालात हो चुके हैं. इस वायरस का पैटर्न ठीक वैसा ही है जैसा कोरोना का था और कोरोना की तरह ही ये चीन पर कहर बनकर टूट रहा है. वायरस नया है मगर इसने चीन के लोगों की कोरोना वाली पुरानी और डरावनी यादों को ताजा कर दिया है.
सोशल मीडिया पर तैर रही चीन की तस्वीर
चीन के अलग-अलग शहरों से कई डरावनी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर तैर रही हैं. लोग अस्पतालों में बदहवास होकर भाग रहे हैं. किसी को इलाज नहीं मिल रहा तो किसी को अस्पताल में घुसने नहीं दिया जा रहा. खबर है कि चीन के ज्यादातर अस्पताल मरीजों से भर चुके हैं. इसलिए मजबूरन कई लोगों को अस्पतालों के बाहर ही रात गुजारनी पड़ रही है. चीन में इन हालात की वजह है ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस जिसने चीन के लिए इस साल की ऐसी शुरुआत की जैसी उसने कभी सपने में भी नहीं सोची होगी. सबसे पहले आपको इस वायरस के बारे में बता देते हैं.
ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस जो लोगों के फेफड़ों पर अटैक कर रहा है.
किसी भी मरीज में चार से पांच दिनों के बाद इस वायरस लक्षण दिख रहे हैं.
इस वायरस के फैलने का पैटर्न ठीक वैसा ही है जैसा कोरोना का था.
ये वायरस खांसने और छींकने से दूसरे लोगों में फैल रहा है.
मतलब हवा के जरिए लोगों को अपना शिकार बना रहा है.
इसका सीधा मतलब है कि चीन में अब खुली हवा में सांस लेना, अपनी जान को जोखिम में डालने के बराबर है. अब तक ये नया वायरस वहां हजारों लोगों को संक्रमित कर चुका है और सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इस वक्त चीन से जो संकेत मिल रहे हैं वो बिल्कुल अच्छे नहीं हैं. मगर चीन की सरकार पिछली बार की तरह इस बार भी सच्चाई को स्वीकारने के मूड में नहीं दिख रही है.
नए साल की शुरुआत से ही बढ़ रही रोगियों की संख्या
ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि 2025 यानी इस साल की शुरुआत से ही सांस के रोगियों की तादाद बहुत तेजी से बढ़ रही है. लोग बहुत जल्दी संक्रमित हो रहे हैं और उन्हें अस्पतालों में भर्ती करने की नौबत आ रही है. ये सब HMPV यानी मेटान्यूमोवायरस की वजह से हो रहा है. चीनी मीडिया बीजिंग बिजनेस डेली की एक रिपोर्ट के मुताबिक वहां पिछले महीने कुछ खास दवाओं की बिक्री में बहुत तेजी आई है.
अब सबको डर है कि कहीं कोरोना जैसी महामारी ना फैल जाए. डर इसलिए भी है क्योंकि पिछले कुछ सालों में चीन वायरस की फैक्ट्री बनकर रह गया है. वहां कोई भी वायरस आसानी से जन्म ले लेता है पर सवाल ये कि ऐसा होता क्यों है? तो आपको बता दें कि इसका सबसे बड़ा कारण है वहां यानी वो बाजार जहां पालतू और जंगली जानवरों को बेचा जाता है. चीन के ये बाजार किसी भी वायरस के संक्रमण का बहुत बड़ा जरिया हैं.
वायरस से सबसे ज्यादा नुकसान चीन को ही
ऐसे में जिनपिंग को समझना होगा कि अगर इन बाजारों पर रोक नहीं लगाई गई, तो अगली महामारी का बीज यहीं से पनपेगा. ये बाजार सिर्फ चीन ही नहीं, पूरी दुनिया के लिए खतरा हैं. मगर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को अपनी ताकतवर इमेज को चोला उतार कर वहां की जनता के बारे में सोचना होगा. क्योंकि चीन से जो भी वायरस पैदा हुआ है उसका सबसे ज्यादा खामियाजा चीन के लोगों ने ही भुगता है.
(टीवी9 ब्यूरो रिपोर्ट)
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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