मुस्लिम धर्म में कुछ शर्तों के साथ 4 शादियों की इजाजत दी गई है, लेकिन दुनिया में एक देश ऐसा भी है जहां मुसलमान भी 4 शादी नहीं कर सकते हैं. रूस दुनिया का एक ऐसा देश है जहां ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ के तहत सिर्फ एक ही शादी करने की अनुमति दी गई है. हाल ही में रूस में मुस्लिम धर्म गुरु ने एक से ज्यादा शादियों की मांग उठाई लेकिन इसको खारिज कर दिया गया.
रूस में हाल ही में एक बार फिर मुस्लिम धर्म गुरु ने एक से ज्यादा शादियों की मांग की थी, लेकिन एक बार फिर इस मांग को खारिज कर दिया गया. इस मांग के पीछे कई तर्क दिए गए थे, जिसमें से सबसे बड़ा तर्क जनसंख्या था. हालांकि, इससे पहले भी साल 1999 में मुस्लिम पक्ष ने बहुविवाह की मांग की थी.
मुस्लिम धर्म गुरु ने क्या मांग की
रूस के मुसलमानों के आध्यात्मिक प्रशासन की उलेमा काउंसिल (Ulama Council of Russias Spiritual Administration) ने पिछले हफ्ते एक बड़ा ऐलान किया था. उन्होंने एक फतवा जारी किया था. इस फतवे के तहत इस्लामिक धर्म गुरु ने मुस्लिम मर्दों को कई परिस्थितियों में एक से ज्यादा शादी करने की इजाजत दी थी.
किन शर्तों में दोबारा शादी करने की इजाजत
इस फतवे में इस सूरत में दूसरी शादी करने की इजाजत दी गई थी कि पत्नी बूढ़ी हो गई हो.
पत्नी किसी बीमारी का सामना कर रही हो
पत्नी किसी परेशानी के चलते बच्चे पैदा करने में असमर्थ हो.
साथ ही इस सूरत में पुरुष को एक और शादी करने की इजाजत दी गई है जहां पत्नी बच्चे पैदा नहीं करना चाहती हो.
फतवे में कहा गया था कि एक शख्स 4 पत्नियां रख सकता है, बशर्तें वह सभी पत्नियों को बराबर सुख-सुविधा देने के साथ बराबर समय भी दे. दस्तावेज में सभी पत्नियों के साथ निष्पक्ष या समान बर्ताव करने की भी शर्तें थीं. साथ ही फतवे में कहा गया था कि सभी पत्नियों को दूसरी पत्नी के बारे में जानकारी होनी चाहिए. अगर उन्हें दूसरी पत्नियों के बारे में जानकारी नहीं है और यह शर्त पूरी नहीं होती है तो महिला तलाक की मांग भी कर सकती है.
हालांकि, इसकी पूरे देश में आलोचना हो रही थी. फतवे के जारी होने के बाद पूरे देश में इसकी आलोचना की गई. पूरे देश में इसके खिलाफ आवाज उठाई गई. इस फतवे के जारी करने के 6 दिन बाद देश की सरकार ने इस पर जवाब दिया.
रूस की सरकार ने क्या कहा?
मुस्लिम मुफ्ती की तरफ से फतवा जारी होने के 6 दिन बाद सोमवार को सरकार ने इस्लामिक संस्था को नोटिस भेजा. रूस के अभियोजक जनरल के कार्यालय (Russias Prosecutor Generals Office) ने मुसलमानों के आध्यात्मिक प्रशासन के प्रमुख को एक नोटिस भेजकर फतवे को रद्द करने के लिए कहा. इस नोटिस में कहा गया है कि यह फतवा रूसी कानून के विपरीत है. रूस का कानून बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाता है.
अभियोजक जनरल के कार्यालय के एक सूत्र ने बताया, देश धार्मिक संगठनों के आंतरिक नियमों का सम्मान करता है. साथ ही कहा गया कि देश धार्मिक संगठनों के आंतरिक नियमों का तब तक सम्मान करता है जब तक वो देश के नियम रूसी संघ के कानूनों के उलट न हो उनका उल्लंघन न करें.
मुस्लिम संगठन ने फतवा लिया वापस
सरकार के नोटिस जारी करने के बाद मुस्लिम संगठन ने एक पुरुष के 4 शादियां करने की इजाजत देने वाले जारी किए गए फतवे को वापस ले लिया. मुस्लिम परिषद के प्रमुख इमाम शामिल अलयाउतदीनोव ने कहा, यह ही खुदा की मर्जी है. साथ ही उन्होंने कहा कि मुस्लिम संगठन (SAM) को इस पर सरकार के साथ बहस शुरू करने का कोई कारण नहीं दिखता.
ग्रैंड मुफ्ती और प्रशासन के अध्यक्ष, शेख रवील गेनुटदीन ने बताया कि फतवे का मकसद धार्मिक बहुविवाह में महिलाओं और बच्चों की रक्षा करना था. इस दस्तावेज का डिफेंस करते हुए मॉस्को के मुफ्ती इल्दर अलयाउतदीनोव ने कहा कि चार शादियों की अनुमति देने वाले फतवा बहुविवाह को वैध नहीं बनाता है और न ही देश के धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत को कमजोर करता है.
इल्दर ने कहा कि इस फतवे ने सिर्फ इस्लामी सिद्धांत को साफ किया है. इसे कानूनी अधिकार बनाने की कोशिश नहीं हो रही है.
इस फतवे में जहां महिला के बच्चे पैदा न करने पर, किसी परेशानी की वजह से बच्चा पैदा न होने पर दूसरी शादी करने की इजाजत दी गई थी, लेकिन रूस ने इस को खारिज कर दिया है. वहीं, दूसरी तरफ सरकार घटती जनसंख्या के चलते रूसियों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने के तरीकों की तलाश कर रही है, यह समस्या यूक्रेन और रूस के युद्ध के बाद से और भी बदतर हो गई है.
क्या है रूस का ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’
रूस में जिस कानून का हवाला देकर बहुविवाह के प्रस्ताव को खारिज किया गया है. चलिए उसको समझते हैं. देश के कानून के परिवार संहिता (Family Code) के अनुच्छेद 14 के तहत अगर कोई भी पुरुष पहले से ही आधिकारिक तौर पर शादी कर चुका है और उसकी शादी रजिस्टर है तो उसका दूसरी रजिस्टर शादी करना गैरकानूनी है.
रूस के फैमिली कोड के अनुसार किसी भी व्यक्ति को पहले से शादीशुदा होने पर और मैरिज रजिस्टर होने के बावजूद किसी और व्यक्ति के साथ रजिस्टर मैरिज करने से रोकता है. जहां देश में रजिस्टर बहुविवाह करने पर रोक लगाई गई है. वहीं, बिना शादी के किसी और के साथ रहने पर (de facto polygamy) किसी तरह की रोक नहीं लगी हुई है.
THE MOSCOW TIMES की साल 2015 की रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 90% रूसी बहुविवाह का विरोध करते हैं. देश में एक सर्वे किया गया था. सर्वे के मुताबिक, देश की बड़ी आबादी एक से ज्यादा शादी के खिलाफ रहती है और इसका विरोध करती है. सर्वे के मुताबिक 1999 में बहुविवाह की मांग उठाने के बाद से साल 2015 में जब सर्वे किया गया तो महज 4 प्रतिशत लोगों की संख्या में इसके पक्ष में वृद्धि हुई.
1999 में भी उठाई गई थी मांग
ऐसा पहली बार नहीं है कि देश में बहुविवाह को लेकर मुस्लिम पक्ष ने आवाज उठाई हो, इससे पहले भी साल 1999 में बहुविवाह को लेकर मांग उठाई गई थी. रूस में एक छोटे से मुस्लिम क्षेत्र इंगुशेतिया के नेता रुस्लान औशेव ने मुस्लिम पुरुषों को चार शादियां करने की अनुमति देने के लिए डिक्री पर हस्ताक्षर किए थे. राष्ट्रपति औशेव ने 4 शादियों को लेकर संसद से रूसी संघीय कानून में बदलाव को मंजूरी देने के लिए कहा था.
राष्ट्रपति औशेव ने कहा था कि कई सालों से इंगुशेतिया की आबादी धीरे-धीरे घट रही है. इस घटती आबादी का बहुविवाह समाधान साबित हो सकता है, लेकिन रूसी न्याय मंत्री पावेल क्रशेनिनिकोव ने बहुविवाह के प्रस्ताव को असंवैधानिक करार दिया था और इसे रद्द कर दिया था.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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