पुतिन के न्यूक्लियर चीफ जनरल इगोर किरिलोव की मंगलवार को मॉस्को में हुए एक धमाके में मौत हो गई. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले की जिम्मेदारी यूक्रेन की सिक्योरिटी सर्विस एजेंसी (SBU) से जुड़े एक सूत्र ने ली है.
यूक्रेन ने एक दिन पहले ही जनरल इगोर को युद्ध अपराधी घोषित किया था. उसका कहना है कि किरिलोव ने ही यूक्रेनी सैनिकों पर केमिकल हथियारों के इस्तेमाल का निर्देश दिए थे. उधर रूस का कहना है कि किरिलोव ने यूक्रेन में पेंटागन के बायोलैब्स का पर्दाफाश किया था, जिसके चलते उन्हें निशाना बनाया गया है.
रूस का अमेरिका पर बड़ा आरोप
रूस का कहना है कि किरिलोव ने 2 साल पहले यूक्रेन में पेंटागन के बायोलैब्स का खुलासा किया था, जिसके चलते उनकी हत्या की गई है. 54 वर्षीय किरिलोव ने विशेष सैन्य अभियान के दौरान यूक्रेनी प्रयोगशालाओं में पाए गए दस्तावेजों का हवाला देते हुए कथित अमेरिकी जैविक गतिविधियों को उजागर किया था. मार्च 2022 में, उन्होंने दस्तावेज पेश करते हुए दावा किया कि यूक्रेन में पेंटागन की ओर से फंडेड बायोलैब में चमगादड़ों और पक्षियों का इस्तेमाल कर जैविक हथियार विकसित किया जा रहा था.
इस खुलासे की वजह से मारे गए न्यूक्लियर चीफ?
Sputnik की रिपोर्ट के अनुसार, किरिलोव ने बताया था कि दस्तावेजों से पता चलता है कि यूक्रेन की आबादी पर एक्सपेरिमेंट, दवाइयों के परीक्षण और आक्रामक उद्देश्यों के लिए बायोलॉजिकल सैंपल अमेरिका भेजे गए हैं.
(1/9) LEGACY OF TRUTH: REMEMBERING GENERAL KIRILLOV WHO EXPOSED PENTAGON-RUN BIOLABS IN UKRAINE
Kirillov, 54, led Russias efforts to expose alleged US biological activities, citing documents found in Ukrainian laboratories during the special military operation. Check out his pic.twitter.com/4enOudu8wK
— Sputnik (@SputnikInt) December 17, 2024
सितंबर 2023 में किरिलोव ने कैलिफोर्निया के एक अवैध बायोलैब का हवाला देते हुए अमेरिकी बायोलैब नेटवर्क को बायोलॉजिकल खतरा करार दिया, जिसमें COVID-19, HIV और हेपेटाइटिस जैसे बैक्टीरिया/वायरस को रखा गया था. इसके अलावा उन्होंने जनवरी 2024 में जीना हास्पेल, एलेक्स अज़ार और एंथनी फौसी सहित वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों पर COVID-19 वायरस की उत्पत्ति से जुड़ी जांच में बाधा डालने का आरोप लगाया था.
पेंटागन के पूर्व अधिकारी ने भी उठाए सवाल
वहीं पेंटागन के एक पूर्व अधिकारी माइकल मलूफ ने भी किरिलोव की हत्या को अमेरिका-यूक्रेन के बायो-रिसर्च खुलासे से जुड़ा बताया है. उन्होंने कहा कि किरिलोव ही वह शख्स थे जिन्होंने खुलासा किया था कि उन लैब में केमिकल और बायोलॉजिकल रिसर्च की जा रही है.
EX-PENTAGON ANALYST: MURDER OF RUSSIAN GENERAL KIRILLOV IN MOSCOW ‘TERRORISM,’ CONNECTED TO US-UKRAINE BIO-RESEARCH REVELATIONS
Michael Maloof, a former senior security policy analyst in the Office of the US Secretary of Defense, on the assassination of Lt. Gen. Kirillov: pic.twitter.com/b9H3ze8ajR
— Sputnik (@SputnikInt) December 17, 2024
पेंटागन के पूर्व अधिकारी ने बताया है पिछले साल विक्टोरिया नुलांड ने अमेरिकी कांग्रेस के सामने गवाही में बताया था कि अगर रूस, यूक्रेन के कुछ हिस्सों पर कब्जा करता है तो यह अच्छा नहीं होगा क्योंकि उन स्थानों पर काफी कुछ है. मलूफ ने कहा है कि अमेरिका उन रिसर्च लैब में जो कुछ कर रहा है, यही वजह है कि बाइडेन प्रशासन नहीं चाहता कि उसका खुलासा हो.
किरिलोव की हत्या में NATO और CIA का हाथ?
उधर अमेरिका सेना के रिटायर्ड कर्नल ने किरिलोव की हत्या को लेकर एक बड़ा दावा किया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म X पर पोस्ट किया है कि, ‘अफवाह है कि रूस के टॉप जनरल इगोर किरिलोव की हत्या के मामले में यूक्रेन में NATO और CIA के लोग शामिल थे.
BREAKING: Rumors emerging that NATO and the CIA were heavily involved in the assassination of top Russian General Igor Kirillov in Ukraine.
— Douglas Macgregor (@DougAMacgregor) December 17, 2024
किरिलोव की हत्या का एक संदिग्ध गिरफ्तार
इगोर किरिलोव को पुतिन ने अप्रैल 2017 में न्यूक्लियर फोर्स का चीफ बनाया था. वह देश में रेडिएशन, केमिकल और जैविक हथियारों के भी चीफ थे. रूस के अधिकारियों ने किरिलोव की हत्या के मामले में एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया है. जांच कमेटी ने अपने बयान में बताया है कि लेफ्टिनेंट जनरल इगोर किरिलोव और उनके सहयोगी की हत्या करने वाले हमले के संदेह में एक उज्बेकिस्तान के नागरिक को गिरफ्तार किया गया है. जांच कमेटी के मुताबिक 29 वर्षीय संदिग्ध ने बताया है कि उसे यूक्रेन की स्पेशल फोर्सेस ने नियुक्त किया था.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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