यूपी के प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है. ऐसे में संगम तट पर आयोजित महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है. महाकुंभ में श्रद्धालु अपने उपयोग और खाने पीने का सामान भी खरीदारी करते हैं. महाकुंभ में इसे देखते हुए त्रिवेणी बाजार में दुकानों का आवंटन होता है. ऐसे में अगर आप भी त्रिवेणी बाजार में दुकान लेना चाहते हैं तो जान लीजिए आपको ये कैसे मिलेगी
सबसे पहले जिन लोगों को महाकुंभ के त्रिवेणी बाजार में दुकान लेनी होती है, इसके लिए उसे मेला प्रशासन में अपनी दुकान का रजिस्ट्रेशन कराना होता है. रजिस्ट्रेशन के लिए 19 दिसंबर से 22 दिसंबर तक का समय दिया गया है. इस रजिस्ट्रेशन के लिए अस्थाई मेला प्राधिकरण कार्यालय स्थित काउंटर पर उपस्थित होकर कराया जा सकता है.
रजिस्ट्रेशन का यह है तरीका
महाकुंभ के अपर मेलाधिकारी दयानन्द प्रसाद बताते हैं कि त्रिवेणी बाजार में दुकान की बुकिंग कराने के लिए आपको अपनी दुकान का रजिस्ट्रेशन कराना होता है. इसके लिए मेला प्राधिकरण के काउंटर में दुकानदार/फर्म का वैध आई०डी० प्रूफ (जैसे- आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेन्स आदि) जमा करना अनिवार्य होता है. उन्होंने बताया कि एक दुकानदार/फर्म द्वारा मात्र एक दुकान हेतु रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है.
जमानत राशि भी जमा करें
त्रिवेणी बाजार में एक दुकान लेने के लिए रु० 20,000/- की जमानत धनराशि रजिस्ट्रेशन के समय जमा करनी होगी, जिसकी प्राप्ति रसीद बोली के समय प्रस्तुत करना होगा. दुकान का आवंटन दिनांक 23.12.2024/ 24.12.2024 को प्रयागराज मेला प्राधिकरण के अस्थाई कार्यालय में आयोजित खुली बोली में सम्मिलित होकर उच्चतम बोली बोलकर प्राप्त किया जा सकेगा. किसी दुकानदार/फर्म को खुली बोली के माध्यम से किये गई दुकानों के आवंटन में कोई भी दुकान आवंटित न होने की दिशा में उसके द्वारा जमा की गई जमानत धनराशि वापस कर दी जाएगी. दुकानों के आवंटन एवं बोली हेतु विस्तृत नियम व शर्तें रजिस्ट्रेशन के समय देखी जाती हैं.
अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए हमारा एप्प डाउनलोड करें |
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Source link