भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी विवाद थमता नजर आ रहा है. चीन के रक्षा मंत्रालय ने कल गुरुवार को कहा कि भारत और चीन की सेनाएं पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को खत्म करने के लिए हुए समझौते को “व्यापक और प्रभावी ढंग से” लागू कर रही हैं और इस संबंध में “स्थिर प्रगति” हुई है. भारतीय रक्षा मंत्रालय ने भी इस मसले पर कहा कि वहां पर स्थिति “स्थिर” लेकिन “संवेदनशील” है.
चीनी रक्षा प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल झांग शियाओगांग (Zhang Xiaogang) ने 18 दिसंबर को विशेष प्रतिनिधियों के साथ हुई वार्ता पर एक सवाल का जवाब देते हुए बीजिंग में एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान यह टिप्पणी की. उन्होंने कहा, “वर्तमान में, भारत और चीन की सेनाएं दोनों पक्षों के बीच बॉर्डर से संबंधित समाधानों को व्यापक और प्रभावी ढंग से लागू कर रही हैं और इस संबंध में स्थिर प्रगति हुई है.”
अक्टूबर में दोनों देशों में बनी सहमति
उन्होंने यह भी कहा कि हाल के दिनों में, दोनों देशों के नेताओं के बीच महत्वपूर्ण सहमति के आधार पर, भारत और चीन ने कूटनीतिक तथा सैन्य चैनलों के जरिए बॉर्डर की स्थिति पर करीबी संवाद बनाए रखा और बड़ी प्रगति हासिल की है.
भारत और चीन के बीच 21 अक्टूबर को हुए समझौते के बाद, बॉर्डर को लेकर विशेष प्रतिनिधि एनएसए अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने मुलाकात की और समझौते के कार्यान्वयन तथा अप्रैल 2020 में आपसी गतिरोध शुरू होने के बाद ठंडे पड़े रिश्तों को बहाल करने को लेकर व्यापक स्तर पर बातचीत की. अक्टूबर में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (BRICS summit) के मौके पर रूस के कजान शहर में मुलाकात की और 21 अक्टूबर के समझौते को मंजूरी दी.
ठोस प्रयास करने को तैयारः कर्नल झांग
कर्नल झांग ने कहा कि भारत और चीन के संबंधों को सही रास्ते पर लाना दोनों देशों और दोनों लोगों के मौलिक हितों की पूर्ति करता है. उन्होंने आगे कहा, “चीनी सेना दोनों नेताओं के बीच बनी अहम सहमति को ईमानदारी से लागू करने, अधिक आदान-प्रदान, बातचीत करने और बॉर्डर क्षेत्र में संयुक्त रूप से स्थायी शांति तथा सद्भाव बनाए रखने के लिए भारत-चीन सैन्य संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारतीय पक्ष के साथ ठोस प्रयास करने के लिए तैयार है.”
वहीं भारत की ओर से इस संबंध में सकारात्मक प्रतिक्रिया की गई है. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर समग्र स्थिति “स्थिर” लेकिन “संवेदनशील” है, “समान और पारस्परिक सुरक्षा” के सिद्धांतों के आधार पर जमीनी स्थिति को बहाल करने के लिए आपस में व्यापक तौर पर सहमति बनी है. मंत्रालय की ओर से यह बयान पूर्वी लद्दाख में पिछले दो टकराव बिंदुओं से भारतीय और चीनी सेनाओं के पीछे हटने के कुछ हफ्ते बाद दिया गया है.
LAC पर स्थिति स्थिर लेकिन संवेदनशीलः रक्षा मंत्रालय
साल के अंत में रिव्यू के दौरान रक्षा मंत्रालय ने 21 अक्टूबर को दोनों पक्षों के बीच पीछे हटने को लेकर आपसी सहमति का उल्लेख किया और कहा कि देपसांग और डेमचोक में पारंपरिक क्षेत्रों में अब पेट्रोलिंग शुरू हो चुकी है. इसने कहा, “एलएसी पर कुल मिलाकर स्थिति स्थिर लेकिन संवेदनशील है.”
मंत्रालय ने कहा, “दोनों देशों के बीच डेपसांग और डेमचोक के टकराव वाले क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाना, उन्हें रिलोकेट करना और उसके बाद संयुक्त सत्यापन शामिल है. फिलहाल दोनों पक्षों की ओर से ब्लॉकिंग पोजिशन को हटा दिया गया है और संयुक्त सत्यापन का काम भी पूरा हो गया है. डेपसांग और डेमचोक में पारंपरिक गश्त वाले क्षेत्रों में पेट्रोलिंग भी शुरू हो चुकी है.” मंत्रालय ने कहा कि सेना ने एलएसी और नियंत्रण रेखा (LoC) सहित सभी सीमाओं पर स्थिरता और प्रभुत्व सुनिश्चित करने के लिए परिचालन तैयारियों की उच्च स्थिति बनाए रखी है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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