उत्तर प्रदेश में बकरी पालन तेजी से बढ़ता रोजगार हो रहा है. पशुपालकों को इस रोजगार से तगड़ा मुनाफा हो रहा है. प्रदेश सरकार इस योजना के लिए किसानों को जागरूक कर इससे जुड़ने की अपील कर रही है. प्रदेश के गाजीपुर जिले में किसान अब पशुपालन में अपनी जागरूकता दिखा आरहे हैं. वह खेती किसानो के साथ अब बकरी पालन कर रहे हैं और मुनाफा कमा रहे हैं.
जिले के मुहम्मदाबाद में पहले किसान मुख्य रूप से धान, गेहूं और बाजरा की खेती करते थे. लेकिन समय के साथ किसानों ने नकदी खेती की ओर रुख किया. आलू, टमाटर, मटर और हरी मिर्च जैसी फसलों की खेती में बढ़ती व्यस्तता के कारण पशुपालन में रुचि कम हुई. हालांकि, कुछ किसान अब भी बकरी पालन कर सैकड़ों बकरियों से अच्छा खासा लाभ कमा रहे हैं.
ग्रामीण इलाकों में हो रहा बकरी पालन
ग्रामीण इलाकों में बकरी पालन एक प्रमुख रोजगार के रूप में उभर कर सामने आ रहा है. किसान जिस तरह से खेतों में धान, गेहूं, बाजरा आदि की उपज कर रहे हैं, उसी तरह बकरी पालन कर कर भी अधिक लाभ कमा रहे हैं. मोहम्मदाबाद इलाके की बात करें तो इस इलाके में आलू, टमाटर, मटर और हरी सब्जी जैसे फसलों की खेती के कारण किसान पशुपालन में ध्यान कम दे पाते हैं. हालांकि कुछ किसान अब बकरी पालन कर सैकड़ो बकरियों से अच्छा खासा लाभ कमा रहे हैं.
एक बकरी से कमा रहे हजारों रुपये
मोहम्मदाबाद तहसील के सेमरा शिवराय का पूरा के रहने वाले कई किसान जो अब सैकड़ो बकरियों का पालन कर रहे हैं और यह पूरे दिन किसानों को गंगा के किनारे सिवान में इनको चराते रहते हैं. जिससे इन बकरियों के भोजन कराने का खर्च भी बच जाता है. पशुपालकों ने बताया कि बकरियां साल में दो बार बच्चा देती हैं और एक साथ में कई बच्चा भी देती हैं. एक बकरी की कीमत कम से कम 5000 रुपये तक जाती है.
महंगा बिक रहा बकरी का दूध
बकरी का दूध स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. शायद यही कारण है कि गाय और भैंस के दूध से ज्यादा महंगा बकरी का दूध बाजार में बिक रहा है. बकरी का दूध वर्तमान समय में करीब 200 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से घर बैठे पशुपालकों के बिक जाता है. विभिन्न रोगों से पीड़ित व्यक्ति खुद बकरी पालकों के पास पहुंचकर अपने मरीज के लिए दूध की खरीदारी करता है.
युवाओं का बढ़ रहा रुझान
इस व्यवसाय से जुड़े हुए किसान यह मानते हैं कि यह युवाओं के लिए बेहतरीन रोजगार हो सकता है. क्योंकि आज युवा पढ़ लिखकर इधर-उधर रोजगार के लिए भटक रहे हैं और अपने पढ़ाई का थोड़ा सा भी तकनीक इस बकरी पालन में वह लगा दे तो अपने भविष्य को सवार सकते हैं. साथ ही साथ अपने गांव में बैठे आय का बढ़िया जरिया भी बना सकते हैं.
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को नहीं जानकारी
हालांकि, इस संबंध में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अरविंद कुमार शाही से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है कि जिले में इस योजना के तहत कितने लाभार्थी लाभ लेकर बकरी पालन कर रहे हैं. साथ ही वह यह भी नहीं बता पाए कि यह योजना क्या है. इसके लिए उन्होंने नोडल अधिकारी से बात करने को कहा.
मिलती है 50 फीसदी सब्सिडी
इस योजना की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि उत्तर प्रदेश में बकरी पालन योजना साल 2023 में पशुपालन विभाग के माध्यम से शुरू किया गया है. जिसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश के नागरिकों को उनके व्यवसाय स्थापित करने के लिए बकरी पालन पर सब्सिडी देकर प्रदेश में पशुपालन को बढ़ावा देना है. इस योजना पर सिर्फ उत्तर प्रदेश के रहने वाले लोग ही लाभान्वित हो सकते हैं. जिसमें 50% तक सब्सिडी देने की योजना है और इसके लिए इस व्यवसाय में रुचि रखने वाला व्यक्ति ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन कर सकता है.
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