दशकों से आतंकियों को तैयार करने वाले मुल्क पाकिस्तान से शुक्रवार को बड़ी खबर आई. 26/11 के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान मक्की की मौत हो गई है. भारत के इस दुश्मन की लाहौर के एक अस्तपाल में हार्ट अटैक से तड़प-तड़पकर मौत हुई है. उधर, पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर भी पाकिस्तानी सेना के एक अस्पताल में भर्ती है. पाकिस्तान की सेना उसे बचाने की भरपूर कोशिशों में जुटी है. उसके लिए दवाओं का इंतजाम कर रही है.
आतंकी अब्दुल रहमान मक्की लंबे वक्त से हाई शुगर का मरीज था. एक निजी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था. वहीं उसने दम तोड़ दिया. आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में मक्की का बड़ा रसूख था. मक्की लश्कर में हाफिज के बाद दूसरे नंबर का आतंकवादी था. वो लश्कर के लिए टेरर फंडिंग का काम देखता था. लश्कर की गवर्निंग बॉडी ‘शूरा’ का प्रमुख सदस्य था.
जमात-उद-दावा का चीफ भी था मक्की
लश्कर के ही मुखौटा पॉलिटिकल विंग प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा का चीफ भी था. उसकी पढ़ाई-लिखाई से, कलम-स्याही से, अच्छे विचारों से, और बौद्धिकता से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं था…वो गोली और बंदूक की भाषा ही समझता था. वो आतंक की पाठशाला चलाता था और हमेशा चाहता था कि लश्कर के आतंकी उसे प्रोफेसर साहब कहकर बुलाएं.
आतंकी संगठन लश्कर में वो आतंक का प्रोफेसर था. हमारे देश में 18-20 वर्ष के करोड़ों युवा शायद ही इस आतंकी के नाम से परिचित होंगे. उन्हें शायद ही मालूम होगा कि लश्कर चीफ हाफिज सईद का करीबी रिश्तेदार अब्दुल रहमान मक्की भारत के लिए बहुत बड़ा नासूर था. उसने हाफिज सईद के साथ मिलकर हमारे देश को न जाने कितने जख्म दिए हैं.
भारत का मोस्टवांटेड आतंकी था मक्की
वो हाफिज की तरह ही भारत का मोस्टवांटेड आतंकी था. साल 2000 में लश्कर ने दिल्ली में लाल किले पर आतंकी हमला किया था. 6 आतंकवादियों ने लाल किला में घुसकर सुरक्षाबलों पर फायरिंग की थी. इस अटैक में दो जवान समेत तीन लोगों ने सर्वोच्च बलिदान दिया था. भारतीय एजेंसियों ने उस हमले में मक्की को मुख्य साजिशकर्ता माना था.
मुंबई में 26/11 करवाने में भी मक्की का बड़ा रोल था. उसने इस हमले के लिए फंड जुटाने और आतंकियों को ट्रेनिंग देने का काम किया था. लश्कर की ओर से कराए गए इस आतंकी हमले को कसाब समेत 10 आतंकवादियों ने अंजाम दिया था. इस खूनी घटना में मुंबई में 175 लोगों की मौत हुई थी. इस हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. भारत ने इस हमले के लिए भी हाफिज के साथ साथ मक्की को जिम्मेदार माना था.
भारत को दहलाने के लिए बनाया करता था प्लान
कहा जाता है कि हाफिज के बाद लश्कर में मक्की ही वो शख्स था, जो भारत को दहलाने के लिए दिन रात आतंक वाले प्लान बनाया करता था. भारत उसपर दो दशक से शिकंजा कसना चाहता था. भारत की कोशिशों का नतीजा था कि अमेरिकी वित्त विभाग ने वर्ष 2010 में उसे स्पेशल Designated आतंकियों की लिस्ट में डाला था.
उसी समय से मक्की पर कार्रवाई के लिए पाकिस्तान पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ गया था. साल 2019 में पाकिस्तान ने इसी दबाव में आकर मक्की को टेरर फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था. अप्रैल 2021 में पाकिस्तान में उसे 9 साल की सजा सुनाई गई थी. हालांकि, आतंकियों के लिए पाकिस्तान की नरमदिली तो सब जानते हैं.
अमेरिका ने रखा था 2 मिलियन डॉलर का इनाम
सबूतों की कमी के कारण लाहौर हाईकोर्ट ने उसे रिहा कर दिया था. मगर, भारत की ओर से उस पर कड़े एक्शन वाली कोशिशें आगे भी जारी रहीं. जून 2022 में UNSC में अमेरिका की मदद से उसे ग्लोबल आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव लाया गया लेकिन तब चीन ने वीटो लगा दिया. हालांकि साल 2023 में जब फिर से यही प्रस्ताव नए सबूतों के साथ दोबारा UNSC में पेश हुआ तो चीन ने रोक हटा ली और मक्की ग्लोबल आतंकी घोषित हुआ
साल 2012 में अमेरिका ने मक्की पर 2 मिलियन डॉलर का इनाम रखा था. आज अगर मक्की की मौत हार्ट अटैक से न होती और पाकिस्तान में उसे कोई जिंदा पकड़वाता तो इनाम में उस व्यक्ति को आज की डेट में पाकिस्तानी रुपये में 55 करोड़ रुपये मिल जाते. बता दें कि अमेरिका ने उस समय हाफिज सईद पर भी 10 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित किया था.
रिपोर्ट- टीवी9 भारतवर्ष ब्यूरो.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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