उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के रेवतीपुर गांव के बहोरिक राय पट्टी के रहने वाले आनंद शिव शर्मा ने अपने गांव का नाम रोशन कर दिया. उनका अमेजन कंपनी में सवा करोड़ रुपये सालाना पैकेज पर सिलेक्शन हुआ है. इंजीनियर के बेटे आनंद शिव शर्मा का अमेरिका में अमेजन कंपनी में बिजनेस इंटेलिजेंस एनालिस्ट के तौर पर सिलेक्शन हुआ है. जब इस बात की जानकारी आनंद शिव शर्मा के परिवार और गांव वालों को मिली तो उनमें खुशी की लहर दौड़ पड़ी.
गांव वाले उनके परिवार के लोगों को बधाई देने पहुंचे. इस दौरान लोगों ने आनंद की कामयाबी का जश्न मनाया और उन्हें उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं. इसके साथ ही उम्मीद जताई कि आनंद आगे भी इसी तरह गांव का नाम रोशन करते रहेंगे. आनंद शिव शर्मा के पिता इंजीनियर सदा शिव शर्मा ने कहा कि उनके दो बेटे हैं, जिनमें बड़ा बेटा शिवांशु शर्मा गढ़मुक्तेश्वर में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में प्रिंसिपल है और छोटा बेटा आनंद शिव शर्मा है.
अमेरिका से मास्टर ऑफ साइंस
उन्होंने बताया कि उनका छोटा बेटा आनंद शुरू से ही होनहार रहा है. आनंद शिव शर्मा की प्राथमिक शिक्षा गांव के प्राइमरी स्कूल और इंटर तक की पढ़ाई गाजीपुर स्थित एक स्कूल से हुई. इसके बाद उन्होंने बी-टेक हैदराबाद से किया और फिर अमेरिका से मास्टर ऑफ साइंस से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद तैयारियों में जुट गए थे. इसी दौरान उनका सिलेक्शन अमेजन कंपनी में हो गया.
मां-पिता को दिया कामयाबी का श्रेय
पिता ने आगे कहा कि बेटे का अमेजन कंपनी में बिजनेस इंटेलिजेंस एनालिस्ट के पद पर चयन होना बहुत गर्व की बात है. आनंद शिव शर्मा ने बातचीत में कहा कि ये उनकी जिंदगी का ऐतिहासिक पल है. अगर मन में कुछ कर गुजरने की क्षमता है तो मंजिल को हासिल किया जा सकता है. इसके लिए शिक्षा के साथ अनुशासन भी जरूरी है. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और परिवार को दिया. इसके साथ ही दोस्तों के सपोर्ट को भी उन्होंने अपनी सफलता का क्रेडिट दिया.
अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए हमारा एप्प डाउनलोड करें |
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Source link