जोधपुर। जीआरपी जोधपुर पुलिस की टीम ने बड़ी कार्रवाई कर ट्रेनों में महिलाओं के गहने चोरी करने वाली गैंग का खुलासा करते हुए गैंग के सरगना सहित आठ सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। आरोपियों को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमाण्ड पर लेकर पूछताछ की जा रही है।
एसपी अभिजीत सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी मारुफ अली पुत्र एवज अली (66) निवासी कोतवाली जिला बिजनौर, गम्भीर सिंह चौधरी उर्फ नागराज पुत्र जसबहार सिंह (50) निवासी हल्दौर जिला बिजनौर हाल हापुड़ उत्तरप्रदेश, इकबाल अहमद अंसारी पुत्र हबीब अहमद (53) निवासी नेहटोर जिला बिजनौर, नौशाद उर्फ गुड्डु पुत्र जिलानी उर्फ राव (44), शरीफ रहमान पुत्र जील्लू रहमान (52), वसीम अहमद खान पुत्र रशीद (42) निवासी सिविल लाईन जिला हरिद्वार उतराखण्ड एवं महावीर सिंह पुत्र रामगोपाल धीमर (35) व अनिल कुमार पुत्र मुकेश कुमार लोदी (28) निवासी छर्रा जिला अलीगढ उत्तरप्रदेश है।
गिरफ्तार आरोपियों के विरूद्ध पूर्व में भी कई प्रकरण दर्ज होना पाया गया है। उक्त गैंग द्वारा देश के कई राज्यो में चोरी की वारदात किये जाने की संभावना के चलते पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है।
एसपी सिंह ने बताया कि 13 दिसम्बर को सोजतरोड निवासी कंचन देवी (52) द्वारा रिपोर्ट दी गई थी कि 11 दिसंबर को वह अपनी परिचित हेमा के साथ सुबह 8:00 बजे जोधपुर रेल्वे स्टेशन से सोजत रोड़ के लिए जोधपुर इंदौर पैसेंजर ट्रेन में बैठी थी। उसके पास एक बैग था, जिसमे 164 ग्राम सोने के गहने रखे थे। बैग को उसने सीट के नीचे रख दिया। सोजत रोड़ रेल्वे स्टेशन उतरकर बैग चैक किया उसमें रखे गहनों के बॉक्स से गहने गायब थे। पीड़ित महिला ने बासनी रेलवे स्टेशन पर उतरे कुछ लड़कों पर चोरी का शक जताया। रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई।
ट्रेनो मे सोने के जेवरों की चोरी की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए एसपी अभिजीत सिंह द्वारा उप अधीक्षक पुलिस जीआरपी जोधपुर सन्दीप सिंह के सुपरविजन एवं एसएचओ भवंर लाल के नेतृत्व में हेड कांस्टेबल सुभाष चन्द्र, कांस्टेबल रिडमल सिंह, मोहन लाल, राजूराम व चालक हेड कांस्टेबल महिराम एवं साइबर सेल से हेड कांस्टेबल दीपेन्द्र पाल सिंह की विशेष टीम गठित की गई।
घटना का पर्दाफाश के लिए किये गये प्रयास
उक्त घटना का अंजाम देने वाले आरोपी पूर्णतया अज्ञात होने से मुल्जिमो की पहचान करना बहुत मुश्किल कार्य था। विशेष टीम द्वारा पूर्व में सजायाब अपराधियो से इस प्रकार की वारदात करने वाले अपराधियो की जानकारी प्राप्त की। विभिन्न रेल्वे स्टेशनो के सीसीटीवी फुटेज चैक किये एवं अन्य तकनीकी पहलूओ का विष्लेषण किया जाकर पूर्ण नियोजित योजना से उक्त आपराधिक गिरोह को दस्तयाब किया गया। गैंग के सदस्यो से पूछताछ की गई तो उन्होने वारदात किया जाना स्वीकार किया।
तरीका वारदात
इस गैंग के सदस्य ट्रेनो के जनरल कोच में सफर करते है। गैंग के सभी 8-9 सदस्य ट्रेन स्टेशन पर लगते ही एक केबिन में पहले से ही सीटे रोक कर बैठ जाते है। जैसे ही केबिन में कोई महिला यात्री आती है, गैंग का एक सदस्य अपनी सीट उस महिला यात्री को दे देता है। बाकी महिला के पास में ही अपनी सीट पर बैठे रहते है। गैंग का सरगना खिड़की वाली सीट पर बैठता है।
महिला यात्री का सामान सीट के नीचे की तरफ रखवा देते है तथा मौका पडने पर उसके सामान को चोरी-छिपे अन्तिम सीट पर बैठे गैंग के मुखिया की ओर खिसका देते है। गैंग का मास्टर बैग की तलाशी ले रहा होता है, बाकी सदस्य महिला को बातो में उलझा देते है।
बैग से सोने के जेवरात निकालकर बैग वापिस वहीं रख देते है, जहां पहले था। वारदात करते ही गैंग के सभी सदस्य अगले रेल्वे स्टेशन पर उतर अपने गृह प्रदेश जाकर आपस में चोरी गये माल का बंटवारा कर लेते है।
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