प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार से मिशन-दिल्ली का आगाज कर रहे हैं. दिल्ली के अशोक विहार के रामलीला मैदान से विकास सौगात देने के साथ-साथ पीएम मोदी एक बड़ी जनसभा को भी संबोधित करेंगे. इस दौरान झुग्गी में रहने वालों 1675 लोगों को फ्लैट की चाबी देंगे और साथ ही नौरोजी नगर में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, सरोजिनी नगर में सरकारी कर्मचारियों के लिए टाइप-II क्वार्टर, नजफगढ़ में वीर सावरकर कॉलेज सहित कई तोहफे देंगे. इस तरह दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए पीएम मोदी अपनी पहली रैली अशोक विहार से विकास की आधारशिला रखने के साथ-साथ बीजेपी की जीत का भी आधार रखेंगे?
पीएम मोदी दोपहर सवा 12 बजे के करीब अशोक विहार स्थित स्वाभिमान अपार्टमेंट में स्लम पुनर्वास परियोजना के अंतर्गत बनी झुग्गी झोपड़ी (जेजे) समूहों के निवासियों के लिए नवनिर्मित फ्लैटों का दौरा करेंगे. इसके बाद करीब 12 बजकर 45 मिनट पर प्रधानमंत्री दिल्ली में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. ऐसे में सवाल यह उठता है कि पीएम मोदी की रैली के सियासी मायने क्या हैं और साथ ही दिल्ली में पीएम मोदी की आज जहां पर पहली रैली है, उस क्षेत्र के विधानसभा सीट का क्या समीकरण है?
पीएम मोदी की रैली के क्या हैं मायने?
पीएम मोदी की अपनी पहली रैली के जरिए दिल्ली में बीजेपी की जीत की मजबूत आधारशिला रखने की स्ट्रेटैजी है. झुग्गी के बदले मकान देने के प्रोजेक्ट का शुभारंभ कर के सीधे पीएम मोदी की दिल्ली में आम आदमी पार्टी के मजबूत बन चुके झुग्गी वोट बैंक को साधने की रणनीति है. केंद्र सरकार ने इससे पहले एमसीडी चुनाव के दौरान राजेंद्र नगर के कठपुतली कॉलोनी और कालकाजी के गोविंदपुरी में भी ‘जहां झुग्गी वहीं मकान’ योजना के तहत झुग्गी वालों को मकान उपलब्ध किए थे.
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर बीजेपी की झुग्गी में रह रहे लोगों के विश्वास को जीतने की रणनीति है. उत्तरी-पश्चिमी दिल्ली में अशोक विहार के आसपास में कई इलाके ऐसे हैं, जहां पर झुग्गियों में रहने वालों की आबादी काफी ज्यादा है. अशोक विहार का इलाका वजीरपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत और चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र में आता है. चांदनी चौक बीजेपी का गढ़ रहा है, लेकिन पिछले दो विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने इस लोकसभा में बीजेपी को धूल चटाई है. ऐसे में बीजेपी ने पीएम मोदी की पहली रैली इसी इलाके में रखी है, ताकि आम आदमी पार्टी को इस बार चुनौती दी जा सके.
मोदी की जहां पर रैली, वहां के समीकरण
पीएम मोदी की पहली रैली अशोक विहार में रखी गई है, जो वजीरपुर विधानसभा सीट के तहत आता है. दिल्ली का यह इलाका आजादी के बाद बसा है. वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना 60 के दशक में की गई थी. नेताजी सुभाष प्लेस मेट्रो स्टेशन के करीब स्थित, वजीरपुर एक प्रमुख वाणिज्यिक और औद्योगिक केंद्र है, जो स्टील फैक्ट्रियों के लिए मशहूर है. वजीरपुर अपने औद्योगिक संपदा और विनिर्माण इकाइयों के लिए प्रसिद्ध है, जो दिल्ली की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाते हैं. वजीरपुर में ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल और अन्य सहित कई तरह के उद्योग हैं. इसके चलते वजीरपुर विधानसभा क्षेत्र को कारोबारी सीट भी कहा जाता है.
वजीरपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत अशोक विहार, भारत नगर, केशवपुरम गांव आदि आते हैं. नीमड़ी कॉलोनी, सत्यवती कालोनी, वजीरपुर, बुनकर कॉलोनी, सावन पार्क, वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र, जेजे कॉलोनी, वजीरपुर गांव, केशवपुरम, आजादपुर, प्रेमबाड़ी, अशोक विहार फेज-2 यहां के प्रमुख इलाके हैं. वजीरपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत दिल्ली नगर निगम के चार वार्ड आते हैं जिनमें निरमी कॉलोनी, सावन पार्क, वजीरपुर, अशोक विहार शामिल है.
वजीरपुर सीट पर जीत का ट्रैक रिकॉर्ड
वजीरपुर विधानसभा सीट पर पहली बार 1993 में चुनाव हुए थे तब यहां कांग्रेस के दीपचंद बंधु विधायक चुने गए थे. इसके बाद से वजीरपुर सीट पर सात बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं और अब आठवीं बार होने जा रहा है. इस सीट पर अभी तक का ट्रैक देखें तो 1993 और 1998 में कांग्रेस जीती थी. इसके बाद 2003 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के मांगेराम गर्ग विधायक चुने गए थे. इसके बाद 2008 में कांग्रेस के हरी शंकर गुप्ता विधायक बने, लेकिन पांच साल बाद फिर यह सीट कांग्रेस के हाथों से निकल गई और बीजेपी ने अपना कब्जा जमाया.
2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के महेंद्र नागपाल विधायक बने, लेकिन 2015 में आम आदमी पार्टी अपना कब्जा जमाने में कामयाब रही. इसके बाद 2020 में आम आदमी पार्टी के राजेश गुप्ता जीतकर दिल्ली की विधानसभा पहुंचे. वजीरपुर विधानसभा सीट पर अभी तक सबसे ज्यादा कब्जा कांग्रेस का रहा है. कांग्रेस यह सीट तीन बार जीतने में कामयाब रही है तो बीजेपी और आम आदमी पार्टी दो-दो बार ही जीत सकी हैं.
2015 में वजीरपुर सीट का नतीजा
आम आदमी पार्टी के राजेश गुप्ता को 61,208 वोट मिले थे
बीजेपी प्रत्याशी डॉ महेंद्र नागपाल को 39,164 वोट मिले थे
कांग्रेस के प्रत्याशी हरि शंकर गुप्ता को 8,371 वोट मिले थे
2020 में वजीरपुर सीट का नतीजा
आम आदमी पार्टी के राजेश गुप्ता को 57,331 वोट मिले थे
बीजेपी के प्रत्याशी महेंद्र नागपाल को 45641 वोट मिले थे
कांग्रेस के प्रत्याशी हरिकिशन जिंदल को 3501 वोट मिले थे
2025 में किसके बीच होगा मुकाबला
वजीरपुर विधानसभा सीट के लिए इस बार मुकाबला काफी रोचक होने जा रहा है. कांग्रेस ने अपनी तेज तर्रार प्रवक्ता रागिनी नायक को वजीरपुर सीट से प्रत्याशी बनाया है तो आम आदमी पार्टी ने अपने दो बार के विधायक राजेश गुप्ता पर ही भरोसा जताया है. बीजेपी ने अभी तक वजीरपुर विधानसभा सीट पर अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है, लेकिन जिस तरह से पीएम मोदी ने अपनी पहली रैली के लिए वजीरपुर के अशोक विहार को चुना है, उसके सियासी मायने को समझा जा सकता है. वजीरपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी हर हाल में कमल खिलाने की कवायद करेगी, जिसके लिए सियासी तानाबाना बुना जाने लगा है. इस कारोबारी सीट पर चुनाव में ज्यादा नकदी का इस्तेमाल होने की आशंका होती है. इस बार बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के लिए इस सीट के अलग ही मायने हैं.
वजीरपुर सीट का जातीय समीकरण
वजीरपुर विधानसभा सीट भले ही औद्योगिक क्षेत्र के रूप में जानी जाती हो, लेकिन यहां जातीय समीकरण ही जीत की भूमिका तय करते हैं. पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग की बहुल सीट मानी जाती है, लेकिन पंजाबी और वैश्य समाज का दबदबा है. वजीरपुर सीट पर सबसे ज्यादा 25 फीसदी के करीब दलित मतदाता है तो वैश्य समाज के वोटर 12 फीसदी हैं तो पंजाबी 17 फीसदी के करीब हैं. सिख समाज 3 फीसदी, गुर्जर 4 फीसदी, जाट एक फीसदी, ओबीसी 25 फीसदी, मुस्लिम 5 फीसदी और 8 फीसदी वोट अन्य समुदाय का है.
वजीरपुर सीट पर अभी तक वैश्य समाज का ही दबदबा ज्यादा रहा है, लेकिन बदले हुए सियासी माहौल में गुर्जर और पंजाबी वोटर भी अहम रोल में हैं. बीजेपी गुर्जर समाज से अभी तक चुनाव लड़ाती रही है, लेकिन आम आदमी पार्टी अपना वैश्य दांव खेलकर जीत का परचम फहराती रही. इस बार आम आदमी पार्टी ने वैश्य समाज से आने वाले राजेश गुप्ता पर भरोसा जताया है, जो दो बार से विधायक हैं. कांग्रेस ने रागिनी नायक को टिकट देकर पंजाबी और गुर्जर दोनों ही वोटों को साधने की स्ट्रैटेजी बनाई है. रागिनी खुद तो पंजाबी ब्राह्मण समाज से हैं, लेकिन उनके पति गुर्जर समाज से आते हैं. इसीलिए वजीरपुर सीट का चुनाव इस बार काफी रोचक होने वाला है.
– India Samachar
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