Noida News :
मेरठ स्थित अरिहंत प्रकाशन के मालिक योगेश जैन के आवास सहित चार ठिकानों पर आयकर विभाग ने एक साथ छापेमारी की है, जिससे कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। इस छापेमारी में आयकर विभाग की टीम ने दिल्ली, नोएडा और मेरठ के साकेत स्थित योगेश जैन के आवासों पर जांच की। आयकर विभाग को पता चला कि योगेश जैन ने नोएडा की तीन अलग-अलग सोसाइटियों में करोड़ों रुपये की संपत्ति खरीदी है।
तीन राज्यों के 150 अधिकारियों ने की छापेमारी
सूत्रों के अनुसार, इस छापेमारी में आयकर विभाग के अधिकारियों की टीम में दिल्ली, गाजियाबाद और उत्तराखंड से कुल 150 अधिकारी शामिल थे। जब छापेमारी की गई, तो वेस्टर्न कचहरी रोड स्थित योगेश जैन के आवास से बड़ी मात्रा में नकदी मिली, जिसे देखकर अधिकारियों ने बैंक से नोट गिनने वाली मशीन मंगवाई। इसके अलावा, आयकर विभाग को यह जानकारी भी मिली कि अरिहंत प्रकाशन ने हाल ही में कई स्थानों पर जमीन की खरीद-फरोख्त की है, जो विभाग के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।
योगेश जैन के तीन बेटे संभालते हैं कारोबार
अरिहंत प्रकाशन देश के प्रमुख और टॉप 5 प्रकाशन कंपनियों में शुमार है। योगेश जैन के तीन बेटे – दीपेश जैन, रितेश जैन और परवेश जैन इस प्रकाशन कंपनी का संचालन करते हैं। छापेमारी के दौरान, अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया कि न तो किसी को घर से बाहर जाने दिया गया और न ही किसी बाहरी व्यक्ति को घर के भीतर प्रवेश करने दिया गया।
कारोबारियों में मचा हड़कंप
अरिहंत प्रकाशन के मालिक योगेश जैन के ठिकानों पर छापेमारी की खबर से मेरठ ये लेकर नोएडा , गाजियाबाद, दिल्ली और उत्तराखंड के कारोबारियों में हड़कंप मच गया है। आयकर विभाग की टीम ने मेरठ के टीपी नगर क्षेत्र में स्थित प्रेस पर भी दस्तावेजों की जांच की है और अन्य ठिकानों पर भी रेड पड़ी है। इससे शहर के कारोबारी वर्ग में काफी चर्चा हो रही है, और कई लोग इस कार्रवाई को लेकर आश्चर्यचकित हैं।
जारी रहेगी आयकर विभाग की जांच
इस छापेमारी से जुड़े विस्तृत खुलासे और जांच की प्रक्रिया आगे जारी रहने की संभावना जताई जा रही है। आयकर विभाग की टीम अब उन संपत्तियों और लेन-देन की जांच कर रही है, जो योगेश जैन और उनके परिवार के नाम पर पाई गई हैं। इस मामले में और भी महत्वपूर्ण तथ्य सामने आ सकते हैं, जो इस पूरी कार्रवाई को और जटिल बना सकते हैं।
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
Source link