बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के मुश्किलें कम नहीं हो रही है. बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (ICT) ने अवामी लीग सरकार के कार्यकाल के दौरान ‘जबरन गायब किए जाने’ की घटनाओं में कथित संलिप्तता के लिए अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और 11 अन्य के खिलाफ नए गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं.
हसीना के खिलाफ यह दूसरा गिरफ्तारी वारंट है. इससे पहले उनकी सरकार के खिलाफ हुए प्रदर्शनों को कुचलने के लिए शेख हसीना पर मानवता का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी हुए हैं. साथ ही 2009 के बांग्लादेश राइफल्स (BDR) नरसंहार की फिर से जांच कर रहे आयोग ने सुझाव दिया है कि वह हसीना से पूछताछ करने के लिए एक टीम भारत भेज सकती है.
12 फरवरी तक अदालत में पेश करने का आदेश
ICT ने आदेश दिया है कि आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए और 12 फरवरी को अदालत में पेश किया जाए. हालांकि, बांग्लादेश सरकार अभी भी हसीना की वापसी के लिए 23 दिसंबर के अपने अनुरोध पर भारत से प्रतिक्रिया का इंतजार कर रही है.
बांग्लादेश ने भारत से शेख हसीना की वापसी की मांग की है, भारत सरकार ने अभी तक बांग्लादेश के नोट वर्बल का जवाब नहीं दिया है. हालांकि ढाका ने माना कि दोनों पड़ोसियों के बीच प्रत्यर्पण संधि में कोई समय-सीमा तय नहीं है, लेकिन उसने बार-बार कहा है कि वह हसीना की बांग्लादेश वापसी के लिए दबाव बनाता रहेगा.
2009 BDR नरसंहार और शेख हसीना
ICT के चीफ जज मुहम्मद ताजुल इस्लाम ने सुनवाई के दौरान आरोपियों की पूरी लिस्ट का खुलासा नहीं किया है, लेकिन कुछ रिपोर्टों के मुताबिक इस लिस्ट में पूर्व सैन्य अधिकारी का भी नाम है. ताजुल इस्लाम ने कहा कि हसीना गायब होने वाले मामलों में सीधे तौर पर शामिल थीं. इसके अलावा ICT ने हसीना को गिरफ्तार करने में इंटरपोल की मदद भी मांगी है.
पैनल के प्रमुख रिटायर्ड मेजर जनरल एएलएम फजलुर रहमान ने कहा कि हसीना से पूछताछ के लिए टीम भेजने को लेकर विचार किया जा रहा है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में बताया गया कि रहमान ने जोर देकर कहा कि BDR हत्याओं में सिर्फ विदेशी या स्थानीय संलिप्तता का दावा करना या भारत को दोषी ठहराना ठोस सबूतों के बिना सही नहीं है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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