इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अभी तक 47 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है. कांग्रेस ने पहले 21 सीट पर टिकट का ऐलान किया था और उसके बाद मंगलवार शाम 26 प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी की है. कांग्रेस ने ओखला विधानसभा सीट छोड़कर दिल्ली के सभी मुस्लिम बहुल सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है. ऐसे में सवाल उठता है कि कांग्रेस ओखला सीट पर अपने पत्ते क्यों नहीं खोल रही है?
सीएए-एनआरसी आंदोलन के दौरान चर्चा में आया शाहीनबाग का इलाका ओखला विधानसभा सीट के तहत आता है, जहां देश के सबसे ज्यादा पढ़े लिखे मुस्लिम रहते हैं. यहीं पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय है, जिसके आसपास बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं. 1993 से लेकर अभी तक ओखला सीट से मुस्लिम विधायक ही चुने जाते रहे हैं. बीजेपी इस सीट पर कमल नहीं खिला सकी है जबकि, मुस्लिम प्रत्याशी उतारने का भी सियासी प्रयोग कर चुकी है.
ओखला का इलाका एक समय कांग्रेस की सबसे मजबूत गढ़ माना जाता था, लेकिन 2015 में केजरीवाल की लहर में कांग्रेस को यहां से करारी हार का सामना करना पड़ा है. आम आदमी पार्टी के टिकट पर अमानतउल्ला खान विधायक चुने गए. 2020 में ओखला विधानसभा सीट पर चुनावी सरगर्मी कम सीएए-एनआरसी के विरोध की चर्चा ज्यादा थी. जामिया और शाहीन बाग इलाके में महीनों सीएए-एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन चल रहे थे.
शाहीन बाग 2020 में देश भर में सीएए-एनआरसी विरोध का प्रोटेस्ट एक मॉडल बन गया था, जिसकी तर्ज पर ही देश के कई शहरों-कस्बों में महिलाएं, बच्चे और नौजवानों के आंदोलन शुरू किए थे. इसके बावजूद अमानतउल्ला खान विधायक बनने में कामयाब रहे और कांग्रेस को मात खानी पड़ी. एमसीडी के चुनाव से ओखला का सियासी मिजाज बदल गया है, इस क्षेत्र में आने वाली चार पार्षद सीटों में से दो सीटें कांग्रेस जीतने में कामयाब रही थी. आम आदमी पार्टी सिर्फ एक वार्ड में ही अपना पार्षद बना सकी थी. ऐसे में कांग्रेस से कई नेता विधानसभा चुनाव में उतरने के फिराक में हैं.
आम आदमी पार्टी की तरफ से कौन?
आम आदमी पार्टी ने ओखला विधानसभा सीट पर अपने फॉयर ब्रांड मुस्लिम नेता और दो बार के विधायक अमानत उल्ला खान को टिकट देकर फिर से उतारा है. कांग्रेस से चुनाव लड़ने वालों में चार बड़े मुस्लिम नेताओं के नाम थे, लेकिन कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव समिति में तीन नेताओं के नाम पर चर्चा हुई है. दिलचस्प बात यह है कि ओखला से कांग्रेस के टिकट से तीनों ही दावेदार मुस्लिम महिला हैं और तीनों ही तेज तर्रार मानी जाती हैं.
कांग्रेस से ओखला सीट पर 3 महिला नेता टिकट मांग रही हैं, जिसमें एक नाम इशरत जंहा, दूसरा आरफा खानम और तीसरी नाम अरीबा खान का है. इन तीनों ही मुस्लिम महिलाओं की अपनी सियासी खासियत है, जिसके चलते कांग्रेस तय नहीं कर पा रही है कि किसे अमानतउल्ला खान के खिलाफ उतारा जाए. शाहीन बाग इलाके में एमसीडी के द्वारा चलाए जाने वाले बुलडोजर के खिलाफ, जिस एक महिला की तस्वीर चर्चा का केंद्र बन गई थी.
यह महिला कोई और नहीं बल्कि आरफा खानम थीं, जिनके फैक्चर पैरों पर प्लास्टर चढ़ा था. इसके बाद भी बुलडोजर क सामने खड़ी नजर आई थीं. इसके बाद से आरफा लगातार ओखला क्षेत्र में एक्टिव नजर आती हैं और विधानसभा चुनाव के लिए टिकट की दावेदारी कर रखी है.
इशरत जहां पर सियासी चर्चा
इशरत जहां उस समय सियासी चर्चा में आईं थी, जब उन्हें सीएए-एनआरसी आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली के खुरेजी क्षेत्र में इशरत, खालिद सैफी, मोहम्मद सलीम, समीर अंसारी ने सीएए विरोधी प्रदर्शनों में भाग लिया था. दिल्ली पुलिस के सड़क खाली करने के निर्देशों की अवहेलना करने के लिए गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद इशरत जंहा दो साल तक जेल में रही. इशरत जहां जेल से जमानत पर बाहर हैं और उनकी शादी ओखला के पूर्व विधायक परवेज हासमी के बेटे से हुई है. इशरत जहां अब ओखला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहती हैं और कांग्रेस से टिकट मांग रही हैं. इससे पहले पूर्वी दिल्ली से पार्षद भी रह चुकी हैं.
कांग्रेस से टिकट की तीसरी दावेदार अरीबा खान है. अरीबा ओखला के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान की बेटी हैं. मौजूदा समय में अबु फजल (शाहीनबाग) सीट से पार्षद हैं. आसिफ मोहम्मद खान की सियासी विरासत को अरीबा आगे बढ़ाने में जुटी हैं, जिसके लिए विधानसभा चुनाव में ओखला से टिकट मांग रही हैं. हालांकि, कांग्रेस का एक बड़ा धड़ा अरीबा के खिलाफ खड़ा है, जिसके चलते ही उनकी चुनौती बढ़ गई है.
अरफा खानम ओखला से लड़ना चाहती हैं चुनाव
सूत्रों की माने तो मिनाक्षी नटराजन, आरफा खानम को ओखला से चुनाव लड़ाना चाहती है जबकि, राहुल गांधी इसरत जंहा के पक्ष में थे. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव अरीबा खान को प्रत्याशी बनवाना चाहते थे. आरफा खानम के नाम को अलका लांबा ने बढ़ाया था और मीनाक्षी नटराजन की मंशा यही थी. इसरत जंहा सीएए-एनआरसी आंदोलन से चर्चा में आईं हैं और ओखला से तीन बार विधायक रह चुके परवेज हाशमी की बहु हैं. अरीबा खान पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान की बेटी के साथ-साथ बिहार के राज्यपाल बने आरिफ मोहम्मद खान की भतीजी हैं. इस तरह से ओखला सीट पर कश्मकश की स्थिति बनी हुई है.
कांग्रेस अमानत उल्ला खान के खिलाफ ऐसे चेहरे को उतारना चाहती है, जो मुस्लिम वोटों को अपने पक्ष में कर सके. इशरत जहां और आरफा के साथ मुस्लिम वोटों पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहती है, क्योंकि दोनों ने अपनी सियासी पहचान अपने दम पर बनाई है. अरीबा खान के साथ है, उनकी सियासी पहचान उनके पिता के बदौलत है. इस तरह ओखला सीट पर तीनों मजबूत दावेदारी होने के चलते दूसरी लिस्ट में उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया गया है.
– India Samachar
.
.
Copyright Disclaimer :- Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
यह पोस्ट सबसे पहले टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम पर प्रकाशित हुआ , हमने टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम के सोंजन्य से आरएसएस फीड से इसको रिपब्लिश करा है, साथ में टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम का सोर्स लिंक दिया जा रहा है आप चाहें तो सोर्स लिंक से भी आर्टिकल पढ़ सकतें हैं
The post appeared first on टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम Source link