भारत के दो पड़ोसी मुल्क भी इन दिनों चर्चा में बने हुए हैं. पश्चिम में देखें तो पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच डूरंड लाइन पर छिड़ी लड़ाई चिंता का सबब है. लेटेस्ट डेवलपमेंट ये है कि दोनों तरफ से भीषण खूनी संघर्ष हुआ है. दोनों ही देश की सेनाओं ने एक दूसरे के इलाकों में घुसकर भारी तबाही मचाई है और, अब यहां से ये चिंगारी भयानक युद्ध वाली आग में बदल सकती है. वहीं, पूर्व में बांग्लादेश भारत के लिए तेजी से नया खतरा बनता जा रहा है. बांग्लादेश अब पाकिस्तान के साथ सैन्य साझेदारी मजबूत करने में लगा है और, इसी से जुड़ी नई और सावधान करने वाली खबर ये है कि बांग्लादेश पाकिस्तान से कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल खरीद सकता है. बांग्लादेश पाकिस्तान से मिसाइल के अलावा, फाइटर जेट खरीदने की कोशिशों में भी है.
सबसे पहले बांग्लादेश की बात करते हैं. 1971 से पहले जिन पाकिस्तानी हथियारों को देखकर पूर्वी पाकिस्तान यानी कि आज के बांग्लादेश के लोगों का खून खौल उठता था. उस समय जिन पाकिस्तानी हथियारों से पूर्वी पाकिस्तान के लोगों का कत्लेआम हुआ, जिन पाकिस्तानी हथियारों के कारण पूर्वी पाकिस्तान की धरती खून से लाल हो उठी थी. अब वही पाकिस्तानी हथियार बांग्लादेश सरकार के अंतरिम मुखिया मोहम्मद यूनुस को बहुत प्यारे लगने लगे हैं.
पाकिस्तान से सैन्य जखीरा भरने में जुटे यूनुस
शांति की बातें करने का दिखावा करने वाले शांतिदूत मोहम्मद यूनुस एक के बाद एक उन्हीं पाकिस्तानी हथियारों से अपने सैन्य जखीरे को भरने में जुटे हैं. आखिर मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश में नापाक हथियारों का भंडार क्यों चाहते हैं? वो पाकिस्तानी हथियारों से भारत के खिलाफ. क्या कोई बड़ी साजिश रच रहे हैं? मोहम्मद यूनुस का चेहरा भले ही मासूम दिखता हो, लेकिन उनका दिमाग दिन रात शातिर चालें सोचता रहता है और उनके इसी दिमाग में खतरनाक विचार ये आया है कि वो अब पाकिस्तान से मिसाइल भी खरीद सकते हैं.
भारत से तनाव के बीच बांग्लादेश पाकिस्तान से जिस मिसाइल को खरीदना चाहता है, वो एक शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है. इंडियन डिफेंस रिसर्च विंग यानि कि IDRW की एक रिपोर्ट के हवाले से जानकारी दी गई है कि इस मिसाइल का नाम ‘हत्फ-2’ है, और इसकी रेंज 400 किलोमीटर है.
हत्फ-2 बैलिस्टिक मिसाइल को अब्दाली मिसाइल के रूप में भी जाना जाता है. अब आप अब्दाली नाम से थोड़ा हैरान जरूर हुए होंगे. सन 1747 में अहमद शाह अब्दाली अफगानिस्तान का बादशाह चुना गया था. सन 1761 में मराठाओं और अब्दाली के बीच पानीपत की ऐतिहासिक जंग लड़ी गई थी.
सोचिए, कि पाकिस्तान की अपनी कोई ऐतिहासिक उपलब्धि ही नहीं है, या फिर, वहां पर इतिहास से जुड़ा कोई नायक ही नहीं है, जिसपर पाकिस्तान गर्व कर सके. पाकिस्तान के साथ ऐसी कोई विशेष बात इसलिए भी नहीं है क्योंकि 1947 के पहले बस एक ही देश था और वो भारत था, लेकिन शेखी बघारनी है तो मिसाइल का नाम कभी अब्दाली तो कभी गजनवी रखकर झूठा घमंड करता रहता है.
भारत के लिए कितना खतरा हो सकता है डील
बांग्लादेश से जुड़े इस नए डेवलपमेंट की बात करें तो आपको बताते हैं कि ये डील भारत के लिए कितना बड़ा खतरा हो सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक इस डील के संबंध में पाकिस्तान और बांग्लादेश की ओर से भले ही कोई आधिकारिक पुष्टि अब तक न हुई हो, लेकिन खबरें हैं कि इस्लामाबाद बांग्लादेश के इस प्रस्ताव को स्वीकार कर सकता है. इस मिसाइल की कम दूरी की वजह से भारत का पूरा उत्तर-पूर्व इलाका जद में आ सकता है. बांग्लादेश की सीमा से जुड़े 5 राज्य पश्चिम बंगाल, असम, मिजोरम मेघालय और त्रिपुरा की सुरक्षा की चिंता बढ़ सकती है.
यहां पर आपको ये भी जानना चाहिए पाकिस्तान और बांग्लादेश में सैन्य साझेदारी बीते कुछ वक्त में कितनी तेजी से मजबूत हुई है. एक तो नई खबर ये भी है कि ‘हत्फ-2’ मिसाइल के अलावा बांग्लादेश पाकिस्तान से उसके फाइटर जेट भी खरीदने की योजना बना रहा है. बीच में खबरें ये भी आई थीं कि बांग्लादेश चीन के लड़ाकू विमान भी खरीदने का इच्छुक है. हाल ही में पाकिस्तान के कराची शहर से निकले जहाज के जरिए पाकिस्तान ने भारी मात्रा में RDX और बड़ी संख्या में AK47 राइफल बांग्लादेश पहुंचाए थे.
53 साल बाद बांग्लादेश की जमीन पर पाकिस्तान आर्मी
वहीं, पाकिस्तान की आर्मी 53 साल बाद बांग्लादेश की जमीन पर कदम रखने वाली है, अगले वर्ष यानी फरवरी 2025 में पाकिस्तान की सेना ढाका पहुंचकर बांग्लादेश की सेना को ट्रेनिंग देने वाली है. ये कार्यक्रम पूरे एक साल तक चलने वाला है. पाकिस्तान-और बांग्लादेश की ऐसी अप्रत्याशित जुगलबंदी से भारत अब बहुत सावधान हो चुका है.
बांग्लादेश के बाद अब डूरंड लाइन की बात करते हैं. जहां पर अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच छिड़ा सैन्य संघर्ष किस स्तर तक पहुंच चुका है? जानकारी के मुताबिक खैबर पख्तूनख्वा में अफगानिस्तान की तरफ पड़ने वाले कुर्रम जिले और उत्तरी वजीरिस्तान इलाके में पाकिस्तान की सेना ने घुसकर अफगान फौज और नागरिकों पर हमला बोला. पाकिस्तान सेना के इस हमले में 20 तालिबानियों के मारे जाने की खबरें हैं। पाकिस्तान ने इस हमले में तालिबान की 6 पोस्ट को तबाह किया और 40 पोस्ट पर कब्जा कर लिया.
पाकिस्तान-तालिबान के बीच तनाव चरम पर
दूसरी खबर ये है कि तालिबान ने पाकिस्तान को उसके इलाके में घुसकर मारा है. पाकिस्तान के टैंक जिले के आर्मी कैंप पर तालिबान का हमला हुआ है. अभी तक का अपडेट ये है कि तालिबान के हमले में पाकिस्तान के 19 सैनिकों की मौत हुई है. कई गंभीर रूप से जख्मी हैं. तालिबान ने सर्जिकल स्ट्राइक करके पाकिस्तान के बाजौर पोस्ट पर कब्जा कर लिया है.
तीसरी खबर ये है कि तालिबान के भीषण हमले के बाद इस्लामाबाद में हड़कंप मचा है. वहां, पीएम शहबाज शरीफ और आर्मी चीफ मुनीर के बीच हाई लेवल मीटिंग हुई है. इस मीटिंग में इस बात पर चर्चा हुई है, कि तालिबान को आगे कैसे जवाब देना है या फिर संघर्ष विराम को लेकर कोई बीच का रास्ता निकालना है?
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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