Ghaziabad News :
11 दिसंबर को चंद्रपुरी में युवती के आत्मदाह के मामले में पीड़ित पिता ने बताया कि उन्होंने 20 करोड़ की संपत्ति बेटी के नाम पर कर रखी थी। उसकी नजर बेटी की उसी संपत्ति पर थी, जबकि बेटी उससे प्यार कर बैठी थी। उसे फराज पर बड़ा भरोसा था। जब होटल में “रोका” की रस्म होने के बाद फराज ने इस रिश्ते का अभी खुलासा न करने की बात कही थी, तभी मैने बेटी से कहा था कि माजरा क्या है, मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा लेकिन मेरी बेटी बोली, मैं फराज को जानती हूं, वह कुछ गलत नहीं कर सकता।
प्यार में धोखा खाने का सदमा न झेल सकी
पीड़ित पिता का कहना है कि जब बेटी को असलियत पता चली तो वह प्यार में धोखा खाने का सदमा न झेल सकी और आत्मदाह कर लिया। आरोपी 38 वर्षीय फराज अथर पुत्र शब्बन अली मूलरूप से दिल्ली में गली नंबर-16, चौहान बांगर शाहदरा का रहने वाला है हालांकि वर्तमान में वह नोएडा के सेक्टर-105 में रह रहा था,और अब उसका नया पता डासना जेल, गाजियाबाद हो चुका है।
14 नवंबर को बेटी को नमाज पढ़ते देखा
पिता ने बताया कि उनकी बेटी कुछ दिनों से अलग- अलग रहने लगी थी। वह 14 नवंबर को अचानक बेटी के कमरे में पहुंचे तो उसे नमाज पढ़ते देख सन्न रह गए। सदमें के चलते उन्हें ब्रेन अटैक आ गया और नोएडा के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा। बाद में बेटी से उन्हें यह भी पता चला कि प्रेम जाल में फंसाने के बाद फराज ने बेटी को जबरन मुस्लिम धर्म अपनाने पर मजबूर किया। उसे इस्लाम धर्म की किताबें पढ़ने को मजबूर किया जाता था, इसके लिए उसको ट्रेनिंग दिलाई गई थी।
आईसीयू में मांगा बेटी का हाथ
15 नवंबर को फराज बेटी के साथ उन्हें देखने आईसीयू में पहुंचा। जहां उसने मेरे हाल का फायदा उठाते हुए बेटी का हाथ मांगते हुए उसे हमेशा खुश रखने और बेटे की तरह उनका भी ध्यान रखने की बात कहते हुए शादी के लिए हां करा ली। इस बीच फराज ने एक कागज पर दस्तखत भी ले लिया जिस पर लिखा था कि मुस्लिम धर्म में बेटी के शादी करने से उन्हें कोई एतराज नहीं है। युवती के पिता का कहना है कि फराज ने अपने भाई कासिफ के कहने पर यह पत्र तैयार कर हस्ताक्षर कराए थे। उनके मुताबिक कासिफ सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता है।
24 नवंबर को रेडिसन होटल में बुलाया
युवती के पिता ने बताया कि फराज ने शादी के संबंध में बात करने के लिए उन्हें और उनकी बेटी को नोएडा के रेडिसन होटल में बुलाया। जहां उसका भाई कासिफ, मां मोह तलत, बहन सना और दो अन्य लोग भी मौजूद थे। सबने मिलकर उन्हें मीठी मीठी बातों में फंसाकर “रोका” की रस्म भी करा ली। रेडिसन होटल का पूरा खर्च मेरी बेटी पर डाल दिया गया। होटल से निकलते समय उन्हें कहा गया कि शादी होने तक इस रिश्ते का खुलासा न करें।
बाद में लगा दी संपत्ति नाम कराने की शर्त
युवती के पिता के मुताबिक फराज उनसे जब भी मिलता शादी की बातें करता। बेटी भी शादी की तैयारियों में लगी थी। उसने मुझे 5 दिसंबर को बताया था कि शादी के लिए कागज तैयार हो गए हैं। हम दोनों जल्दी ही कोई डेट तय कर शादी कर लेंगे, लेकिन 10 दिसंबर को फराज ने अपना असली रूप दिखा दिया। उसने साफ- साफ कह दिया कि पहले अपने नाम की संपत्ति मेरे नाम कराओ, फिर शादी करूंगा। इस पर बेटी बुरी तरह टूट गई और उसने चंद्रपुरी वाले मकान में खुद को आग के हवाले कर दिया।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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