अवध ओझा और चौधरी अनिल
राजनीति में नए-नए एक्टिव हुए अवध ओझा इस बार दिल्ली की पटपड़गंज विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं. इस सीट से पहले मनीष सिसोदिया चुनाव लड़ते थे, लेकिन इस बार उनकी सीट बदलकर यहां अवध ओझा को टिकट दिया गया है. ओझा के लिए अपना पहला चुनाव आसान नहीं होने वाला है, ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस ने यहां से दिग्गज नेता पूर्व दिल्ली कांग्रेस चीफ चौधरी अनिल को उम्मीदवार बनाया है.
कांग्रेस ने दिल्ली कांग्रेस के पूर्व चीफ चौधरी अनिल को पटपड़गंज से प्रत्याशी बनाया है, अनिल इस सीट से पहले भी विधायक रह चुके हैं. ऐसे में इस इलाके में उनकी अच्छी खासी पकड़ है, तो वहीं अवध ओझा के लिए ये पूरी विधानसभा ही नयी है.
कौन हैं अनिल चौधरी
अनिल चौधरी का जन्म 1976 में भारत की राजधानी दिल्ली में हुआ था. दिल्ली विधानसभा चुनाव 2008 में अनिल चौधरी ने पटपड़गंज विधानसभा से जीत दर्ज की थी, लगातार 10 वें राउंड तक पिछड़ते के बाद अनिल ने करते हुए अंतिम राउंड में भाजपा प्रत्याशी को 639 वोटों से हराकर जीत हासिल की थी.
ये भी पढ़ें
चौधरी विधायक बनने से पहले 2002 से 2007 तक पार्षद भी रहे हैं. अनिल का कांग्रेस के अंदर कद काफी बड़ा है, वे कांग्रस के दिग्गज नेताओं में शुमार हैं. चौधरी दिल्ली प्रदेश युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के साथ ही दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं.
महीने भर पहले ही आप में शामिल हुए थे ओझा
इस महीने की शुरुआत में ही अवध ओझा आम आदमी पार्टी में शामिल हुए और उन्हें अपेक्षाकृत सुरक्षित मानी जाने वाली पटपड़गंज से उम्मीदवार बनाया. पूर्वी दिल्ली के इस निर्वाचन क्षेत्र को आप का गढ़ माना जाता है, जिसका प्रतिनिधित्व 2013 से मनीष सिसोदिया कर रहे हैं. लेकिन अब कांग्रेस उम्मीदवार के मैदान में उतरने से ओझा के लिए चुनाव आसान नहीं रहने वाला है.
कैसा रहा पटपड़गंज का इतिहास
1993 में इस सीट पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी, जिसके बाद तीन बार यहां कांग्रेस का कब्जा रहा है. 2013 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर मनीष सिसोदिया जीते, जिसके बाद 2015 में भी उन्होंने आप का झंडा बुलंद किया. पिछले चुनाव में यहां से बीजेपी ने रवींद्र सिंह नेगी,कांग्रेस ने लक्ष्मण सिंह रावत और आप ने सिसोदिया को प्रत्याशी बनाया था. इस चुनाव के कांग्रेस और आप ने अपने पत्ते खोल दिए हैं, अब देखना होगा बीजेपी किसे अपना उम्मीदवार बनाती है.
– India Samachar
.
.
Copyright Disclaimer :- Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
यह पोस्ट सबसे पहले टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम पर प्रकाशित हुआ , हमने टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम के सोंजन्य से आरएसएस फीड से इसको रिपब्लिश करा है, साथ में टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम का सोर्स लिंक दिया जा रहा है आप चाहें तो सोर्स लिंक से भी आर्टिकल पढ़ सकतें हैं
The post appeared first on टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम Source link